Royal Enfield की इंडिया में फॉलोविंग हमेशा से ही तगड़ी रही है. युवा कस्टमर्स इसके रेट्रो लुक्स और पॉपुलर इंजन थम्प से मुग्ध हैं. साथ ही, Bullets और मॉडिफिकेशन का चोली-दामन का साथ रहा है. RE मोटरसाइकिल्स को इंडिया में अक्सर मॉडिफाई किया जाता है. कई नए-नवेले राइडर्स अपनी नयी Royal Enfield Bullets को मॉडिफाई करवा लेते हैं और कई बार चीज़ें यहीं पर गलत हो जाती हैं. तो आइये नए राइडर्स द्वारा किये गए ऐसे ही कुछ गलत मॉडिफिकेशन फैसलों पर नज़र डालते हैं.
सस्ते और लो-क्वालिटी अलॉय लगवाना
ये इंडिया में सबसे ज़्यादा किया जाने वाला और खतरनाक मॉडिफिकेशन हैं. केवल लुक्स के लिए लो-क्वालिटी अलॉय इस्तेमाल करना बाइक को नुक्सान पहुंचा सकता है. और अगर Bullet जैसी भारी बाइक में ये मॉडिफिकेशन किया जाए, तो आप एक प्रकार के ताबूत को बना लेंगे जिसके चक्के कभी भी जवाब दे सकते हैं. अलॉय बाइक के लुक्स को निश्चित ही अच्छा बनाते हैं लेकिन खराब मटेरियल का इस्तेमाल करना जानलेवा हो सकता है. इससे रिम में दरार आ सकती है, हवा लीक हो सकती है, और वारंटी/बीमा समाप्त हो सकती है. ऐसे कई उदाहरण सामने आये हैं जिसमें खराब अलॉय के चलते टायर्स निकल जाते हैं या फट जाते हैं. अगर आप अपने Bullet को मॉडिफाई करने के शौक़ीन हैं, थोड़ा खर्च कीजिये और निर्माता स्वीकृत रिम्स का इस्तेमाल कीजिये. क्योंकि रिम्स पर थोड़ा खर्च हॉस्पिटल के बड़े खर्चे से अच्छा ही है.
सस्ते/खराब डिजाईन वाले आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट सिस्टम इस्तेमाल करना
इंजन से और तेज़ आवाज़ चाहिए? रोड पर अपनी मौजूदगी सबको जतानी है? अपने Bullet में फ्री-फ्लो एग्जॉस्ट लगवा लें और सबको परेशान करना शुरू करें. दुकानदार आपको यही बताएगा. उन्हें ये नहीं पता होता की सस्ते फ्री-फ्लो एग्जॉस्ट सिस्टम आपकी Bullet को नुक्सान पहुंचा सकती है. जहां अच्छे से डिजाईन और फिट किया गया एग्जॉस्ट सही काम करता है, सस्ता वाला बाइक डैमेज कर देता है, और माइलेज एवं पॉवर आउटपुट भी कम करता है. खराब डिजाईन वाला एग्जॉस्ट इन सब के अलावे एग्जॉस्ट वाल्व को जला कर उसे डैमेज कर देता है. हर बाइक में एक कस्टम डिजाईन एग्जॉस्ट की ज़रुरत होती है ताकि वो अच्छे से फिट हो और काम कर सके लेकिन आप इसे सस्ते में नहीं करवा सकते. आजकल, RE अपने शोरूम में कस्टम साइलेंसर्स बेचती है. इसके अलावे, Akrapovic जैसी कई कंपनियां हैं,जो कस्टम साइलेंसर और फिटिंग बेचती हैं.
बिना रिले के इस्तेमाल किये हुए हाई पॉवर हॉर्न एवं लाइट्स लगाना
तेज़ हॉर्न और हाई-पॉवर लाइट्स आजकल Bullet ओनर्स के बीच अन्य फैशन हैं, कई लोग तो लेग गार्ड पर भी लाइट्स लगवा लेते हैं. जहां ये करने में कोई दिक्कत नहीं नज़र आती हो, इसके नतीजे बुरे हो सकते हैं. नियम के हिसाब से बेहद तेज़ आवाज़ वाले हॉर्न गैरकानूनी होते हैं. अगर आपको पुलिस ने पकड़ लिया, इसका जुर्माना काफी ज़्यादा हो सकता है. इसके अलावे, हाई पॉवर वाले लाइट्स और हॉर्न में सही से वायरिंग की ज़रुरत होती है ताकि पूरा सिस्टम अच्छे से काम करे. बिने रिले वाले मॉड के चलते शोर्ट सर्किट हो सकता है जिससे बाइक में आग भी लग सकती है. ऐसा करने से आपके इलेक्ट्रिक सिस्टम की वारंटी भी खत्म हो सकती है.
खराब डिजाईन वाले क्रैश/लेग गार्ड इस्तेमाल करना
जहां लेग गार्ड बाइक की सेफ्टी बढ़ाते हैं, इसलिए ज़रूरी है की आप एक अच्छा लेग गार्ड लगवाएं. कई लोग अभी तक क्रैश गार्ड की ज़रुरत को नहीं समझते. हमारे मुताबिक़, ये बाइक को नुक्सान से ज़रूर बचाता है, लेकिन अगर राइडर बाइक से गिर जाए तो ये ज़्यादा काम नहीं करता. ये हमें वापस लेग गार्ड की क्वालिटी के मुद्दे पर लेकर आता है. खराब क्वालिटी या खराब डिजाईन वाले लेग गार्ड्स क्रैश में बेकार साबित होते हैं. काफी मज़बूत और सख्त क्रेश गार्ड टक्कर के वेग को चेसी को ट्रान्सफर कर देते हैं जिससे वो बुरी तरह से डैमेज हो सकता है. वहीँ दूसरी ओर, खराब क्वालिटी वाला मटेरियल मुड़ सकता है और राइडर को चोट लग सकती है. अपने Bullet के लिए हमेशा अच्छे क्वालिटी वाले क्रैश गार्ड चुनें. RE प्रमाणित क्रैश गार्ड नए राइडर्स के लिए बेहतरीन होंगे.
अजीब या बेहद चौड़े हैंडलबार्स फिट करना
RE जैसे क्रूज़र्स में हैंडलबार्स को मॉडिफाई करने के कई ऑप्शन होते हैं लेकिन नए राइडर्स केवल लुक्स को ध्यान में रख चौड़े हैंडलबार्स लगवाते लेते हैं. हैंडलबार कस्टमाईज़ करना कोई गलत बात नहीं होती, लेकिन सही हैंडल चुनना आना चाहिए. गलत हैंडल चुनाव से कई दिक्कतें आ सकती हैं. सबसे पहले, खराब डिजाईन या बेहद चौड़े हैंडलबार्स गाड़ी की हैंडलिंग को खराब करते हैं. भारी ट्रैफिक, पार्किंग, और भीड़ वाले इलाकों में भी इनके चलते दिक्कतें आती हैं. इंडिया जैसे देश में ऐसी दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं और यहाँ सही हैंडलबार का ना होना एक बड़ी दिक्कत बन सकता है.