महाराष्ट्र का पुणे शहर एक अटपटे कारण से सुर्ख़ियों में है. पिछले साल, पुणे पुलिस ने 2-व्हीलर राइडर्स के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया था. उसके बाद से पुणे की जनता का एक बड़ा हिस्सा इस नए नियम का विरोध कर रहा है. ये क़ानून 1 जनवरी 2019 से लागू हुआ था और पुलिस ने नए हेलमेट नियम का पालन ना करने वाले 9,500 से ज़्यादा लोगों पर जुर्माना लगाया है.
पुणे में हाल ही में बने ‘Helmet Sakti Virodhi Kruti Samiti’ ने नए नियम का विरोध करने के लिए एक हेलमेट का अंतिम संस्कार किया. ये अंतिम संस्कार नियम लागू होने के दसवें दिन किया गया है. इस पूरे कार्य को एक शिव सेना नेता Mahadev Babai के अध्यक्षता में किया गया. उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस और हेल्मेट को अनिवार्य बनाने के नियम को ज़िम्मेदार ठहराया.
पुणे शहर में ये नियम तब लागू हुआ था जब पुणे में 2-व्हीलर से जुड़े दुर्घटनाओं में लगभग 184 मौतें हुई थीं. पुणे के सांसद Anil Shirole जैसे दूसरे नेताओं ने कहा की उन्हें जन-सुरक्षा नियमों से गुरेज़ नहीं है, लेकिन हेल्मेट अनिवार्य करने वाला नियम थोड़ी ज्यादती है.
उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा,
“जन–सुरक्षा हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन साथ ही पुलिस को स्थानीय जनता की संवेदनाएं और ज़रूरतों को ध्यान में रखना चाहिए. लोग हमेशा स्थानीय सड़कों पर धीमे चलते हैं इसलिए एक्सीडेंट की संभावना बेहद कम होती है. इसलिए इन सड़कों पर हेल्मेट को अनिवार्य बनाने की ज़रुरत नहीं है.”
विरोध करने वाले ग्रुप ने DNA से कहा की हेल्मेट पहनने से रीढ़ में दिक्कतें आ रही हैं और बाल झड़ रहे हैं. DNA की रिपोर्ट में लिखा है,
“ऐसे कई राइडर्स हैं जिन्हें हेल्मेट के इस्तेमाल के बाद पीठ और गर्दन में दर्द हो रहा है जो साफतौर पर दर्शाता है की हेल्मेट का इस्तेमाल किसी भी रूप से आरामदायक नहीं है.”
इसके पहले पुणेवासियों ने पत्रकार भवन से पुलिस कमिश्नर के कार्यालय तक बिना हेलमेट के राइड कर इस नियम का विरोध किया था. इस विरोध में सैंकड़ों लोग शामिल थे और मौके पर मौजूद पुलिस ने बिना हेल्मेट वाले राइडर्स की फोटो खींच उन्हें ई-चालान जारी किया था. ट्रैफिक पुलिस ने 6,105 राइडर्स को बिना हेल्मेट वाहन चलाते हुए पकड़ा था और 3,414 राइडर्स को CCTV फुटेज के आधार पर चालान दिया गया था. ये आंकड़े 5 जनवरी के हैं और हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं ये संख्या बढ़ी ही होगी.
हाल ही में बनी इस समिति के प्रमुख ने फिर फिर कहा की हेलमेट को हाईवे के लिए अनिवार्य बनाया जा सकता है लेकिन उन्हें शहर के अन्दर इस्तेमाल करने की ज़रुरत नहीं जहां 2-व्हीलर्स अधिकतम 20-30 किमी/घंटे की रफ़्तार तक ही पहुँच पाते हैं. विरोध करने वालों ने ये भी कहा की वो जुर्माने से बचने के लिए पगड़ी पहनना शुरू कर देंगे. रोचक रूप से सिख समुदाय को हेलमेट ना पहनने की छूट है क्योंकि हेल्मेट उनकी पगड़ी पर फिट नहीं होता.