मानसून भारत में अत्यधिक प्रतीक्षित रहते हैं. हालांकि, हर साल भारत की बाढ़ वाली सड़कों पर कई कार्स फंस जाती हैं और अक्सर वाहन को नष्ट कर देती हैं। बारिश के मौसम में हर साल पानी से प्रभावित वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां कुछ टिप्स दी गई हैं जो आपको और आपकी कार को सुरक्षित रखेगी यदि आपको ड्राइविंग करते समय कभी भी पानी से भरी हुई सड़क का सामना करना पड़ता है.
ज़्यादा बड़े गोताखोर ना बनें
पानी की गहराई नापने के लिए, बहुत से लोग कार से उतर कर पानी से भरी सड़क पर गहराई नापने निकल पड़ते हैं. हालांकि ये एक अच्छा विचार लगता है पर ये काफी ख़तरनाक होता है और इस से गंभीर चोट लग सकती है. अधिकांश शहर की सड़कों में भूमिगत सीवेज प्रणाली है और पाइपलाइनों तक पहुंचने के लिए मैनहोल खुले होते हैं.
बाढ़ वाली सड़कों पर, मैनहोल कवर खिसक सकते हैं और कोई आसानी से इसमें गिर सकता है. इसके अलावा, सड़क पर मौजूद पानी बेहद गंदा होता है क्योंकि सीवेज का पानी वापस बहता है और बारिश के पानी के साथ मिल जाता है. यह त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है और अत्यंत रीएक्शन का कारण बन सकता है.
छींटे मारना
बारिश में ड्राइविंग करते समय सड़क पर भरे पानी से छिड़काव करने में मजा आता है लेकिन यह आपके वाहन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। हाई इंजन आरपीएम का मतलब है कि हवा इन्टेक के माध्यम से तेज़ी से अंदर जाती है और इस दौरान पानी की बूंदें इंटेक के माध्यम से कार के इंजन में प्रवेश कर सकती हैं और इंजन को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
सड़क के पानी को न उड़ाने के लिए धीमी गति से ड्राइव करना हमेशा सही रहता है. हालांकि, इन्टेक पाइप से पानी को बाहर रखने के लिए, हाई आरपीएम पर छोटे गियर पर ड्राइव करने की सलाह दी जाती है. एग्जॉस्ट से निकल रहीं गैसेस पानी को सिस्टम में से बाहर रखती है. इसके अलावा,अज्ञात पानी से भरी सड़कों पर तेजी से ड्राइविंग करने पर कोई स्पीडब्रेकर या गड्डा आपके वाहन का संतुलन बिगाड़ सकता है और वाहन नियंत्रण से बाहर हो सकती है.
दूसरी वाहनों से सटा कर चलना
यहां तक कि धीमी गति से चलने से भी सड़क पर तरंगें पैदा हो सकती हैं जो पानी के स्तर को बढ़ाती हैं. पानी के इतने अचानक उछाल से बचने के लिए वाहन को स्थिर या कम उछाल वाले पानी में ड्राइव करना हमेशा अच्छा रहता है. हमेशा किसी वाहन के पानी में से गुजरने के बाद पानी बनी लहरों को शांत होने के बाद ही उसे पार करें।
दूसरे वाहनों के पीछे आँख बंद करके चलते रहना
यदि आप क्षेत्र के स्थानीय हैं और सभी गड्ढों और खुली नालियों से वाकिफ़ हैं तो बाढ़ वाली सड़कों में से नेविगेट करना कुछ हद तक सुरक्षित है. हालांकि, अगर आप इन से अवगत नहीं हैं, तो दूसरे वाहन के पीछे चलाते रहने से आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. ये भी संभव है कि दूसरा ड्राइवर क्षेत्र को अच्छी तरह जानता हो या सिर्फ अपनी किस्मत आज़मा रहा हो. रुक कर देखलेने में ही भलाई है. इसके अलावा, हमें अपने वाहन की कितने गहरे पानी में से निकल जाने की क्षमता है, ये पता होना चाहिए। वाहन मालिकों को टर्बोचार्ज्ड इंजनस के मामले में और ज़्यादा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ये इंजन नैचुरली एस्पिरेटेड इंजनस की तुलना में कई गुना ज़्यादा एयर अंदर लेते हैं.
