Tata Motors ने इन सालों में इंडियन मार्केट में कई कार्स लॉन्च की हैं. जहां कुछ बहुमुखी कार्स मार्केट में चली हैं कुछ ने कंपनी को निराश ही किया है और धीरे-धीरे इतिहास के पन्नों में कैद हो गयी हैं. आइये हम एक नज़र डालते हैं Tata Motors के 10 ऐसी ही भूली बिसरी कार्स और SUVs पर.
Tata Sierra
कॉम्पैक्ट SUV केटेगरी आने से बहुत पहले एक ऐसी गाड़ी लॉन्च हुई थी और वो थी Sierra. बुच लुक्स, 3 डोर SUV फॉर्म फैक्टर और 4X4 के साथ Sierra एक बेहतरीन मशीन थी. लेकिन ये कभी चल नहीं पायी क्योंकि इंडिया के लोग इतनी नायब गाड़ी पैसे खर्च करने को तैयार नहीं थे. Sierra 2 लीटर डीजल और टर्बो डीजल इंजन के साथ मार्केट में उतारी गयी थी.
Tata Estate
Estate एक स्टेशन वैगन थी और इसके कई सारे कॉस्मेटिक पार्ट्स और मैकेनिकल्स Sierra से लिए गए थे. कार का डिजाईन Mercedes Benz के 1980 के स्टेशन वैगंस पर आधारित था और इस बात में दम भी है क्योंकि Tata इंडिया के लिए Mercedes Benz को अस्सेम्ब्ल किया करती थी. Estate इंडिया में नहीं चल पायी क्योंकि यहाँ स्टेशन वैगंस ने कभी अच्छा परफॉर्म नहीं किया है.
Tata Mobile
Tata Mobile इस ऑटो निर्माता का पहला पैक अप ट्रक था जो फॅमिली कार कस्टमर्स की ओर केन्द्रित था लेकिन ये गाड़ी अपने समय से काफी आगे थी खासकर एक ऐसे मार्केट में जहां माइलेज को आज भी भगवान् की तरह पूजा जाता है.
वैसे लोग जिन्हें सामान ढोना था वो 407 खरीदते थे और जिन्हें कभी कभार कुछ सामान ढोना होता था, वो एक 407 भाड़े पर ले लेते थे. कहने की ज़रुरत नहीं की Tata Mobile चली नहीं. इसमें Estate और पहले वाली Sierra का 2 लीटर 68 बीएचपी नॉन-टर्बो इंजन लगा था.
Tata Safari Petrol
पेट्रोल पॉवर वाली Safari? चौंकिए मत. Safari Petrol 2000 के शुरूआती दशक में आती थी. इस SUV में एक 2 लीटर, 135 बीएचपी पेट्रोल इंजन है जो इसे बढ़िया पॉवर डिलीवर करता था. इसकी माइलेज ठीक-ठाक थी लेकिन कस्टमर्स को ज्यादा एफ़ीशिएनेट 2 लीटर 90 बीएचपी TCIC इंजन ज्यादा भाया और Safari पेट्रोल जल्द ही इतिहास का हिस्सा बन गयी.
Tata Safari 3.0 DICOR
क्या आपको पता है एक समय Tata Safari और 407 में एक ही इंजन हुआ करता था? लगभग. जैसे ही 2002 में Scorpio आई. Tata ने अपने फ्लैगशिप SUV को एक बड़ा डीजल इंजन और कॉमन रेल फ्यूल इंजेक्शन दिया, और इसी के साथ जन्म हुआ Safari 3.0 DICOR का. एक साल से कम समय के बाद ही Tata को पता चला की यही पॉवर और टॉर्क एक 2.2 लीटर इंजन से भी निकाला जा सकता है. फिर 3.0 DICOR को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए रिज़र्व कर लिया गया और इस इंजन वाले Safari को बंद कर दिया गया.
Tata Indigo Marina
आप Tata को कोशिश नहीं करने का दोष नहीं दे सकते. इस ऑटो निर्माता ने फिर से स्टेशन वैगन सेगमेंट को जीवित करना चाहे और इस बार Indica प्लेटफार्म के साथ. Indigo sedan को Marina नाम के एक जगहदार स्टेशन वैगन के रूप में डेवेलोप किया गया. Ratan Tata ने ये गाड़ी अपने कुत्तों के लिए भी खरीदी थी. लेकिन प्रैक्टिकल होने के बावजूद Marina इंडिया के मार्केट के स्टेशन वैगन श्राप से शापित रही. इसके पेट्रोल और डीजल वर्शन दोनों ही उपलब्ध थे, लेकिन कोई नहीं चल पायी.
Tata Indigo XL
Tata Motors के लिए Indica प्लेटफार्म सबसे ज्यादा कारगर रहा है. Indigo XL एक और कार थी जिसने इस बात को साबित किया. Honda Accord से ज्यादा जगह वाली एक लिमो Indigo XL Tata के ही Indigo sedan का एक खिंचा हुआ वर्शन थी. इसका बड़ा लेगरूम इसकी स्ट्रेंग्थ थी और कैब सेगमेंट ने कुछ गाड़ियाँ खरीदी भी थी. लेकिन पर्सनल कार कस्टमर्स को ये कुछ खास रास नहीं आई.
Tata Manza
2010 में Tata एक जगहदार लक्ज़री सेडान के साथ आई जो Honda City और Maruti SX4 को टक्कर देती थी, लेकिन इसकी कीमत बहुत कम थी. इसका नाम था Manza. पेट्रोल और डीजल इंजन के साथ बेचीं जाने वाली Manza क्वालिटी के मामले में एक बड़ा कदम था. इसमें 90 बीएचपी और 200 एनएम वाला Fiat Multijet डीजल इंजन भी था और कैब मार्केट को ये काफी पसंद भी आई थी. लेकिन पर्सनल कार मार्केट ने इसे फिर नकार दिया और Tata ने इसे मार्केट से हटा लिया.
Tata Spacio
क्या आपने कभी कैनवास टॉप वाला Sumo देखा है? ऐसी गाड़ी 2000 के शुरुआत में मार्केट में बिकती थी और इसका नाम Spacio 3.0 (इसे Sumo Spacio से कंफ्यूज मत कीजिये) था. Spacio 3.0 में Tata 407 का 3.0 लीटर DI इंजन था और ये एक जानी मानी मालवाहक थी. इसके इंजन का लो-एंड ग्रन्ट और सॉफ्ट टॉप की फेल्क्सिबिलिटी के चलते गाँव के इलाकों में ये खूब चली थी. लेकिन Tata ने इसे मार्केट से अचानक से हटा लिया और फिर ऐसा कुछ नहीं बनाया.
Tata Bolt
Bolt असल में एक अलग टॉप-हैट के साथ एक Indica Vista ही थी. Tata ने ये ज़रूर सुनिश्चित किया की इसके इंटीरियर ज्यादा बेहतर हों. Bolt में ABS और एयरबैग्स भी थे. लेकिन, मार्केट को ये कार पसंद नहीं आई क्योंकि अंत में ये काफी हद तक Vista से मेल खाती थी. Bolt अभी भी बना करती है, लेकिन सिर्फ कैब मार्केट के लिए. पर्सनल हैचबैक कस्टमर्स इस कार को भूल ही चुके हैं. लेकिन इसमें Zest वाले मैकेनिकल ही हैं, एक ऐसी गाड़ी जो अभी भी पर्सनल कार कस्टमर्स को बेची जाती है.