कहते हैं की शौक बड़ी चीज़ होती है, और जब बात महाराजाओं की आती है तो क्या ही कहने. कुछ ऐसे ही शौक के शिकार या यूँ कहें की शिकार के शौक़ीन थे कोटा के महाराजा Umed Singh II उर्फ़ साहिब बहादुर. आमतौर पर पुराने ज़माने में राजा-महाराजा अपने Rolls Royce मॉडिफाई करवाया करते थे. लेकिन साहिब को शिकार का ऐसा शौक था की उन्होंने एक पूरी 1925 Rolls-Royce New Phantom Torpedo Sports Tourer को शिकार करने के लिए मॉडिफाई करवा लिया था. Tiger Hunter के नाम से प्रचलित इस कार को आप इस विडियो में करीब से देख सकते हैं.
हलांकि ये विडियो अंग्रेजी में है, लेकिन कार की मुख्य बातें हम आपको इसके फ़ोटोज़ के साथ बताते हैं.
कार में सबसे पहले आपका ध्यान इसके हॉर्न पर जाता है जिसे एक साँप की आकृति दी गयी है.
इस कार में एक छोटी सी तोप थी जिसे गैंडों या हाथियों का शिकार करने के लिए लगाया गया था.
वहीँ Tiger Hunter के पीछे एक कैरिज में हाथ से चलने वाली Bira .450 मशीन गन है जो उस वक़्त बाघ के शिकार के लिए सबसे अच्छी बन्दूक मानी जाती थी.
पीछे में एक बर्फ का बक्सा भी था जिसमें शैम्पेन रखने की जगह थी. क्योंकि अगर शिकार करते वक़्त कोई चीज़ आपको पीनी चाहिए तो वो शराब है.
गाड़ी के आगे में अलग से लाइट लगी हुई है जो आसानी से घूम सकती है और इससे अँधेरे में शिकार ढूँढने में मदद मिलती थी.
वहीँ कार में पीछे की सीट्स में चार बंदूकें रखने की जगह है. और अगर आपको लग रहा है की कार खराब होने पर क्या होता होगा तो चिंता मत कीजिये क्योंकि इसमें पीछे की और रिपेयरिंग के लिए ज़रूरी औजार हैं.
ये कार ओरिजिनल रूप से लाल रंग की नहीं हुआ करती थी. दो बार रीस्टोर की गयी इस कार को पिछले रेस्टोरेशन के दौरान ये रंग दिया गया था. अब साहिब बहादुर तो रहे नहीं इसलिए भारत सरकार ने इस कार को वापस लाने में अपनी रुचि दिखाई है, लेकिन 2016 में इसका आखिरी मूल्यांकन हुआ था. और इस मूल्यांकन के तहत इसकी कीमत लगभग $1 मिलियन या 68.68 लाख रूपए थी. लेकिन दुःखी होने की बात नहीं है क्योंकि इस कार को आप भी यहाँ से खरीद सकते हैं.
आज के ज़माने में जब अंबानीजी अपनी Bentley Bentayga में घूमेंगे तो उसके सामने ये Tiger Hunting कार ज़रूर ही आपको एक अलग पहचान देगी. अब वो पहचान एक सनकी इंसान की होगी या एक लगनशील शिकारी की, ये आपके पसंद पर निर्भर करेगा. पर ये ज़रूर सोचियेगा की लाखों की Rolls Royce जो बंदूकों से भरी है, उसमें बैठ आप साहिब बहादुर कहलाये जायेंगे या कुछ और…