भारतीय ऑटोमोटिव बाज़ार अपने विस्तार की राह पर आगे बढ़ चुका है. बहुत से ग्राहकों ने पिछले कुछ अरसे में अतीत की उन कार्स से कन्नी काट ली थी, जो अपनी लुक्स, परफॉरमेंस, क्लास आदि के मामले में ‘कुछ हट कर’ थीं. लेकिन अब भारतीय ग्राहक आज की कार्स की भेड़चाल से घबरा कर उन पुरानी कार्स के सुकून को एक बार फिर आवाज़ दे रहा है. तो आइये आप को लेकर चलें एक ऐसे सफर पर जहाँ हम ऐसी ही 10 कार्स की वापसी की बातें करेंगे जिनको हमारे अनुसार आज का भारतीय कार बाज़ार/ग्राहक बांहें फैलाये गले लगाने को तैयार खड़ा है.
Hindustan Contessa
Hindustan Contessa को भारत में 1984 में लॉन्च किया गया था. Contessa ने अपनी मसल कार से प्रेरित लुक्स के चलते भारत के युवाओं के बैडरूम की दीवारों से लेकर सड़कों तक ‘मसल कार्स’ के पोस्टर्स को पंहुचा दिया. मसल कार डिज़ाइन के बावजूद Contessa में हमेशा छोटी क्षमता वाले इंजन्स का ही प्रयोग होता रहा जिनमें बड़े से बड़ा इंजन मात्र 2.0-लीटर डिस्प्लेसमेंट वाला था.
कार प्रेमी आज भी अपनी Contessa को बिल्कुल टिप-टॉप कण्डिशन में रखते हैं. कुछ ने तो अपनी कार में ज़्यादा पावर और अच्छी लुक्स के लिए इन्हे मॉडिफाइ भी कराया है. हालांकि आइकोनिक Mustang अब भारत में बेची जा रही है लेकिन अब भी ये अधिकतर भारतीयों की पहुंच से बाहर है. ऐसे में भारतीय कार बाज़ार में अगर एक बार फिर Contessa की और भी ज़्यादा मज़बूत धड़कनें सुनने को मिलें तो आप ही बताइए आपको कैसा लगेगा? Contessa को एक आधुनिक मसल कार के डिज़ाइन और एक पावरफुल पेट्रोल इंजन के साथ रीलॉन्च करने का आईडिया हिट साबित हो सकता है बशर्ते इसकी कीमत मुनासिब रखी जाये.
Hindustan Ambassador
Hindustan Ambassador एक ऐसी कार थी जिसका प्रोडक्शन-रन भारत में सबसे लम्बे अर्से — 60 वर्षों — तक चला.
Morris Heritage कार से प्रेरित इसकी राजसी हाथी की सी लुक्स इसे सभी कार्स में एक अलग ही श्रेणी में खड़ा करती हैं. इसके पीछे वाले हिस्से में मिलने वाला हवा-महल जैसा स्पेस ने इसे राजनेताओं से लेकर टैक्सी चालकों की पहली पसंद बनाए रखा.
अब जब फ्रेंच कार निर्माता Peugeot ने Ambassador ब्रांड को Hindustan Motors से अधिग्रहित कर लिया है तो इस बात का अंदेशा बढ़ जाता है की Ambassador नाम को बदल दिया जायेगा. आशा है कि Ambassador को हम एक नए आधुनिक डिज़ाइन और पॉवरफ़ुल फ्रेंच इंजन के साथ भारतीय बाज़ार में एक बार फिर हलचल मचाते देखेंगे.
Maruti Zen Carbon और Steel
Zen Carbon और Steel कार Maruti की Zen हैचबैक के दो लिमिटेड-रन वर्शन थे. इन दोनों कार्स का थ्री-डोर डिज़ाइन ही इनको भीड़ से अलग खड़ा करता था. इन कार्स के तीन दरवाज़ों वाले इस विशेष फीचर को तब से अब तक भारत में किसी भी और बड़े मार्केट वाली कार में फिर से इस्तेमाल नहीं किया गया.
भले ही देखने वालों के लिए ये कार्स विचत्र थीं लेकिन Zen Carbon और Steel ने बाज़ार में धूम खूब मचाई थी. इसके चाहने वाले कार प्रेमियों ने आज भी इन मॉडल्स को रखा है. कुछ ने तो इनकी ट्यूनिंग तक करवाई थी. अगर Maruti एक बार फिर एक थ्री-डोर हैचबैक बनाने की सोचे जिसमें एक वाजिब पावर देने वाला इंजन लगा हो तो ये Maruti के लिए आज के ज़माने की दूसरी हैचबैक्स को टक्कर देने के लिए ‘तीन तिगाड़ा-काम संवारा’ सरीखा कदम साबित हो सकता है.
Mahindra Classic Jeep

Mahindra Classic एक छोटे व्हील-बेस और हर समय फोर-व्हील ड्राइव के साथ आया करती थी जो इसे उबड़-खाबड़ रास्तों को छलांगे मारते हुए पार करने के लिए एक पहाड़ी बकरी की सी चुस्ति और पकड़ देने में सहयोगी फीचर्स थे. यह खुली छत वाली ऑफ-रोडेर भारतीय आर्मी में एक हिट थी और आर्मी ने इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया.