पानी से भर सड़क पर सबसे सुरक्षित पकडंडी पता होनी चाहिए
अधिकांश आधुनिक सड़कों को पानी का बहाव साइड की ओर रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका मतलब है कि सड़क का बीच का हिस्सा तब भी थोड़ा ऊँचा होता है. यदि आपको पानी से भरी हुई सड़क को पार करना ही है, तो सुनिश्चित करें कि आप वाहन को सड़क के बीच में रखें, जिस पर सड़क की साइड्स की तुलना में पानी का स्तर कम होगा।
वाहन बंद हो जाने पर उसे दोबारा चालु ना करें
यदि इंजन बाढ़ ग्रस्त सड़क के बीच में बंद हो जाता है, तो इंजन को दोबारा चालु करने की कोशिश न करें। ऐसे में काफी संभाना है कि पानी इंजन के अंदर घुस चूका होगा और इसे फिर से स्टार्ट करने से हालात और ज़्यादा बिगड़ जाएंगे। अगर पानी इंजन में प्रवेश कर लेता है, तो दहन बंद हो जाता है और इसे किसी प्रोफेशनल द्वारा ही अच्छी तरह से साफ करवाना चाहिए। इस प्रकार पानी से भरी हुई सड़क पर वाहन बंद हो जाने पर टोइंग सर्विस को बुलाना चाहिए।
दूसरा रास्ता नहीं लेना
यदि आपका नियमित मार्ग पानी से भरा हुआ है, तो आपको हमेशा दूसरा रास्ता इस्तेमाल करना चाहिए। यदि इस दूसरे रास्ते पर कम पानी भरा हुआ है तो आपको इसे पार करने में कम ख़तरा है. पानी का उच्च स्तर हमेशा खतरनाक होता है और यदि कोई इस में फंस जाता है, तो वो काफी खतरनाक स्थिति में हो सकता है.
घबरा कर ब्रेक लगा देना
अगर आपकी कार किसी गड्ढे या स्पीड ब्रेकर पर से गुज़रती है, तो सुनिश्चित करें कि पानी को एग्जॉस्ट से बाहर रखने के लिए एक्सेलरेटर को निरंतर तरीके से दबाए रखें। ऐसे कई उदाहरण हुए हैं जब लोग स्पीड ब्रेकर या गड्ढों पर से गुज़रने के बाद घबरा कर ब्रेक लगा देते हैं. इस से एग्जॉस्ट से निकल रही गैसेस कम होजाने के कारण पानी अंदर प्रवेश कर लेता है.
ब्रेक की जांच के लिए सूखे क्षेत्र में नहीं रोकना
यदि आपने बाढ़ ग्रस्त सड़क पार कर ली है, तो कार के ब्रेक्स में मलबे के फंसे होने की संभावना अधिक है. हमेशा वाहन को रोकें और जांच करें कि अंडरबॉडी से कोई कूड़ा या ऑब्जेक्ट नहीं लटक रहा हो. इसके अलावा, ब्रेक को एक दो बार लगाने से ये सुनिश्चित हो जाता है कि वो जल्दी सूख जाएं और उनकी प्रभावशीलता न खोए.
बाड़ के पानी का स्तर कम होने की प्रतीक्षा ना करना
पानी के स्तर को नीचे जाने के लिए इंतजार करने में समझदारी है. अगर रास्ते के बारे में अनिश्चित हैं, तो वाहन को एक सुरक्षित स्थान पर पार्क करें, हज़ार्ड लैम्प्स का उपयोग करें और पानी के कम होने की प्रतीक्षा करें। कुछ घंटों का इन्तेज़ार आपको बहुत सारी परेशानी और खर्चे से बचा सकता है.