Kwid ने कस्टमर्स के बीच काफी ख्याति हासिल कर ली है और सेल्स के मामले में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. ये किफायती CMF-A प्लेटफार्म पर आधारित है जिसे Renault इंडिया में लॉन्च होने वाली 4 नयी कार्स के लिए इस्तेमाल करेगा. पेश हैं वो कार्स और उनके रेंडर जो दर्शाते हैं की ये कार्स जब यहाँ लॉन्च होंगी तो कैसी दिखेंगी.
Kwid कॉम्पैक्ट सेडान
Renault फिलहाल एक कॉम्पैक्ट सेडान पर काम कर रही है जो Kwid प्लेटफार्म पर आधारित होगी. कोडनेम LBC वाली इस कार में अभी Kwid में इस्तेमाल होने वाला CMF-A प्लेटफार्म का खिंचा हुआ वर्शन होगा. इस नए प्लेटफार्म का नाम CMF-A+ होगा जो Renault को लम्बाई और व्हीलबेस बढ़ाने और घटाने की आज़ादी देगा जिससे कंपनी नए मार्केट्स में नए मॉडल लॉन्च कर पाएगी. ये कॉम्पैक्ट सेडान 4 मीटर से कम लम्बी होगी. जहां ये बात पक्की है की कार में पेट्रोल इंजन और मैन्युअल एवं AMT ऑप्शन मिलेगा, कंपनी ने डीजल मॉडल लाने पर कुछ नहीं कहा है.
Kwid माइक्रो SUV
फ्रेंच निर्माता Renault अपने Kwid पर आधारित एक माइक्रो SUV भी बना रही है. इसमें वही MF-A+ प्लेटफार्म इस्तेमाल होगा जो Kwid कॉम्पैक्ट सलून में इस्तेमाल किया जाएगा. अब समय आ गया है कंपनी एक कॉम्पैक्ट SUV लॉन्च करे क्योंकि Maruti और Hyundai ने इंडिया के लिए माइक्रो SUVs की घोषणा पहले ही कर दी है. Kwid पर आधारित कोडनेम HBC माइक्रो SUV का प्रोडक्शन 2018 के अंत या 2019 के आसपास शुरू हो सकता है. अगर सही से बनायी गयी तो एक कंपनी के लिए एक और बेहतरीन सेल्स वाला मॉडल साबित हो सकता है.
Kwid MPV/Stationwagon
Nissan इंडिया में Go हैचबैक का लम्बा वर्शन Go+ बेचती है. चूंकि दोनों कंपनियां एक दूसरे से जुड़े हुई हैं Renault भी एक ऐसी ही गाड़ी ला सकती है. GO+ असल में Renault के RBC कोडनेम MPV के पीछे की प्रेरणा हो सकती है. साथ ही हो सकता है की ये कार Kwid हैचबैक का एक बड़ा रूप हो. RBC MPV में Kwid का इंजन और ट्रांसमिशन लगा हो सकता है.
Kwid इलेक्ट्रिक
Renault-Nissan के बॉस Carlos Ghosn एन कन्फर्म किया है की वो Kwid का एक इलेक्ट्रिक वर्शन लायेंगे. ये सबसे पहले चाइना में लॉन्च की जायेगी और फिर उसके बाद ये इंडिया और ब्राज़ील में भी आएगी. कंपनी Kwid इलेक्ट्रिक को 2020 में लॉन्च कर सकती और अभी की सरकार के नियम इसे तब तक और किफायती बनाने में मदद करेंगे. Kwid इलेक्ट्रिक के साथ Renault भारतीय सरकार के 2030 तक मास मार्केट कार्स को इलेक्ट्रिक करने के लक्ष्य में योगदान देगी.