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देखिये CISF जवान मुश्किल हालात में Hindustan Ambassadors को कितनी बहादुरी से चलाते हैं

Hindustan Ambassador को काफी पहले बंद कर दिया गया था लेकिन एक समय पर ये भारत में नेताओं के काफिले की मुख्य गाड़ी हुआ करती थी. हाल ही में Central Industrial Security Force (CISF) [केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल]  ने एक Amabassadors की मदद से एक VIP काफिले के लिए सुरक्षा ड्रिल का प्रदर्शन किया.

हमने विडियो की इस तरीके से डाला है की ये 1:23:36 से शुरू हो. अगर ये शुरुआत से शुरू हो जाता है तो कृपया विडियो को 1:23:36 से देखें.

इस ड्रिल को CISF की 50वीं सालगिरह के मौके पर जनता और सरकारी अधिकारियों के लिए प्रदर्शनी के तौर पर किया गया था. इस मौके पर नए CISF जवान कई करतब कर अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं. इस ड्रिल के सभी भागीदार सब-इंस्पेक्टर रैंक के हैं. इनमें से सबसे रोमांचक ड्रिल था VIP काफिले पर हमले के दौरान CISF कर्मियों द्वारा बचाव के काम वाला ड्रिल.

सबसे पहले, 3 Hindustan Ambassador गाड़ियों के एक VIP काफिले को आम सभा की तरफ बढ़ते हुए देखा जा सकता है. जब गाड़ी गंतव्य के पास धीमी होने लगती है, Personel Security Officers (PSO) गाड़ी से एक लयबद्ध रूप में निकल कर स्थिति का जायजा लेते हैं. वो फिर काफिले के बीच के गाड़ी में जाने लगते हैं जिसमें VIP मौजूद है. दो और CISF जवान भी इसी तरह VIP गाड़ी के पास पहुँचते हैं. चारों सुरक्षा कर्मी VIP गाड़ी के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बनाकर आसपास के हालात पर नज़र रखते हुए गाड़ी के साथ तेज़ी से चलते हैं.

देखिये CISF जवान मुश्किल हालात में Hindustan Ambassadors को कितनी बहादुरी से चलाते हैं

जब Hindustan Ambassador का काफिला मौके पर पहुँच जाता है तब CISF जवान आसपास का जायज़ा लेते हैं और एक और कर्मी VIP गाड़ी से निकला जाता है. विडियो के मुताबिक़ इस दौरान VIP पर आसपास के ऊंचे स्थान से हमला किया जा सकता है और पहले ऐसे कई हमले हो चुके हैं. VIP फिर स्टेज पर पहुँच जाता है जहां CISF के कर्मी उसे गोलियों से बचाने के लिए एक 360-डिग्री के घेरा बनाते हैं. इसी बीच ज़रुरत पड़ने पर तेज़ी से निकल जाने के लिए Ambassadors को पार्क कर दिया जाता है.

इसी दौरान VIP पर भीड़ से हमला होता है और CISF के कर्मी “interpose” पैटर्न बनाते हुए VIP को बीच में रख काफिले के तरफ बढ़ते हैं. जब काफिला बढ़ने लगता है तब एक जवान बाहर खड़ा रहकर उन्हें कवर करता है और फिर चलती गाड़ी की पिछली खिड़की से कूद गाड़ी के अन्दर चला जाता है.

इस प्रदर्शनी में एक बम हमला भी दिखाया जाता है जहां गाड़ियां रुक जाती हैं और फिर J-टर्न करते हुए उलटी दिशा में घूमती हैं. भागते वक़्त Ambassador के काफिले के पीछे हमलवारों की दो Tata Indigo सेडान को देखा जा सकता है. हमलावरों को धीमा करने के लिए स्वीपिंग गाड़ी अपनी रफ़्तार कम कर हमलावरों पर गोलियां चलाने लगती है वहीँ एक Quick Reaction Team (QRT) काफिले की तरफ बढ़ने लगती है. दो Mahindra Boleros में CISF जवान हमलावरों का रास्ता रोकते हैं और उनसे निबटते हैं. विडियो में एक ऐसे ही हालात में एक बड़ी बस को आतंकवादी हाईजैक कर लेते हैं और CISF जवान अपनी काबिलियत से बस को बचाते हैं.

CISF भारत में बड़े उद्योगों को सुरक्षा देती है जिसमें देश के एटॉमिक संयत्र भी शामिल हैं. वो बड़े एयरपोर्ट और मेट्रो जैसी जगहों पर भी सुरक्षा देते हैं. CISF आम नागरिकों एवं कंपनियों को भी फीस पर सुरक्षा देती है. फिलहाल, कई प्राइवेट कंपनियां इनकी सुरक्षा लेती हैं– Infosys Bangalore और Pune, Jamnagar में Reliance रिफाइनरी, वगैराह. Mukesh Ambani और उनके परिवार ने भी 2013 से CISF की सुरक्षा ले रखी है. Ambani परिवार को हमेशा एक सिक्यूरिटी Range Rover या Ford Endeavour के साथ देखा जाता है जिसमें CISF जवान उनके परिवार की सुरक्षा करते हैं.