भारतीय अक्सर सड़क पर एक्सीडेंट के दौरान लोगों की मदद नहीं करते हैं. ऐसे कई वाकये सामने आये हैं जहां मदद के अभाव में एक्सीडेंट के मारे लोग सड़क पर अपनी जान गँवा चुके हैं. एक ऐसा ही वाक्य मुंबई में हुआ जहां एक बाइकर एक डिवाइडर में जा टकराया और Mukesh Ambani का सुरक्षा काफिला उसकी मदद के लिए रुक गया.
Mukesh Ambani के काफिले ने की एक्सीडेंट पीड़ित की मदद
Thunder On Road का ये विडियो मुंबई की भीड़ भरी सड़क को दर्शाता है. इस विडियो में हम देख सकते हैं की एक घायल बाइकर डिवाइडर से टकरा कर पड़ा हुआ है. चूंकि बाइकर ने हेल्मेट नहीं पहना हुआ था उसे काफी चोट लगी थी. जहाना कई गाड़ियां रुक कर एक्सीडेंट को देख रही थीं, कोई भी मदद करने को आगे नहीं आया.
कुछ समय के बाद, एक गाड़ी के काफिले से दो गाड़ियां पीड़ित की मदद के लिए रुकीं. भारत के सबसे अमीर परिवार को सुरक्षा देने वाले काफिले में से एक सफ़ेद Toyota Fortuner और Land Rover Discovery से कुछ लोग निकल कर पीड़ित की मदद कर रहे थे एवं उसे पास के अस्पताल में ले गए. Toyota Fortuner के रजिस्ट्रेशन डिटेल्स से पता चलता है की वो गाड़ी “Reliance Industries” की है और इससे पता चलता है गाड़ी किसकी थी.
Ambani परिवार के पास Z-Plus सिक्यूरिटी है और जब भी परिवार का कोई सदस्य बाहर निकालता है एक गाड़ियों का काफिला उनके साथ चलता है. Mukesh Ambani की पत्नी को भी Y-लेवल की सिक्यूरिटी मिली हुई है. Ambani परिवार के काफिले में BMW X5 और Land Rover Discovery जैसी लक्ज़री SUVs चलती हैं. उनके काफिले में दूसरी गाड़ियों में Ford Endeavour और Toyota Fortuner शामिल हैं. हालांकि उन्हें सिक्यूरिटी Central Reserve Police Force (CRPF) देती है, ये गाड़ियां Ambani परिवार की हैं. ये निश्चित ही देश में किसी आम नागरिक के लिए सबसे महंगा सिक्यूरिटी कवर है.
सड़क पर एक्सीडेंट पीड़ितों की मदद करें
हर किसी को एक्सीडेंट पीड़ितों की मदद करनी चाहिए. चूंकि मौके पर एम्बुलेंस को पहुँचने में समय लग जाता है, आसपास के लोगों को मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. अगर एक्सीडेंट पीड़ित को तुरंत मदद नहीं मिलती है तो अक्सर वो किसी भी प्रकार के इलाज से परे हो जाते हैं. लोगों को ऐसा लगता है की एक्सीडेंट पीड़ित की मदद करने से वो बेकार के पुलिस वगैराह के चक्कर में फँस जायेंगे लेकिन उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के मुताबिक़ सड़क पर एक्सीडेंट पीड़ित की मदद करना बेहद आसान हो गया है.
नए नियमों के मुताबिक़, एक्सीडेंट पीड़ित की मदद करने वाले लोग पीड़ित को अस्पताल पहुंचा कर तुरंत निकल सकते हैं एवं उन्हें किसी के सवाल की जवाब देने की ज़रुरत नहीं होती. कई राज्य सरकारों ने ऐसे मददगारों को सम्मानित करना भी शुरू कर दिया है. साथ ही मदद करने वाले की निजी जानकारी को भी गुप्त रखा जाता है.