कीमत में गिरावट – एक ऐसा शब्द जो नए गाड़ी खरीद रहे या अपग्रेड कर रहे ओनर्स के दिलों में दहशत पैदा कर देता है. भले ही बड़ी सुपरबाइक या छोटी कम्यूटर मोटरसाइकिल हो टू-व्हीलर्स की सेकंड हैण्ड कीमत आपको निराश ही छोड़ती हैं. लेकिन, इंडिया में ऐसे कुछ पुराने मोटरसाइकिल्स और स्कूटर्स हैं जिनकी फॉलोविंग तगड़ी है और उनकी सेकंड हैण्ड कीमत ओरिजिनल कीमत से ज़्यादा है. हम आज ऐसी 5 टू-व्हीलर्स पर नज़र डालते हैं जिनकी कीमत कम होने का नाम नहीं लेती.
Royal Enfield कास्ट आयरन 350/500
अपने महंगे कीमत के बावजूद Royal Enfield मोटरसाइकिल्स आजकल रोड पर आसानी से दिख जाती हैं. Enfield ब्रांड की कीमत तब बढ़ना शुरू हुई जब Eicher Group ने ब्रांड को खरीद 2000 के दशक में इसका आधुनिकीकरण शुरू किया जिससे इस ब्रांड के पास कई नए राइडर्स आने लगे. लेकिन, शौकीनों को अभी भी पुराने कास्ट आयरन इंजन का थम्प पसंद है जो नए Unit Construction Engines के आने से गायब हो गयी थी. थम्प की तलाश में ये पुराने शौक़ीन सेकंड हैण्ड मार्केट पहुँच गए और देखते-देखते ही पुराने Bullet की तलाश के लोग इन बाइक्स के लिए एक लाख रूपए से ज़्यादा चुकाने को तैयार थे. पुराने और रेयर मॉडल और भी महंगे होते हैं खासकर अगर वो अच्छे हालत में हों.
Yamaha RD350
Yamaha RD350 उन बाइकर्स के बीच एक लीजेंडरी बाइक है जिन्हें टू-स्ट्रोक वाले ज़माने से प्रेम है. ओरिजिनल जापान स्पेक RD350 में 42 एचपी का पॉवर उत्पन्न होता था. लेकिन, बाद में इंडिया वाले वर्शन में डीट्यूनड इंजन लगभग 31 एचपी उत्पन्न करता था. सख्त एमिशन नॉर्म और ऐसे डरपोक राइडर्स जिन्हें लगता था ‘बाइक में ज़रुरत से ज़्यादा पॉवर है’ और इसका प्राइस टैग कारण हैं की RD350 के सेल्स उतने नहीं थे जितने की उम्मीद Yamaha ने लगा रखी थी.
लेकिन, बेहतर हुए रोड्स, अच्छे ब्रेक्स और टायर्स जिन्हें RD350 पर लगाया जा सकता है, उसके साथ अब ये जापानी स्पीड दैत्य अब इंडिया में मौजूद सबसे फेमस क्लासिक मोटरसाइकिल्स में से एक है. लेकिन, क्लासिक होने और अच्छे तरह से मेन्टेन किये हुए बाइक्स के चलते RD350 की कीमतें छप्पड़ फाड़ रही हैं. इसलिए अगर आप एक अच्छे RD350 की तलाश में हैं तो ऑनलाइन साइट्स के मुताबिक़ अपने पास कम से कम 1.5 लाख रूपए तैयार रखें ताकि आपको अपनी क्लासिक जापानी टू-स्ट्रोक बाइक मिल सके.
Yezdi
Yezdi असल में लाइसेंस वाली Jawa मोटरसाइकिल्स थीं जिन्हें Mysore की Ideal Jawa (India) Ltd बेचा करती थी. Ideal Jawa ने इंडिया में Jawa मोटरसाइकिल्स को 1960 में बेचना शुरू किया था और इन बाइक्स को Yezdi के नाम से 1973 में रीब्रांड कर दिया था. लेकिन, RDS 350s के उलट Yezdis को क्रूजिंग के लिए बनाया गया था और ये National Motorcycle Rally Championships में हिस्सा लेने वाले राइडर्स के बीच भी फेमस थीं. Yezdi ब्रांड के फैन्स के लिए दिख की बात है की फैक्ट्री में लेबर दिक्कतें और कड़े उत्सर्जन नियम के चलते Ideal Jawa (India) Ltd, 1996 में ठप पड़ गयी. चलाने में आसान लेकिन गुड लुकिंग बाइक्स चाहिए थीं, उनके लिए Yezdis आजतक पसंदीदा बाइक्स हैं. लेकिन, इसके चलते सेकंड हैण्ड बाइक्स की कीमत काफी बढ़ गयी है और अब Classic/Jawa की कीमत 50,000 रूपए से शुरू होती है. Yezdi Roadking मार्केट में थोड़ी ज़्यादा महंगी है.
Lambretta और Vijay Super
1972 में भारतीय सरकार ने Innocenti Scooter खरीदा था और Lucknow में इसकी फैक्ट्री लगवा दी जहां वो सरकार के ओनरशिप वाले Scooters India Limited तहत बनाए जाते थे. लेकिन अब Scooters India Limited अब Lambretta या Vijay नहीं बनाती. दरअसल 21 सालों में कोई भी Innocenti स्कूटर नहीं बना जिसके चलते इन सेकंड हैण्ड स्कूटर्स की कीमत आसमान छूने लगी है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के रुचि के चलते पूरी तरह से रीस्टोर की हुई Lambys की कीमत लगभग 50,000-80,000 रूपए हो सकती है वहीँ Lambretta या Vijay Super के बिने रीस्टोर किये हुए मॉडल्स 10 हज़ार रूपए तक में मिलते हैं पर उनमें काफी काम की ज़रुरत होती है.
Yamaha RX-Z/Suzuki Shogun
इंडिया में 90 अंत और 2000 के शुरूआती दशकों में RX-Z और Suzuki Shogun वो टू-स्ट्रोक बाइक्स थीं जो सड़कों पर राज किया करती थीं. Shogun और RX-Z में शौकीनों को बड़े RDs और Yezdis के सस्ते विकल्प मिलते थे इन्हें आजतक टू-स्ट्रोक प्रेमी सबसे बेहतरीन छोटी बाइक्स का दर्जा देते हैं.
आजकल शौक़ीन 5-स्पीड वाले RX-Z के खासे दीवाने हैं. इस दुर्लभ बाइक के अच्छे से मेन्टेन किये हुए यूनिट्स आपको कम से कम 50,000 रूपए में मिलेंगे.
पुरानी Suzuki Shogun को TVS Suzuki की विज्ञापन टीम Boss बुलाती थी. Shogun ने सड़कों पर अपने तेज़ी और बेहतरीन पॉवर डिलीवरी के चलते खूब नाम कमाया. Yamaha से कम पावरफुल होने के बावजूद, इस बाइक की स्ट्रीट प्रजेंस तगड़ी थी. आजकल जो लोग Shogun रखते हैं उन्हें सबसे ज़्यादा दिक्कत स्पेयर पार्ट्स ढूँढने में आती है.