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गीली सड़क पर स्किड हुई Toyota Fortuner, कैमरे में लाइव कैद हुई तस्वीर

आजकल भारत में सार्वजनिक सड़कों पर लोगों द्वारा स्टंट करने और उसका वीडियो रिकॉर्ड करने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, हर दिन युवा लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन खतरनाक गतिविधियों को सिर्फ व्यूज और लाइक के लिए शेयर करते नजर आते हैं। ऐसी ही एक और घटना ऑनलाइन सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने बारिश के दौरान तेज गति से चलने के बाद Toyota Fortuner को टक्कर मार दी। वीडियो में दिख रहा है, कि कार पूरी तरह से पलट गई जिससे सड़क पर अफरा-तफरी मच गई थी।

वीडियो एक युवक ने इंस्टाग्राम रील्स पर शेयर किया और आगे पूरे मामले के साथ Prateek Singh ने इसे अपने YouTube चैनल पर शेयर किया है। इसकी शुरुआत क्रिएटर द्वारा यह कहते हुए होती है, कि “हममें से बहुत से लोग ऐसे वीडियो देखते हैं जहां लोग अपने खतरनाक ड्राइविंग स्किल्स को इंस्टाग्राम, फेसबुक और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं। यह वीडियो लोग कभी-कभी अपने दोस्तों या खुद से रिकॉर्ड करते हैं।”

फिर एक बार जब वह और तेज हो जाता है, तो फिसलन भरी सड़क पर एसयूवी हाइड्रोप्लेन के तौर पर नियंत्रण खो देता है। ऐसे में, कार फिर मुड़ती है और दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। वीडियो में इसको यात्री की तरफ गिरा हुआ दिखाया गया है। देखने में ऐसा लग रहा है, कि कार सड़क के किनारे एक खंभे से टकरा गई और इतनी गनीमत रही कि किसी दूसरे वाहन या नागरिक को नहीं लगी। वीडियो बनाने वाले ने यह भी स्पष्ट किया, कि उसने घटना के तुरंत बाद सड़क पर पूरी तरह से अनुकूलित कार का वीडियो शेयर किया था।

क्रैश की वजह- हाइड्रोप्लानिंग?

गीली सड़क पर स्किड हुई Toyota Fortuner, कैमरे में लाइव कैद हुई तस्वीर

इस हादसे की मुख्य वजह हाइड्रोप्लानिंग थी। हाइड्रोप्लानिंग तब होती है जब एक वाहन के टायर गीली सड़क पर ट्रैक्शन खो देते हैं, जिससे वाहन पानी की परत पर अनियंत्रित रूप से फिसल जाता या स्किड हो जाता है। हालांकि, ऐसी परिस्थितियों में वाहन चलाते समय कुछ सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है। सबसे पहले, सड़क और मौसम की स्थिति के लिए उपयुक्त सुरक्षित गति बनाए रखना जरूरी है और सतह के साथ टायर का संपर्क बढ़ाकर वाहन को धीमा करने से हाइड्रोप्लेनिंग के जोखिम को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना कि टायर अच्छी स्थिति में है, जो हाइड्रोप्लानिंग के जोखिम को कम करेगा। वहीं, कम ट्रेड डेप्थ वाले घिसे-पिटे टायरों में इसका खतरा अधिक होता है। वहीं, अगर हाइड्रोप्लानिंग होती है तो शांत रहना, एक्सेलरेटर को कम करना और ट्रैक्शन वापस आने तक स्किड की दिशा में चलना जरूरी है।