Royal Enfield ने हाल ही में अपनी Bullet 350 Electra के पीछे वाले व्हील को डिस्क ब्रेक से लैस कर बाज़ार में उतारा है. यह मोटरसाइकल निर्माता जल्द ही अपनी इस मोटरसाइकल को ड्यूल चैनल ABS से भी लैस करेगा. यहां आप SubhoVlogs का एक वीडियो देख सकते हैं जिसमें Royal Enfield Bullet 350 Electra ES को पिछले व्हील पर लगाए गए ABS के साथ दिखाया गया है. इस मोटरसाइकल की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 1.32 लाख रूपए है.
Royal Enfield की दो अन्य मोटरसाइकलों – Bullet 350 और Bullet 500 – के भी पीछे वाले व्हील को डिस्क ब्रेक से लैस किया गया है. Electra 350 की तरह इन दोनों मोटरसाइकलों को अभी तक ड्यूल चैनल ABS से लैस करना बाकी है. सरकारी नियमों के मद्देनज़र इन तीनों मोटरसाइकलों को अप्रैल 2019 के पहले पहले ड्यूल चैनल ABS से लैस कर दिया जाएगा.
पीछे वाले व्हील्स में डिस्क ब्रेक से लैस Royal Enfield Bullet 350 की कीमत 1.28 लाख रूपए की है, वहीँ Bullet 500 की कीमत 1.73 लाख रूपए की है. ध्यान देने की बात है कि Bullet 350 भारत में सबसे सस्ती Royal Enfield है और साथ ही ब्रैंड की सबसे अधिक बिकने वाली बाइक भी. स्टाइलिंग के सिवा Bullet 350 और Electra ES के बीच सबसे बड़ा अंतर है Electra ES में लगा इलेक्ट्रिक स्टार्ट. इस नाम में ES का मतलब ही इलेक्ट्रिक स्टार्ट है.
Bullet 350 और Electric 350 में एक जैसे सिंगल सिलेंडर यूनिट कंस्ट्रक्शन इंजन लगे हैं जिनका डिसप्लेसमेंट 346 सीसी है. यह इंजन 19.8 बीएचपी की अधिकतम पॉवर और 28 एनएम की अधिकतम टॉर्क पैदा करते हैं. इसमें 5 स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स और कार्बुरेटर स्टैण्डर्ड हैं. इस इंजन में फ्यूल इंजेक्शन 2020 में जोड़ा जाना है, उस वक़्त जब ज़्यादा कड़े Bharat Stage 6 (BS6) उत्सर्जन नियमों को लागू किया जाएगा.
वहीं दूसरी ओर Bullet 500 काफी अधिक शक्तिशाली है. इसमें एक Classic 500 श्रृंखला से लिया गया 499 सीसी यूनिट कंस्ट्रक्शन इंजन लगा है. यह इंजन 27.2 बीएचपी पॉवर और 41.3 एनएम टॉर्क पैदा करने के साथ ही फ्यूल इन्जेक्टेड भी है. Bullet 500 की स्टाइलिंग 350 सीसी मॉडल से मिलती जुलती है. इस बाइक में जल्द ही ड्यूल चैनल ABS जोड़ा जाएगा जिस वजह से इसकी कीमतों में कम से कम 10,000 रूपए का उछाल आने के असार हैं.
ABS के चलते आपको मिलने वाली बढ़ी हुई सुरक्षा के लिहाज़ से ये कीमत में उछाल कोई ज्यादा नहीं. सूखी या गीली सतहों दोनों पर ABS मोटरसाइकिल को फिसलने से बचाता है भले ही आप ब्रेक का इस्तेमाल आपातकालीन स्थिति में अचानक ही ज़ोर से ही क्यों न कर रहे हों. साथ ही ABS बाइक के पहियों को ब्रेकिंग के दौरान जाम होने से बचाता है ताकि बाइक को चला रहे व्यक्ति को रास्ते पर आने वाली अड़चनों से बचने में आसानी हो. ये दोनों पहलु काफी महत्वपूर्ण हैं और दुर्घटना होने की सम्भावना को कम करते हैं.
भारतीय बाज़ार की किफायती श्रेणी में Royal Enfields पुरानी पीढ़ी की आखिरी जिंदा मोटरसाइकलें हैं. नई 650 ट्विन्स और Himalayan के अलावा बाकी सभी Royal Enfields में अभी भी ओवरहेड वाल्व इंजनों का ही इस्तेमाल हो रहा है जो कि धीरे रेव होने वाली इकाइयां हैं और अपनी धमक भरी आवाज़ के लिए मशहूर हैं. इन बाइक्स के ओवर हैड वाल्व हाइड्रोलिक टेप्पेट्स के साथ काम करते हैं जो आधुनिकता और विश्वसनीयता से इनकी दूरी बढ़ाते हैं.
लॉन्ग स्ट्रोक इंजनों का शुरुआत से ही उच्च टॉर्क संचारित करने की क्षमता की वजह से का अपना अलग ही आकर्षण है. इस कारण यूनिट कंस्ट्रक्शन इंजनों से लैस Royal Enfield मोटरसाइकलें धीमी रफ़्तार पर भी शहरी यातायात में भी खुश रहती हैं. अधिकाँश आधुनिक बाइक्स की असल परफॉरमेंस के मज़े लेने के लिए आपको उन्हें सड़क पर ढंग से रगड़ना पड़ता है. लेकिन Royal Enfields के मामले में ये एक राजा की हाथी की आरामदायक सवारी जैसी राइड का काम करती है.