इंडियन कार इंडस्ट्री के बारे में कई ऐसी बातें हैं जिन्हें बेहद कम लोग जानते हैं. पेश हैं ऐसी ही 10 बातें.
Maruti के दाम गिरे
दिसम्बर 1998 में Tata Motors इंडिया में नयी छोटी गाड़ी Indica लॉन्च करने वाली थी. Tata ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी काफी गुप्त रखी थी और बाकियों को इस कार या इसके कीमत के बारे में काफी ज़्यादा जानकारी नहीं थी. इसका इंतज़ार इस हद तक हो रहा था की इसके चलते Maruti ने Indica के लॉन्च के कुछ ही घंटे पहले 800 और Zen दोनों की कीमतों में कटौती कर दी.
Zen की कीमत में 14.78% की कटौती कर दी गयी एवं 800 की कीमत में 11.75% की. Indica के लॉन्च के प्रेस कांफ्रेंस दौरान Ratan Tata ने ज्कः की जिन लोगों को Indica नहीं चाहिए उनके लिए वो अच्छी खबर लाये हैं क्योंकि Maruti के कीमत में कटौती के पीछे का कारण Indica थी.
Ford Mustang
Ford Mustang एक आइकोनिक गाड़ी है. और अंततः ये इंडिया में आने लगी है. लेकिन क्या आपको पता है की Mahindra & Mahindra के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर Dr. Pawan Goenka की 1968 में पहली गाड़ी Mustang V8 थी? Mustang को कई बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाया गया है और Saif Ali Khan के पास इसके कुछ मॉडल भी हैं.
Maruti 800
Maruti 800 एक बारे में कई कूल बातें हैं. लेकिन सबसे कूल बात है की लॉन्च के वक़्त 800 MPFi वो इकलौती गाड़ी थी जिसका काँटा स्पीडोमीटर की अधिकतम मार्किंग से आगे बढ़ सकता था. स्पीडो की मार्किंग 140 किमी/घंटे तक की थी और रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कार 144 किमी/घंटे तक जा सकती थी. और इसके लिए एक ARAI टेस्ट भी किया गया था.
Maruti Swift
Swift अब एक बेहद पॉपुलर कार है. लेकिन, जब ये पहले लॉन्च हुई थी, इसकी सेल्स कुछ ख़ास नहीं थी. साथ ही, जब 2005 में Zxi लॉन्च हुई थी, इसमें अलॉय वाले बड़े 185 सेक्शन टायर्स थे. वहीँ दूसरी ओर स्पेयर व्हील 165 सेक्शन स्टील रिम्स वाली व्हील थी. इस बात पर ध्यान देने के बाद कई लोगों ने इस बारे में भारी संयत्र मंत्रालय में इस बात की शिकायत की थी.
ARAI से फिर सवाल किया गया था की आखिर बिना सही साइज़ के स्पेयर व्हील के ये गाड़ी होमोलोगेट कैसे की गयी थी. 2006 में फिर Maruti ने इसमें 185 सेक्शन अलॉय व्हील्स देने का फैसला किया. इसके चलते कई लोगों के पास Swift ZXi के 2 स्पेयर व्हील थे.
Tata की बड़ी सेडान Magna
2000 में Tata Motors ने Magna सेडान डिस्प्ले की. आपमें से कई लोगों को ये याद नहीं होगी. ये गाड़ी एक प्रीमियम सेडान होनी थी और इसे 2001 के मध्य तक लॉन्च होना था. लेकिन, Honda Accord, Ford Mondeo, Toyota Camry, और Hyundai Sonata के लॉन्च के बाद Tata को अंदाजा हुआ की इंडिया में इस कार को बेचना एक सही कदम नहीं है और इस कार का आईडिया ड्रॉप कर दिया गया.
Tata Sumo
18 महीनों के कम समय में विकसित की गयी Tata Sumo के पास Bolero और Qualis के लॉन्च के पहले से इंडिया की सबसे ज़्यादा बिकने वाली यूटिलिटी गाड़ी हुआ करती थी. सिर्फ यही नहीं, Sumo के एक वर्शन Spacio को Tata 407 इंजन के साथ बेचा जाता था, और इंडिया में ट्रक इंजन के साथ बिकने वाली ये पहली गाड़ी थी.
HM Contessa
Contessa ने इंडियन पब्लिक को मसल कार का पहला एहसास दिया था. इसका लम्बा हुड और बॉक्सी डिजाईन इसे बेहद कूल बनाता था. मुंबई का एक डीलर ‘Concedes’ नाम की गाड़ी बेचा करता था. Concedes मूलतः एक Contessa है जिसके फ्रंट और रियर एंड को Mercedes से रिप्लेस किया गया है. कई लोगों ने इसे खरीदा भी था.
Tata की Maxximo!
आप सोच रहे होंगे की ये नाम अजीब सा लग रहा है. Tata हर साल एक वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करती है. 2010-2011 में, उन्हें Mahindra Maxximo इतनी पसंद आ गयी थी की रिपोर्ट पर अपनी Ace की फोटो डालने की जगह उन्होंने हर पेज पर Maxximo की फोटो प्रकाशित कर दी थी. इस भारी गलती की गाज किसी पर तो गिरी होगी.
Honda Accord
Honda Accord इंडिया की पहली असली लक्ज़री सेडान थी. इसने इस सेगमेंट में काफी नाम भी कमाया था. लेकिन ये गाड़ी इंडिया में बहुत पहले भी आ सकती थी. 80 के दशक में Honda इंडिया में Tata Motors के साथ पार्टनरशिप में Accord लाने वाली थी. लेकिन उस वक़्त, सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी और Accord का प्लान चल नहीं पाया.
Fiat Uno
Fiat Uno को लोग भूल चुके हैं. लेकिन उस वक़्त ये बेहद पॉपुलर थी. ये इतनी पॉपुलर थी की 1990 के दशक में इस कार की 2.9 लाख बुकिंग्स हुई थीं. चूंकि उस वक़्त ज़्यादा लोग कार्स नहीं खरीदा करते थे, ये एक बड़ी संख्या है. इसकी डिमांड बहुत ज़्यादा थी और Fiat पूरी डिमांड पूरी नहीं कर पा रहा था. कई लोगों को कार के बुकिंग अमाउंट से हाथ धोना पड़ा.