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पुलिस ने कहा, “यूट्यूबर Agastay Chauhan 294 किलोमीटर/घंटे की गति से चला रहे थे Kawasaki Ninja सुपरबाइक”

यूट्यूबर Agastay Chauhan की सुपरबाइक पर हुई घातक दुर्घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने दुर्घटना का विवरण देते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। मीडिया को दिए गए SSP के बयान के मुताबिक, दुर्घटना के समय चौहान की Kawasaki Ninja ZX-10R को 294 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा था। यह निष्कर्ष, दुर्घटनास्थल पर मिले एक एक्शन कैमरे से प्राप्त वीडियो फुटेज के आधार पर निकाला गया है।

सामने आए फुटेज में से एक स्नैपशॉट में चौहान को घातक दुर्घटना से कुछ क्षण पहले यमुना एक्सप्रेसवे पर 294 किलोमीटर प्रति घंटे की खतरनाक उच्च गति पर Kawasaki Ninja 1000 की सवारी करते हुए देखा जा सकता है। SSP के बयान में यह भी बताया गया, कि वह पहले भी ऐसा कर चुका और उसकी तेज गति की सवारी की आदतों के लिए पहले भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी।

देहरादून स्थित व्लॉगर, जिसका ‘प्रो राइडर 1000’ नाम का एक यूट्यूब चैनल था, वह सब्सक्राइबर्स के बीच एक युवा और तेज़ सवार के रूप में जाना जाता है। पुलिस ने यह भी कहा कि उसको लापरवाह और खतरनाक सवारी के लिए पहले भी कई बार दंडित किया गया था और यहां तक कि एक काउंसलिंग सेशन से भी गुजरना पड़ा। हालांकि, यह सभी प्रयास और दंड बेकार गए क्योंकि उसने अंत में फिर भी सुपरबाइक पर तेज गति से सवारी करते हुए उसने अपनी जान गंवा दी।

फिलहाल पुलिस अभी भी दुर्घटना की जांच कर रही है और जल्द ही इसके निष्कर्ष निकालने की उम्मीद है। वहीं, प्रारंभिक परिणाम बताते हैं कि उसकी लापरवाही सवारी दुर्घटना का कारण थी, जिसका समर्थन दुर्घटना के बाद टूटा Kawasaki Ninja ZX-10R खुद करता है।

ऐसा देखा गया है, कि सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलोअर्स की इच्छा कई युवाओं को खतरनाक और जानलेवा गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है। इतना ही नहीं, उचित प्रशिक्षण के बिना उच्च गति पर उच्च प्रदर्शन वाली मशीनों की सवारी करना सवारों और अन्य मोटर चालकों के जीवन को जोखिम में डालता है और सड़क सुरक्षा कानूनों का भी उल्लंघन करता है।

बाइकर्स बार-बार 300 किमी/घंटा की रफ्तार की कोशिश कर रहे हैं

पुलिस ने कहा, “यूट्यूबर Agastay Chauhan 294 किलोमीटर/घंटे की गति से चला रहे थे Kawasaki Ninja सुपरबाइक”

पहले भी COVID महामारी के कारण 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान, बैंगलोर के एक बाइकर ने इसी तरह के खतरनाक स्टंट का प्रयास किया था। उसने सार्वजनिक सड़कों पर 299 किलोमीटर/घंटा की गति से Yamaha YZF-R1 की सवारी करते हुए अपना एक वीडियो पोस्ट किया और बाद में पुलिस द्वारा पकड़ा गया। मगर उसके लापरवाह व्यवहार के लिए उसके खिलाफ अभी तक कोई आधिकारिक कार्यवाही नहीं की गई है।

यह कहना गलत नहीं होगा, कि सार्वजनिक सड़कों पर तेज गति बेहद खतरनाक होती है। लंबे समय से सुपरबाइक्स चलाने वाले अनुभवी राइडर्स भी जानते हैं, कि भारतीय सड़कों पर तेज गति अप्रत्याशित हो सकती है और दुर्घटनाएं जल्दी हो सकती हैं। ऐसे में, सभी की सुरक्षा के लिए हाई-स्पीड रन को ट्रैक तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। हालांकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं, कि ट्रैक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं और दुर्घटनाएं वहां भी होती हैं मगर अब भी रेसिंग ट्रैक सार्वजनिक सड़कों की तुलना में अधिक नियंत्रित वातावरण प्रदान करते हैं।

गौरतलब है, कि सार्वजनिक यातायात और आवारा पशुओं की अनुपस्थिति के कारण ट्रैक पर दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम बहुत कम होता है। इसके अलावा, पटरियों को दुर्घटनाओं के प्रभाव को कम करने और सवारों को घातक चोटों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके साथ ही, अधिकांश ट्रैक चिकित्सा उपचार भी प्रदान करते हैं जो दुर्घटना के बाद शुरुआती क्षणों में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।यही वजह है, कि  सार्वजनिक सड़कों के बजाय नियंत्रित वातावरण में तेज गति से गाड़ी चलाना हमेशा बेहतर होता है।

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