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देखिये Renault Duster कैसे एक रूसी टैंक से टक्कर ले रही है [विडियो]

Renault Duster फिलहाल देश में बेची जाने वाली सबसे मशहूर SUVs में से एक है. भारत में 2012 में लॉन्च हुई Duster थोड़ा टफ दिखती है लेकिन इसकी राइड बेहद स्मूथ है. हलांकि ये गाड़ी ऑफ-रोडिंग में भी काफी अच्छा प्रदर्शन करती है, लेकिन टैंक की टेस्टिंग वाली जगह पर इसका क्या जोर चलेगा? पर Motor.ru ने Renault Russia का Duster लिया और इसमें टैंक ट्रैक्स लगाकर इसे एक T-80 टैंक के सामने उतार दिया.

इस विडियो की शुरुआत एक आम रीव्यू की तरह होती है, लेकिन ये टैंक की टेस्टिंग वाली जगह से शुरू होता है जहां दुनियाभर की सेनाएं प्रतियोगिता में हिस्सा लेती हैं. रीव्यूर पहले हमें बताता है की कैसे यूरोपीय Duster और इस SUV का रूसी मॉडल अलग हैं. एक अंतर जो वो बताते हैं वो है की रूसी स्पेक Duster का ग्राउंड क्लीयरेंस 200 एमएम पर ज्यादा है.

फिर वो Duster को टैंक टेस्टिंग ग्राउंड पर ले जाकर इसकी ऑफ-रोडिंग क्षमता दर्शाने की कोशिश करते हैं. वो Duster को छोटे-मोटे गड्ढों से पार कराते हुए Renault के सस्पेंशन सेटअप की तारीफ़ करते हैं. फिर वो बताते हैं की Duster ऑफ-रोडिंग में काफी अच्छी है इसीलिए आपको इसके फंसने की चिंता नहीं करनी चाहिए. लेकिन, कुछ समय के बाद ही गाड़ी फँस जाती है.

देखिये Renault Duster कैसे एक रूसी टैंक से टक्कर ले रही है [विडियो]

शुक्र की बात है की वो रूस में विकसित किया गया ट्रैक वाला Duster इस्तेमाल करने लगते हैं, इसमें आम SUV का सस्पेंशन सेटअप और 4 टैंक ट्रैक्स लगे हैं. रीव्यूर बताते हैं की ट्रैक वाले Duster को रोमानिया की सेना इस्तेमाल करेगी (Duster को Renault की सब्सिडियरी Dacia ने विकसित किया था, और ये रोमानिया की कंपनी है), लेकिन उस गाड़ी पर आर्मर, रोल-बार प्रोटेक्शन, और मशीन गन लगी होगी. ट्रैक वाली Duster टैंक टेस्टिंग ग्राउंड पर अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है, उसके बाद Motor.ru के रीव्यूर इसे एक टैंक के सामने उतारने का फैसला करते हैं.

वो फिर T-80 टैंक चुनते हैं, इसका निर्माण 1976 से हो रहा है और इसका वज़न 46 टन है एवं इसमें या तो एक डीजल इंजन या गैस टरबाइन लगा होता है जो 1,250 एचपी उत्पन्न करता है.

शुक्र की बात है की वो T-80 को केवल एक रेस के लिए ही ललकारते हैं. रेस शुरू होती है और पहले लगता है की Duster जीत जायेगी, क्योंकि वो टैंक से आगे रह रही थी. लेकिन, जैसे की कीचड़ और गाढ़ा होता जाता है, Duster को दिक्कत आने लगती है और कीचड़ उसकी विंडस्क्रीन को ब्लॉक करने लगता है. लेकिन T-80 जो सड़क पर 70 किमी/घंटे और मुश्किल राहों पर 46 किमी/घंटे तक जा सकती है, आसानी से आगे बढ़ जाती है और भारी होने के बावजूद ये रेस जीत जाती है.

लेकी ये बात भारत में Renault को नहीं बचाएगी. कार की सेल्स ठीक-ठाक हैं, लेकिन ये अब ओउरानी हो चली है. वहीँ Captur ने भी कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है. उम्मीद है Renault जल्द ही कुछ अच्छा लेकर सामने आएगी. क्या Nissan Kicks वो गाड़ी होगी? ये तो समय ही बताएगा.