BSA Bond 50 उसी कंपनी द्वारा बनायी गयी थी जो 1903 से इंडिया के रसोईघरों का हिस्सा रही Brooke Bond Red Label चायपत्ती बनाती है. BSA Bond 50 को 1980 के शुरूआती दशकों में में बनाया गया था और ये इंडिया में मोटोक्रॉस राइडर्स की पसंदीदा गाड़ी बन गयी थी. जो BSA Bond 50 आज हम आप तक लेकर आये हैं उसे बैंगलोर के विंटेज मोटरसाइकिल कलेक्टर Vishal Agarwal ने बड़े प्रेम से रीस्टोर किया है.
Vishal के पास एक Royal Enfield Explorer मिनीबाइक, स्टेप थ्रू Silver Plus, 1977 Bullet और 3 Yamaha RD 350s भी हैं. पुराने मोटरसाइकिल्स में Vishal के द्वारा किया गया लेटेस्ट रेस्टोरेशन ये BSA 50 है और ये शायद इंडिया में पाए जाने वाले 80 के दशक के मिनी बाइक का सबसे बेहतरीन उदाहरण है.
Vishal को अपनी BSA Bond 50 को रिस्टोर करने में पूरा एक साल लगा. इसे रिस्टोर करने में इतना समय लगने के पीछे मुख्य कारण है Bond 50 के पार्ट्स की उपलब्धता ना होना. लेकिन, उन्होंने अपना जज्बा बरकरार रखा और इस बाइक पर काफी समय और 40,000 रूपए खर्च करने के बाद वो इस BSA Bond 50 को Papaya Orange रंग में रीस्टोर कर पाए.
Vishal ने बाइक में कोई भी कॉस्मेटिक या मैकेनिकल बदलाव नहीं किये हैं इसलिए आप इस बाइक पर जो भी देख रहे हैं वो स्टॉक है. Vishal ने Bond 50 के रियर कैंटीलीवर मोनो शॉक सस्पेंशन में भी कोई बदलाव नहीं किया है. Bond 50 इंडिया में वो पहली बाइक थी जिसमें मोनोशॉक रियर सस्पेंशन सेटअप था. इस बाइक पर एक ड्यूल शॉकर भी ऑफर किया जाता था.
इस बाइक में Bond 50 के हाईलाइट, फ्यूल टैंक पर Bond के साथ ओरिजिनल ग्राफ़िक्स, साइड पैनल पर स्टाइलिश BSA ब्रांडिंग को बरकरार रखा गया है. रिस्टोर की हुई BSA Bond 50 में काले सराउंड में गोल हेडलैम्प और क्रोम फ्रंट बम्पर है. बाइक के दूसरे क्रोम पार्ट्स में एग्जॉस्ट और इंडिकेटर हाउसिंग है. वायर स्पोक वाले व्हील्स और चौकोर टेल लैम्प्स इस क्लासिक मिनी बाइक में रेट्रो लुक जोड़ते हैं.
BSA Bond 50 में एक 49.3 सीसी सिंगल सिलिंडर टू-स्ट्रोक इंजन है जिसका साथ एक 4-स्पीड गियरबॉक्स निभाता है और बाकी की रीस्टोर की हुई बाइक की तरह ही इसे भी स्टॉक रखा गया है.
Brooke Bond ने Bond 50 का ऑफ-रोडिंग वर्शन भी बनाया था जिसे Brigand का नाम दिया गया था. BSA Brigand में वही मोनो शॉक सस्पेंशन था लेकिन इसमें लम्बे मडगार्ड और एग्जॉस्ट था जो रियर सीट के अंत में बाहर निकलता था.