हाल ही में Team-BHP पर एक्सीडेंट में शामिल 2013 Mahindra XUV500 W8 की फ़ोटो और डिटेल्स आई थीं. ये फोटो एक पूरी तरह से बर्बाद XUV500 को दिखाती है जिसका एक्सीडेंट NCR में हुआ था. चौंकाने वाली बात ये है की इतना डैमेज होने के बाद भी कार के 6 एयरबैग्स में से एक भी नहीं खुला. पीड़ित ओनर Arvind ने ये साफ़ किया की इस कार में कोई भी सीट कवर, बम्पर गार्ड, या एक्सेसरीज़ नहीं थीं. और तो और, सभी पैसेंजर्स ने सीट बेल्ट लगाई हुई थी. उन्होंने ये भी बताया की एक्सीडेंट के दौरान गाड़ी चला रहे उनके बेटे के सिर पर गहरी चोटें आई हैं.
जैसा की हमने कहा, डैमेजड XUV500 की फोटो ऑनलाइन फेमस हो रही हैं. अधिकांश लोग हैरान थे की इस मामले में एयरबैग्स को खुलने से रोकने वाले कोई भी चीज़ मौजूद ना होने के बावजूद एयरबैग्स नहीं खुले.
Mahindra XUV500 के ओनर और वेबसाईट पर मौजूद लोग भी इस एक्सीडेंट की थर्ड पार्टी जांच की मांग कर रहे हैं ताकि ये बात पता लग सके की एयरबैग्स आखिर खुले क्यों नहीं थे.
कल रात, Team-BHP मॉडरेटर GTO ने फोरम पर Mahindra के फार्म और ऑटोमोटिव डिवीज़न के प्रेसिडेंट Rajan Wadhera का एक पत्र शेयर किया. नीचे इसका एक अंश दिया गया है:
हम मई 2018 में गुड़गाँव में एक XUV 500 के एक्सीडेंट से अवगत हैं. हमें इस बात को सुनकर बेहद दुःख हुआ की गाड़ी चला रहे युवक को गंभीर चोटें आई हैं. हम प्रार्थना करते हैं की वो जल्दी ही ठीक हो जाएँ. हम इस घटना के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करते हैं और कल्पना कर सकते हैं की उनका परिवार कितने कष्ट में होगा. हम कस्टमर से लगातार संपर्क में हैं.
चिंतित लोगों और कस्टमर्स ने इस एक्सीडेंट में एयरबैग्स के ना खुलने के कारण को लेकर सवाल उठाया है. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट इस निष्कर्ष पर पहुँच रहे हैं की चूंकि इस घटना में एयरबैग्स नहीं खुले, XUV500 सेफ गाड़ी नहीं है. मैं आपको आश्वासन देता हूँ की हम ऐसे एक्सीडेंट को गंभीरता से लेते हैं और एक बार जब हमारे पास गाड़ी आएगी तो हम इसकी गहन जांच करेंगे.
Wadhera ने फिर XUV500 के कुछ सेफ्टी फ़ीचर्स के बारे में लिखा. उन्होंने कहा की XUV500 को 2011 में लॉन्च किया गया था और ये इंडिया में डिजाईन की हुई पहली गाड़ी होगी जिसके सभी वैरिएंट में ABS और एयरबैग्स मिलेंगे. उन्होंने आगे ये भी कहा की Mahindra अपने XUV500 के सेफ्टी फ़ीचर्स के बारे में भविष्य का भी सोच रही है. उन्होंने कहा की कंपनी के पास कस्टमर्स के बयान हैं जो बताते हैं की एयरबैग्स और गाड़ी की मजबूती ने कैसे उनकी जान बचाई. फिर वो कह रहे थे की एयरबैग्स तब खुलते हैं जब एक टक्कर होने पर सेंसर्स सिग्नल डिटेक्ट कर सकें. सेंसर्स को ऐसे बनाया जाता है की वो इस बात को सुनिश्चित करें की एयरबैग्स बेमतलब ना खुल जाएँ. उन्होंने ये भी कहा की ‘कभी-कभी एक एक्सीडेंट ज़ोरदार मालूम पड़ता है लेकिन टक्कर उतनी तेज़ नहीं होती की एयरबैग्स खुल सकें.’ Mahindra के सीनियर कर्मचारी का ये पत्र ये भी बताता है की कंपनी जल्द ही गाड़ी मंगा लेगी और इसकी गहन जांच करेगी.
टक्कर वाली 2013 Mahindra XUV500 W8 के ओनर Arvind ने इस पत्र का जवाब दिया है और वो इससे संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने इस बात को भी बताया की एक्सीडेंट में थर्ड पार्टी जांच होनी चाहिए लेकिन वो इसके लिए लड़ते ही रहेंगे.
Cartoq Hindi Arvind के बेटे की हालत की जानकारी से बेहद दुखी है और हम कामना करते हैं की वो जल्दी ठीक हो जाएँ. साथ ही, हम Mahindra से गुजारिश करते हैं की वो इस घटना की गहन जांच करे और एयरबैग्स के ना खुलने का कारण पता करे.