Mahindra Bolero उन चंद गाड़ियों में शुमार है जिन्हें उनकी बढ़ती उम्र ने कभी प्रभावित नहीं किया. साल 2000 में अपने पहले लॉन्च के वक़्त यह गाड़ी Armada के प्लैटफॉर्म और उसके ही डिज़ाइन पर आधारित थी.
Bolero के हिट होने के पीछे के मुख्य कारण इसका किफायती रख-रखाव, कम कीमत, और जीवटता हैं. यह गाड़ी उन गावों और कस्बों में बेहद लोकप्रिय है जहाँ सडकें हमेशा टूटी-फूटी रहती हैं और गाड़ियों को अक्सर ही कच्चे रास्तों पर सफर करना पड़ता है. Mahindra Bolero वैसे तो मॉडिफायर्स की चहेती गाड़ी नहीं रही फिर भी हमने पूरे देश में इसके कई अच्छे मॉडिफिकेशन देखे हैं. नीचे दिखाई दे रहे Balero के इस मॉडिफिकेशन को इसका एक बढ़िया उदाहरण नहीं कहा जा सकता.
इस मॉडिफिकेशन को Mahindra की अपनी शाखा Mahindra Customization ने अंजाम दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि यह मॉडिफाइड Bolero गैर कानूनी नहीं है और यह हाल के उच्चतम न्यायलय के आदेश के अनुसार बिल्कुल वैध है. यह इसलिए कि इस पूरे मॉडिफिकेशन को कार निर्माता ने खुद किया है और इस गाड़ी में किए गए सभी बदलावों को गाड़ी की RC पर लिखा गया है. हालांकि हमें इस बात पर शक ही है कि Mahindra ने इस मॉडिफिकेशन किट को बनाने के बाद कभी पलट कर देखा भी होगा.
इस SUV में किए गए बदलावों की बात करें तो इसके सामने की ओर एक बड़ी गैपिंग वाली ग्रिल लगी है जो नीचे की ओर इसके काले रंग के कस्टम बम्पर तक जाते हुए प्रतीत होती है. हम नहीं जानते क्यों पर इस Bolero का सामने का हिस्सा देखने में आत्मविश्वास बढाने वाला नहीं लगता. इस पूरी कार को सामने और पीछे वाले बम्पर समेत काले रंग की फिनिश दी गई है. इसकी हैडलाइट्स के ऊपर LED DRLs लगाए गए हैं. इसके बोनट को एक मज़बूत प्रभाव दिया गया है जिस पर एक बोनट-स्कूप भी फिट किया गया है.
इसके पीछे वाला बोनट भी एक कस्टम इकाई है जिसका बीच वाला हिस्सा हल्के काले रंग का है. इस गाड़ी के टेल-गेट पर लगे स्पेयर टायर के कवर को अलग डिज़ाइन दिया गया है जो काफी आधुनिकता लिए हुए है. इस Bolero में अब काले रंग के कस्टम रिम्स लगाए गए हैं जो इस गाड़ी के काले रंग के थीम में इज़ाफा करता है. इस गाड़ी में लगे चौकोर कस्टम फेंड़र और दिखावटी साइड-वेंट इसके बुच लुक्स में इज़ाफा करते हैं. इस गाड़ी में चांदिनी रंग के साइड फुट-स्टेप भी लगाए गए हैं. और अंत में इस पर लगे कस्टम ट्विन-एग्जॉस्ट गाड़ी के स्पोर्टी मिजाज़ में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
Bolero में एक 1.5-लीटर, 3-सिलेंडर, ट्विन-स्क्रॉल, टर्बोचार्जर से लैस इंजन लगा है जो 70 बीएचपी की अधिकतम पॉवर और 195 एनएम की उच्चतम टॉर्क उत्पन्न करता है. इसके साथ एक 2.5 लीटर M2DICR टर्बोचार्ज्ड डीज़ल इंजन का विकल्प भी मौजूद है जो जो 63 बीएचपी की अधिकतम पॉवर और 180 एनएम की उच्चतम टॉर्क पैदा करता है. इन दोनों ही इंजनों में एक 5-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स स्टैण्डर्ड आता है.
कुल मिला कर यह मॉडिफिकेशन अच्छे स्तर का है. हालांकि इस गाड़ी पर अचानक नज़र पड़ने पर इसके सामने लगी बड़ी गैपिंग वाली ग्रिल आपको चौंका सकती है. इस गाड़ी के सामने वाले हिस्से में कुछ छोटे-मोटे बदलावों के बाद Mahindra Customization द्वारा की गई Bolero की यह मॉडिफिकेशन देश की दूसरी किसी भी Bolero मॉडिफिकेशन को टक्कर दे सकती है.