अपने दिनों में Bajaj Auto इंडियन टू-व्हीलर मार्केट में टक्कर देती थी Hero MotoCorp को. इसकी Boxer कम्यूटर मोटरसाइकिल से Pulsar तक, Bajaj थी इंडियन 2-व्हीलर मार्केट में अविवादित दूसरे नंबर का ब्रांड. अब ये तीसरे नंबर पर है और खतरा है की ये मुकाम भी TVS Motors इससे ले जाएगी. पिछले 12 महीनों में Bajaj की सेल्स सिर्फ 4% बढ़ी है. इसकी तुलना में Hero Motocorp की ग्रोथ करीब 14%, Honda की 22%, Royal Enfield की 23%, और TVS Motors की ग्रोथ शानदार 28% रही है. और हम यहाँ सिर्फ मोटरसाइकिल्स की ही बात कर रहे हैं. तो क्या है वजह, आइये जानें.
Pulsar और Dominar की पर्याप्त बिक्री न होना
Pulsar – एक स्पोर्टी मोटरसाइकिल सब-ब्रांड जिसकी मोटरसाइकिल्स की रेंज है डेली कम्यूटर से लेकर एंट्री-लेवेल स्पोर्ट्सबाइक खरीददारों के लिए – लेकर आती है Bajaj के लिए बड़े नंबर्स. Royal Enfield की रेट्रो 350cc और 500cc मोटरसाइकिल्स की Classic रेंज ने साथ मिलकर Pulsar को कई बार पीछे छोड़ा है. जब एक महंगी बाइक एक सस्ती बाइक से ज्यादा बिकती है तो ये किसी भी निर्माता के लिए चिंता की बात होती है. Bajaj ने Pulsar रेंज को अगले साल पूरी तरह से रीवैम्प करने की योजना बनायी है.
Dominar – जो की Bajaj की कोशिश थी Royal Enfield से सेल्स छीनने की – मुश्किल से महीने में 2,000 यूनिट बेच पाती है. Dominar की क़ीमत के लिहाज़ से ये कोई छोटा नंबर नहीं है लेकिन फिर भी Bajaj को इस बाइक से और अच्छा परफॉर्म करने की उम्मीद रही होगी.
जहाँ Dominar की सेल्स ग्रोथ के लिहाज़ से Bajaj को सीधा प्रभावित नहीं करेंगी, Bajaj को फिर भी निकालना होगा कोई रास्ता अपने ब्रांड को अपमार्केट ले जाने के लिए. Dominar की कामयाबी या असफलता तय कर सकती है की Bajaj अपमार्केट जाएगी या रु. 2 लाख से नीचे वाले सेगमेंट को टारगेट करने के लिए KTM, Husqvarna, और Triumph-Bajaj पार्टनरशिप्स का इस्तेमाल करेगी.
कम्यूटर मोटरसाइकिल्स भी कमज़ोर हैं
Bajaj के नुकसान की कीमत पर Hero Motocorp, Honda, और TVS Motors कम्यूटर मोटरसाइकिल सेगमेंट में मज़बूत होते जा रहे हैं. Bajaj का ध्यान है प्रॉफिटेबिलिटी पर जिसके तहत इसने एंट्री-लेवेल 100cc मोटरसाइकिल मार्केट की छोटी मार्जिन्स को 150cc+ सेग्मेंट्स में ज्यादा प्रीमियम और ऊंचे दामों वाली ऑफरिंग्स के लिए – जिनमें ज्यादा मुनाफा है — छोड़ दिया है. ये एक और वजह है जिसके कारण Bajaj की सेल्स ग्रोथ TVS Motors या Honda जितनी मज़बूत हैं है. एंट्री-लेवेल सेग्मेंट्स सबसे ज्यादा नंबर्स लेकर आते हैं और यही सेल्स ग्रोथ में भी ट्रांसलेट होता है.
क्या Bajaj की सेल्स भविष्य में बेहतर होंगी?
इसकी उम्मीद कम ही है. Bajaj की लॉन्ग-टर्म स्ट्रेटेजी रही है ज्यादा मोटरसाइकिल्स बेचने की बजाय ज्यादा मुनाफा कमाने की. और मुनाफा अपमार्केट सेग्मेंट्स (जिनमें मोटरसाइकिल्स की कीमत रु. 60,000 से ऊपर होती है) में ज्यादा होता है. इसके इलावा, Bajaj ने सिर्फ मोटरसाइकिल्स पर फोकस करने के लिए स्कूटर सेगमेंट को पूरी तरह ड्रॉप कर दिया है और ऑटोमैटिक स्कूटर कई ब्रांड्स के लिए शानदार सेल्स ग्रोथ लेकर आ रहे हैं.
Bajaj मोटरसाइकिल्स पर बहुत ज्यादा फोकस्ड है और भविष्य में कई और अपमार्केट सेग्मेंट्स में भी प्रवेश करेगा. मसलन, 2019 तक, ये Husqvarna रेंज की रेट्रो-मॉडर्न मोटरसाइकिल्स इंडिया में लॉन्च करेगा इस उम्मीद में की ये Royal Enfield के मार्केट शेयर का एक हिस्सा अपनी तरफ खींचेंगी. KTM ब्रांड हाई-एंड मोटरबाइक्स की अपनी रेंज को बढ़ाना जारी रखेगा. Triumph-Bajaj कोलैबोरेशन अपने पहले प्रोडक्ट्स मार्केट में लांच करेगा 2021 में और ये भी होंगी हाई-एंड बाइक्स जिनकी कीमत आसानी से रु. 3 लाख से ऊपर हो सकती है.
साफ़ है की Bajaj आंकड़ों के खेल से अलग हो रही है और ये कम सेल्स ग्रोथ में दिख रहा है. हो सकता है अभी से एक दशक बाद हम Bajaj की तुलना सिर्फ उन ब्रांड्स से करेंगे जो कम्यूटर मोटरसाइकिल बेचने वाले ब्रांड्स की जगह मूलतः प्रीमियम स्पोर्ट्सबाइक्स और फन मोटरसाइकिल्स बेचती हैं. स्पष्ट है की Bajaj के लिए उनके भाग्य का सितारा पिरामिड के सबसे निचले हिस्से में तो नहीं है.