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टायर किलर्स का नहीं पड़ रहा कोई प्रभाव; और ये है इसका सुबूत!

कुछ हफ्ते पहले जब नॉएडा में प्रशासन ने शहर में कई जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट एक तहत टायर किलर्स लगाने का फैसला किया तब वो चर्चा का एक अहम विषय बन गए थे. इन टायर किलर्स को सड़क के गलत तरफ से आ रही ट्रैफिक को रोकने के लिए लगाया गया था. लेकिन पेश है विडियो सुबूत जो दर्शाता है की टायर किलर्स काम नहीं करते हैं और लोग कैसे इन्हें आसानी से नज़रन्दाज़ कर रहे हैं.

इस विडियो में आप नॉएडा में एक जगह लगे हुए टायर किलर को देख सकते हैं. इन टायर किलर्स में एक दिशा की ओर नुकीली कीलें लगी हैं जो गलत दिशा से आ रही गाड़ियों के टायर्स में घुस सकती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, हर टायर किलर की कीमत 1.7 लाख रूपए है और इन्हें गलत तरफ से आ रही गाड़ियों को रोकने की क्षमता को जांचने के लिए लगाया गया है. लेकिन, ये विडियो दर्शाता है की असल में ये कितनी असरदार हैं.

टायर किलर्स को स्र्पिंग वाले नुकीली कीलें होती हैं जो सही दिशा से आने वाली गाड़ी के टायर के दबाव के कारण अन्दर चली जाती हैं. इन कीलों के बीच थोडा गैप होता है जिसे मोटरसाइकिल्स और साइकिल जैसी पतली टायर्स वाली गाड़ियाँ इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसा की विडियो में देखा जा सकता है, एक मोटरसाइकिल राइडर गलत तरफ से बेहद नज़दीक आकर अपने फ्रंट टायर को टायर किलर के गैप से बिना किसी क्षति के निकाल ले जाता है. फिर वो तेज़ी से गलत दिशा में निकल जाता है. कुछ साइकिल राइडर भी आते हैं और इसी तरह से गलत दिशा से निकल जाते हैं.

ये दर्शाता है की टायर किलर्स कितने बेकार हैं, और गलत तरफ से आने वाले लोग इससे कितनी आसानी से बच निकल जा रहे हैं. घातक टायर किलर्स लगाने के बाद भी लोग कुछ मीटर चलने से बचने के लिए गलत तरफ से ही आ-जा रहे हैं. इन टायर किलर्स को तब लगाया गया था जब गलत तरफ चलने की दिक्कत काफी ज़्यादा बढ़ गयी थी. अब जब कुछ लोगों ने इससे बचने का तरीका निकाल लिया है, जल्द ही और भी लोग इन्हें देख ऐसा करने लगेंगे. फिर वही बात होगी और ये दिक्कत बरकरार रहेगी.

बताते चलें की पुणे में एक सोसाइटी से टायर किलर्स को तब हटा दिया गया था जब अधिकारियों ने कहा था की ये बेहद खतरनाक हैं. ऐसे टायर किलर्स गलत तरफ से आने वाली गाड़ी के टायर्स फाड़ देते हैं और अगर गाड़ी तेज़ रफ़्तार पर चल रही है तो इससे वो संतुलन खोकर दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकती है. नॉएडा में टायर किलर्स लगाने के 24 घंटे के भीतर ही निकल आये थे. रोड पर टायर किलर्स लगाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बोल्ट ढीले हो गए थे जिससे ये टायर किलर्स अपनी जगह से निकल आये थे.

अभी तक अधिकारियों ने ये नहीं बताया है की क्या ये पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ है, लेकिन हमें उनके तरफ से जल्द ही जवाब मिलने की उम्मीद है. अगर ये पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो हमें जल्द ही उत्तर परदेश में लखनऊ जैसे कई शहरों में ये टायर किलर्स देखने को मिल सकते हैं.