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इस विडियो में Fortuner और Scorpio ऑफ-रोडिंग में फँस जाती है वहीँ Endeavour आसानी से चलती जाती है!

अगर आपके पास सही अनुभव और सही गाड़ी हो तो ऑफ-रोडिंग काफी मज़ेदार हो सकती है. जहां कई SUVs में 4X4 सिस्टम के साथ लो-रेश्यो ट्रान्सफर केस मिलता है, हर गाड़ी अपने आप में अलग तरह से व्यवहार करती है और उसे ऑफ-रोडिंग के दौरान अलग तरह से हैंडल करना पड़ता है. Anshuman Bishnoi का एक नया विडियो इसी चीज़ को दर्शाता है की ऑफ-रोडिंग के दरुआन एक गाड़ी को सही से हैंडल करने से वो और भी काबिल बन जाती है.

इस विडियो में रेगिस्तान में एक लम्बे बलुआही रास्ते को दिखाया गया है और वहां की सतह काफी ढीली है. इस विडियो में पहले एक पुरानी Ford Endeavour को बड़े अच्छे से चढ़ान पर चढ़ टीले से ऊपर पहुँचते हुए देखा जा सकता है. Isuzu D-Max V-Cross अंत में फँस जाती है और उसके चक्के घूमने लगते हैं. Mahindra Thar एक बार में ही बाधा पार कर लेती है. Maruti Suzuki Gypsy और Mahindra Scorpio भी फँस जाती है वहीँ Isuzu D-Max V-Cross दुबारा कोशिश करने पर भी सफल नहीं हो पाती. इस विडियो में एक पुरानी Pajero भी फँस जाती है वहीँ एक पुरानी मॉडिफाइड Toyota Fortuner सफलता से टीले पर चढ़ जाती है. Isuzu V-Cross एक बार फिर कोशिश कर सफल हो जाती है पर Gypsy और Scorpio दुबारा भी सफल नहीं होतीं.

इसके बाद एक पुरानी स्टॉक Fortuner बीच में फँस जाती है. लेकिन Pajero दुबारा कोशिश कर सफल हो जाती है. इसी विडियो में हम देख सकते हैं की Tata Storme नाकाम होती हैं वहीँ एक पुराने जनरेशन वाली मॉडिफाइड Toyota Fortuner भी असफल होती है. नयी जनरेशन वाली Ford Endeavour यहाँ आसानी से सफल हो जाती है. Scorpio एक बार फिर कोशिश कर सफल हो जाती है.

इस बाधा के सामने दो पुरानी स्टॉक Toyota Fortuner के साथ बाकी गाड़ियां भी पहले बार में असफल होती हैं. केवल Isuzu V-Cross और एक पुरानी मॉडिफाइड Toyota Fortuner दूसरी बार में सफल होती हैं.

गाड़ी के अलावे ऑफ-रोडिंग में क्या मायने रखता है?

4X4 के साथ लो-रेश्यो ट्रान्सफर केस वाली कुछ गाड़ियों के अलावे एक अनुभवी ड्राईवर का होना भी ज़रूरी होता है. ऑफ-रोडिंग के दौरान और भी कुछ बातें याद रखनी चाहिए.

वेग ज़रूरी होता है. जब गाड़ी को ग्रिप नहीं मिलता तो ड्राईवर एक्सीलीरेटर से पैर हटाकर गाड़ी का वेग कम कर देते हैं, इससे गाड़ी चढ़ान पर चढ़ नहीं पाती. हमेशा एक-दो सेकेण्ड के लिए एक्सीलीरेटर दबाये रखें क्योंकि हो सकता है की टायर्स ने जो ग्रिप खोई हो, वो उन्हें घूमते हुए वापस मिल जाए.

ड्राईवर का अनुभव. ये भी एक बड़ी ज़रूरी चीज़ होती है और ड्राईवर को गाड़ी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए. कई गाड़ियों में अलग अलग पॉवरबैंड में पॉवर मिलता है और इसे समझना ज़रूरी होता है. ड्राईवर का अनुभव तब काम आता है जब गाड़ी को अलग-अलग लाइन में चलते हुए ऊपर तक पहुंचना होता है.

लो-एंड टॉर्क. SUVs को मुश्किल जगहों पर चलने के लिए लो-एंड टॉर्क की ज़रुरत होती है. पेट्रोल गाड़ी होने के चलते Gypsy को टॉर्क काफी ज्यादा आरपीएम पर मिलता है जिससे ढीले जगह पर उसके चक्के घूमने लगते हैं और वो असफल होती है/

रास्ता जानना. ऑफ-रोडिंग के दौरान ड्राइविंग के लाइन का अंदाजा लगाना बेहद ज़रूरी होता है ताकि गाड़ी को अच्छे से ग्रिप मिल सके. सबसे अच्छे लाइन पर गाड़ी को वेग बनाने और अच्छे ग्रिप के लिए जगह मिलती है.

टायर्स. खालिस ऑफ-रोडिंग के दौरान टायर्स काफी ज्यादा मायने रखते हैं. बड़े ब्लॉक के टायर्स को ज्यादा ग्रिप मिलता है और ऑफ-रोडिंग के दौरान ग्रिप एक बेहद अहम चीज़ होती है.