Royal Enfield मोटरसाइकिल्स को हमेशा से अपने ज़्यादा टॉर्क वाले इंजन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं. Royal Enfield के पर्याप्त लो-एंड टॉर्क को कई तरह से दर्शाया जा चुका है. अब पेश है एक और उदाहरण की लो-एंड टॉर्क कितना उपयोगी साबित हो सकता है. इस विडियो में एक पुरानी Royal Enfield Bullet अपने लो-एंड टॉर्क से एक Hyundai Xcent की मदद कर रही है.
यहाँ क्या हो रहा है?
https://youtu.be/Y1ETA0DeTc4
इस विडियो में एक कैब-ड्राईवर सड़क पर अकेले अपनी Hyundai Xcent को धक्का देने की कोशिश कर रहा है. ड्राईवर के रोड पर फंसने के पीछे का कारण पता नहीं है लेकिन ऐसा लग रहा है की गाड़ी का ईंधन खत्म हो गया है. Delhi-NCR में अधिकांश कैब्स CNG पर चलती हैं और अक्सर उनकी टैंक लगभग खाली रहती है. हो सकता है की कैब का CNG और ईंधन रोड के बीच में खत्म हो गया हो.
इस विडियो को उस बाइकर के हेलमेट कैमरा से लिया गया है जिसने कैब की मदद की. उसने अपने बायें पैर की मदद से Hyundai Xcent को नजदीकी फ्यूल स्टेशन तक धक्का दिया. ये दूरी काफी ज़्यादा नहीं थी लेकिन इतनी लम्बी थी की Royal Enfield के पॉवर का प्रदर्शन हो सके.
पुराने जनरेशन वाली Royal Enfield के ब्रेक बायें तरफ होते हैं और गियर लीवर दायीं तरफ होती है और इसे ही इस विडियो में इस्तेमाल किया गया है. जैसे ही बाइकर ने ड्राईवर को गाड़ी को अकेले ढकेलने की कोशिश करते हुए देखा उसने मदद करते हुए बाइक की मदद से गाड़ी को धक्का देना शुरू कर दिया.
इंजन की आवाज़ से हमें पता चलता है की कार के भारी वज़न के इंजन पर भार पड़ रहा है, लेकिन बाइक ने Xcent को बिना किसी दिक्कत के धक्का दिया. गाड़ी को धक्का देते हुए बाइक की अधिकतम रफ़्तार 30 किमी/घंटे से ज़्यादा नहीं रही होगी.
पुराने जनरेशन वाली Royal Enfield Bullet में एक कास्ट आयरन इंजन था जिसकी आवाज़ काफी नायाब थी. ये सिंगल सिलिंडर 346 सीसी इंजन अधिकतम 18 बीएचपी और 32 एनएम उत्पन्न करता था.
इसमें एक 4-स्पीड गियरबॉक्स था. आपको आज भी कई कास्ट आयरन Royal Enfield बाइक्स बेहतरीन रूप से चलती हुई मिल जायेंगी. नयी Royal Enfield बाइक्स में कास्ट आयरन इंजन नहीं मिलता और इनकी जगह अब नयी Unit Construction Engines (UCE) मिलते हैं.
इस बाइक्स का बेहतरीन लो-एंड टॉर्क इन बाइक्स को भारी चीज़ों की हिलाने में मदद करता है. कास्ट आयरन इंजन अधिकतम टॉर्क को 3,000 आरपीएम पर उत्पन्न करता था. बाइक के लॉन्ग स्ट्रोक इंजन के चलते ये टॉर्क को लो एंड पर उत्पन्न कर पाटा है. Hyundai Xcent का वज़न लगभग 1100 किलो है जो किसी भी बाइक के खींचने का धक्का देने के लिए काफी ज़्यादा है. लॉन्ग स्ट्रोक इंजन काफी ज़्यादा लो एंड टॉर्क उत्पन्न करते हैं वहीँ उन्हें ज़्यादा रेव नहीं किया जा सकता है और इनकी टॉप स्पीड कम होती है.
ये सौभाग्य की बात है की कैब ड्राईवर को कोई मदद करने वाला मिल गया. कार में एक रिज़र्व लेवल तक फ्यूल रखना बेहद ज़रूरी होता है. साथ ही, ऐसे हालत में Roadside Assistance (RSA) [सड़क के किनारे सहायता] काफी उपयोगी साबित हो सकती है. निर्माता और बीमा कंपनी दोनों RSA उपलब्ध करवाते हैं. ऐसे हालत में बीमा कंपनी या निर्माता का आपातकालीन नम्बर ज़रूर डायल करें.