Thar की मौजूदगी के बावजूद Classic के फौजी लुक्स, हल्के वज़न वाली बॉडी, और ऑफ-रोडिंग क्षमता के चलते कई कार प्रेमी आज भी इसकी ख्वाहिश रखते हैं. अगर Mahindra एक बार फिर Classic को Thar के सस्ते विकल्प के रूप में बाज़ार में उतारती है तो जीप प्रेमियों में ये ज़बरदस्त हिट साबित हो सकती है.
Chevrolet Cruze
Chevrolet Cruze अमेरिकन कार निर्माता की भारतीय कार बाज़ार में फ्लैगशिप कार है. Cruze के डीज़ल इंजन से 166 बीएचपी पावर और 380 एनएम टॉर्क मिलता है.
लेकिन पिछले साल Chevrolet द्वारा भारत में अपने ऑपरेशन बंद करने के बाद Cruze की कहानी भी देश में ख़त्म हो गई. अगर Chevrolet भारत लौटने पर विचार करता है तो Cruze एक ऐसी कार है जिसके साथ उसे अपनी वापसी करनी चाहिए, एक ज़्यादा शक्तिशाली इंजन के साथ.
Mitsubishi Lancer
World Rally Championship में अपनी अमिट छाप छोड़ने के बाद Mitsubishi Lancer ने दुनिया के हर उस बाज़ार में सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं जहां इसे बेचा जाता है. ये Lancer की बदकिस्मती ही थी कि खस्ताहाल डीलरशिप/ आफ्टरसेल नेटवर्क और Honda City के कार बाज़ार में हाथों हाथ लिए जाने की वजह से Lancer मालिकों को इसे रखना दिक्कतों से भरा था.
अगर Mitsubishi अपने Lancer मॉडल को भारत में लॉन्च करना चाहे तो उन्हें इस कार का Honda City और Maruti Ciaz के मुक़ाबले का एक ज़्यादा शक्तिशाली विकल्प उतारना चाहिए। ये कदम भारतीय कार मार्किट में एक बड़ी हलचल मचा देगा.
Ford Fiesta S
Ford Fiesta में लगे ज़्यादा सख्त और छोटे सस्पेंशन स्प्रिंग्स और बड़े और चौड़े व्हील्स के चलते इस गाड़ी ने अपने बेहतरीन हैंडलिंग फीचर का लोहा मनवाया था. 8 लाख रुपए की कीमत में मिलने वाली ये कार अपनी कीमत से दुगनी कीमतों पर मिलने वाली दूसरी किसी भी कार से ज़्यादा फन-टू-ड्राईव एहसास दिलाती थी. इसका 100 बीएचपी इंजन भी इसकी ड्राइविंग को और मज़ेदार बनता था.
अगर Ford अपने Fiesta S मॉडल को फिर से बाज़ार में लाता है तो वो सही में मार्किट पकड़ने की क़ाबलियत रखने वाली एक कार के साथ आएगा पर नई कार की हैंडलिंग भी पुरानी के जैसी ही होनी चाहिए.
Premier Padmini
मुंबई की फेमस ‘काली-पीली’ जिसको चलाते हुए फारूख शेख के ऊपर ‘सीने में जलन’ गाने को फिल्माया गया था. Premier Padmini का भारत में निर्माण 1973 से 1998 के बीच हुआ जिसका सीधा मुक़ाबला Hindustan Ambassador के साथ रहा करता था. Padmini में 35 बीएचपी 1.1-लीटर इंजन लगा है.
Padmini अपने विशिष्ट आकार और तेज़-तर्रार हैंडलिंग के चलते कई लोगों में हिट है जिन्होंने आज भी इसे अपने दिल से लगा कर रखा है. अगर Padmini को ज़्याद पावरफुल इंजन और पुरानी कार के डिज़ाइन की ही तर्ज़ पर एक नए मॉडर्न लुक्स के साथ वापस लाया जाता है तो ये कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी।
Tata Sierra
Tata Sierra एक ऐसी कॉम्पैक्ट SUV थी जिसका ईजाद कॉम्पैक्ट SUV शब्द की ईजाद के पहले ही हो गया था. इसमें थ्री-डोर डिज़ाइन के साथ साथ पीछे एक बड़ी सी खिड़की दी गयी थी. Sierra में 2.0-लीटर डीज़ल इंजन लगा था जिसे Peugeot से लिया गया था. ये इंजन पहले 68 बीएचपी और बाद में टर्बोचार्जर जोड़ दिए जाने के बाद 90 बीएचपी पावर पैदा करता था.
अगर Tata अपनी Sierra को अपने प्रतिष्ठित 2.2-लीटर DiCOR इंजन के साथ बाज़ार में लाती है तो यह Mahindra Scorpio की नीदें उड़ाने के लिए काफी होगा.
San Storm
San Storm भारत में मिलने वाली अकेली किफायती टू-सीट कन्वर्टेबल थी. एक फ्रेंच कंपनी द्वारा डिज़ाइन की गयी ये कार 1998 में लॉन्च हुई थी. इसमें 60 बीएचपी का Renault इंजन लगा था. अपने हल्के वज़न वाले फाइबरग्लास निर्माण के चलते San Storm एक फन-टू-ड्राईव कार हुआ करती थी.
हालाँकि San Storm ने भारत में कभी भी बिक्री के मामले कोई झंडे नहीं गाड़े, फिर भी अगर आज ये किफायती दाम पर अपनी वापसी करती है तो युवाओं में ये अच्छी खासी पकड़ बना सकती है क्योंकि आज के युवा को एक गुड-लुकिंग कार की तलाश हमेशा रहती है.