भारत में नाबालिग ड्राइवर्स की समस्या काफी बड़ी है और इससे हर साल रोड पर कई एक्सीडेंट होते हैं. लेकिन, इस अजीब मामले में एक 5 साल के बच्चे को पुलिस ने तब रोक लिया जब वो अपनी इलेक्ट्रिक मिनी-कार को आम सड़कों पर ले गया.
ये घटना विजयवाड़ा के एक बेहद व्यस्त ट्रैफिक जंक्शन Benz Circle की है. ये 5 साल का बच्चा अपनी गाड़ी को सीधा Benz circle के पास सड़क पर ले गया जिससे काफी बड़ा जैम भी लगा. हर तरफ से आ रही गाड़ियां इस छोटे बच्चे को बचाने के लिए रुक रहीं थीं जिससे सड़क जाम हो गयी. स्थानीय पुलिस ने फिर आकर बच्चे की मदद की.
इस बच्चे की नीली इलेक्ट्रिक कार को या तो एक रिमोट नहीं तो स्टीयरिंग से कण्ट्रोल किया जा सकता है. ये बच्चा मौके से लगभग 1 किलोमीटर दूर रहता है और रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उसे पता नहीं चला वो सड़क पर कब आ गया. कुछ राह चलते लोगों ने इस बच्चे को देखा और फिर मौके पर ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर Jagannath Reddy आये जिन्होंने सुनिश्चित किया की बच्चा सुरक्षित है.
हम विडियो में देख सकते हैं की बच्चा रो रहा है और उसे पता नहीं चल रहा उसके आसपास क्या हो रहा है और ट्रैफिक पुलिस उससे बात करने की कोशिश कर रही है. बच्चे के इर्द-गिर्द काफी भीड़ जमा है जिसके चलते शायद वो घबरा गया होगा. पुलिस ने फिर बच्चे को एक ऑटो की मदद से घर तक छोड़ा. लेकिन जब तक वो पहुंचे बच्चे के माता-पिता उसे खोजने लगे थे और उन्हें कोई अंदाजा नहीं था की उनका बच्चा घर से कितनी दूर चला गया है.
The News Minute से बात करते हुए ट्रैफिक पुलिस ऑफिसर ने कहा,
वो Fakirguda की तरफ से लगभग 9.15 -9.30 बजे Benz circle रोड की तरफ एक छोटे इलेक्ट्रिक कार में आ रहा था. उसे लोगों ने Jyothi Mahal थिएटर के पास रोक लिया. फिर हमने एक ऑटो की मदद से उसे घर छोड़ दिया. क्योंकि उसकी बैटरी कार बेहद छोटी थी, लोग बड़ी गाड़ियों के आसपास उसपर ध्यान नहीं दे पाए. एक बड़ा खतरा टल गया. अगर कोई देखता नहीं तो पता नहीं बच्चा किधर निकल जाता.
इस घटना के लिए किसी पर कार्यवाही नहीं की गयी लेकिन DCP ने बच्चे के माता-पिता से कहा की ऐसे घटनों से बचने के लिए उन्हें बच्चे पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. ये वाक्या बच्चे और सड़क पर बाकी लोगों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता था. भारत में इलेक्ट्रिक खिलौने सड़क पर नहीं चलाए जा सकते. अभिभावकों को अपने बच्चे पर ध्यान देना चाहिए की वो अपने खिलौने वाले गाड़ी या साइकिल से भी घर से ज्यादा दूर नहीं निकलें. अधिकाँश बच्चे सड़क पर चलने के खतरे से अनजान होते हैं और ऐसे में उनपर ध्यान देने की ज़िम्मेदारी अभिभावकों की होती है.