देश की सबसे बड़ी कार निर्माता Maruti Suzuki India ने नए Swift और Baleno के लिए रीकॉल (वापसी) या यूँ कहें की सर्विस कैंपेन शुरू किया है. Maruti ने अपने Nexa वेबसाइट पर दोनों गाड़ियों को आधिकारिक तौर पर लिस्ट गुज़ारिश की है की प्रभावित कस्टमर्स अपनी गाड़ी को चेक-अप के लिए लायें. और इस सर्विस कैंपेन के लिए कारण “ब्रेक वैक्यूम होज़ में संभावित फॉल्ट” बताया जा रहा है.
वेबसाइट पर लिखा है की Swift और Baleno के 52,686 यूनिट्स इससे प्रभावित हैं. 1 दिसंबर 2017 और 1 मार्च 2018 के बीच बनी कार्स प्रभावित हुई हैं और ब्रांड द्वारा लाये गए सर्विस कैंपेन के तहत उन्हें सही किया जाएगा. 14 मई 2018 से Maruti Suzuki India ओनर्स से आधिकारिक तौर पर इंस्पेक्शन और फॉल्टी पार्ट्स के रिप्लेसमेंट के लिए संपर्क करेगी.
Maruti के बिल्कुल नए Swift और Baleno के एक हिस्से का निर्माण ब्रांड के Gujarat प्लांट में होता है. अभी ये पता नहीं चल पाया है की फॉल्ट उसी असेंबली लाइन का है या नहीं. ब्रेक वैक्यूम होज़ ब्रेक बूस्टर सिस्टम का हिस्सा होता है. ये एक महत्वपूर्ण पार्ट है जो ब्रेक फ़ोर्स को बढ़ा गाड़ी को कम दूरी पर ही रोकने में मदद करता है.
हालांकि इस पार्ट के फेलियर का मतलब ये नहीं है की ब्रेकिंग पॉवर बिल्कुल खत्म हो जाएगी, लेकिन काफी हद तक कम ज़रूर होगी. Maruti प्रभावित गाड़ियों का इंस्पेक्शन करेगी और इस कैंपेन के तहत पार्ट को मुफ्त में रीप्लेस करेगी. कस्टमर कंपनी द्वारा बनाये गए वेबपेज पर अपना “इंजन चेसी नम्बर” डालकर भी देख सकते हैं की उनकी गाड़ी प्रभावित है की नहीं.
नयी Swift और Baleno के सभी वैरिएंट में ABS और ड्यूल एयरबैग्स स्टैण्डर्ड हैं. Baleno इंडिया की बेस्ट सेलिंग प्रीमियम हैचबैक है जहां इसकी मासिक सेल्स 15,000 यूनिट्स के आसपास है. नयी Swift ने भी मार्केट में सेल्स में झंडे गाड़े हैं. मार्च में नयी Swift की सेल्स 20,000 यूनिट्स के आसपास रही.
इंडिया में 4/2 व्हीलर निर्माता रीकॉल या सर्विस कैंपेन कस्टमर्स की सेफ्टी और सुविधा को बरकरार रखने के लिए आयोजित करते हैं. इंडिया और दुनियाभर में भी कई निर्माता हैं जो किसी दिक्कत को दूर करने के लिए समय-दर-समय अपनी गाड़ियों को रीकॉल करते हैं. जहां दुनिया के कई हिस्सों में सरकार गहन रीकॉल पॉलिसी बनाती है, इंडिया में सरकार ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. इंडिया में कार और टू-व्हीलर निर्माता प्राइवेट ऑटोमोटिव बॉडी Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) के द्वारा बनाए गए ‘स्वैच्छिक रीकॉल पॉलिसी’ के तहत गाड़ियों को रीकॉल करते हैं.