ड्राइव करते हुए ध्यान भटकना बेहद खतरनाक होता है. इसके कारण कई हादसे होते हैं और हर साल इंडिया की सड़कों पर हजारों जानें इस वजह से जाती हैं. पेश है जीता-जगता प्रमाण इस बात का की कैसे और क्यों ड्राइव करते वक़्त ध्यान भटकने से होती है इंडिया में लोगों की मौत.
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जैसा की विडियो में देखा जा सकता है. तमिलनाडू में किसी जगह एक हाईवे इंटरसेक्शन जैसी दिखने वाली जगह पर एक ट्रक धीमी रफ़्तार से चल रहा है. एक ऑटोमैटिक स्कूटर पर सवार दो महिलाएं सीधे ट्रक के रास्ते में आ जाती हैं. विडियो से लगता है की स्कूटर चालक महिला का ध्यान इस कदर भटका हुआ है की उसे अपने पीछे ट्रक की उपस्थिति का एहसास भी नहीं होता.
पीछे बैठे सवार को बिलकुल अंत में ट्रक नज़र आता है लेकिन उससे पहले ही चालक अपना ध्यान भटका होने की वजह से ट्रक को छू चुकी हैं और इस क्रम में उनका संतुलन बिगड़ चुका है. चालक और सवार दोनों ट्रक के अगले और पिछले पहियों के बीच गिर जाते हैं. सावधान ड्राईवर समय पर ब्रेक लगाता है और दोनों महिलाओं को ट्रक के पिछले पहियों के नीचे आने से बचा लेता है. आस पास के लोग तुरंत दोनों महिलाओं को ट्रक के नीचे से सुरक्षित निकाल लेते हैं.
ऐसे हादसे इंडिया की सड़कों पर रोज़मर्रा की बात हैं. कई मामलों में गलती छोटी गाड़ी वालों की होती है. दोपहिया चालक और पैदल चलने वालों का आनेवाले ट्रैफिक की परवाह किये बिना सड़क क्रॉस करना आम बात है. ट्रक जितनी बड़ी और भारी गाड़ी को पूरी तरह रुकने में समय लगता है. चलती हुई भारी गाड़ी की अत्यधिक गति देखते हुए, 10-20 kph की स्पीड पर हुई टक्कर भी पैदल चलने वालों या दोपहिया सवारों के लिए घातक हो सकती है.
सड़क पर चलते हुए हर ध्यान भटकने वाली चीज़ या काम से बचें. इनमें मोबाइल फ़ोन पर बात करना, मेसेज करना, बिलबोर्ड पर देखना, और सड़क पर दूसरों को देखना भी शामिल है. ड्राइव करते हुए किसी भी तरह का डिसट्रैक्शन बड़ी आसानी से त्रासदीपूर्ण नतीजों वाले हादसे में तब्दील हो सकता है.