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भारत में और सस्ती होंगी Volvo की हाइब्रिड कार्स: जाने कैसे

स्वीडिश ऑटो कंपनी Volvo ने घोषणा की है कि वह जल्द ही भारत में स्थानीय रूप से “प्लग-इन हाइब्रिड” कार्स (इलेक्ट्री कार्स) को असेम्बल करना शुरू कर देगा. कंपनी का दावा है कि इस प्रकार वह भारत में प्लग-इन हाइब्रिड असेंबली शुरू करने वाली पहली कार निर्माता बन जाएगी. Volvo भारत में एक टॉप-डाउन रणनीति के तहत कदम बढ़ा रही है और XC90 उसक पहला मॉडल होगा जिसके प्लग-इन हाइब्रिड संस्करण को स्थानीय रूप से असेम्बल किया जाएगा. इसका मतलब है कि Volvo के हाइब्रिड वाहनों की लागत थोड़ी नीचे आ जाएगी क्योंकि कार CBU (कम्पलीट-बिल्ट यूनिट) मार्ग के माध्यम से भारत में नहीं आ रही हैं. साथ ही यह सरकार के Make in India कार्यक्रम के अंतर्गत आएगी.

भारत में और सस्ती होंगी Volvo की हाइब्रिड कार्स: जाने कैसे

इस कार का उत्पादन 2019 के अंत तक Volvo के बेंगलुरु प्लांट में शुरू हो जायेगा. कंपनी XC90 के अलावा कई अन्य प्लग-इन हाइब्रिड मॉडल देश में लाने की योजना बना रही है. अगले तीन वर्षों तक स्थानीय असेंबली और बिक्री के लिए कंपनी विभिन्न हाइब्रिड कार्स को तैयार करेगी. Volvo पहले ही पेट्रोल-डीजल इंजन से संचालित वाहनों को पूर्ण रूप से बंद करने की ओर इशारा कर चुकी है और इस घोषणा के साथ कंपनी अपने उसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही है. Volvo भविष्य में अपने व्यापर को विद्युतीकरण पर केन्द्रित रखेगी और इसलिए अपनी कार्स के लिए कंपनी उचित वैकल्पिक ऊर्जा माध्यम की तलाश में हैं.

इस अवसर पर Volvo Cars India के मुख्या निदेशक Charles Frump ने कहा,

प्लग-इन हाइब्रिड तकनीक का स्थानीयकरण हमारे लिए विद्युतीकरण का भविष्य चिह्नित करता है. हमारे ग्राहक प्रदूषण के स्तर और हानिकारक वातावरण में वृद्धि के बारे में जागरूक हो रहे हैं. एक जिम्मेदार लक्जरी कार कंपनी के रूप में हम मानते हैं कि विद्युतीकरण भविष्य है. हालांकि जब तक हमारे पास एक सहायक आधारभूत संरचना नहीं है, तब तक प्लग-इन हाइब्रिड एक बीच का रास्ता हैं.”

उन्होंने आगे कहा,

#BreatheFree पहल हमें हवा की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित करती है. मैं इस पहल के प्रदर्शन पर बेहद खुश हूं और हम इसे भविष्य में अगले स्तर पर ले जाने की सोच रहे हैं.”

भारत में और सस्ती होंगी Volvo की हाइब्रिड कार्स: जाने कैसे

Volvo हमेशा से एक अग्रणी ऑटोमोटिव कंपनी रही है जिसने कार्स में उपलब्ध करायी जाने वाली सुरक्षा सुविधाओं के मामले में क्रांतिकारी काम किया है. थ्री-पॉइंट बेल्ट जैसे जीवन रक्षक फीचर का आविष्कार इसी कंपनी द्वारा ही किया गया है. अब Volvo परंपरागत इंजन के इस्तेमाल को धीरे-धीरे ख़त्म करने और विद्युतीकरण पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है. कंपनी 2019 के बाद से अपने इलेक्ट्रिक लाइनअप में कुछ नए मॉडल लाने के लिए प्रतिबद्ध है.