क्या ये सिर्फ नाम की कॉम्पैक्ट SUVs हैं या ये थोड़े मुश्किल जगहों और बदतर रोड्स पर चल सकती हैं? ये है हमारा मत.
इंडिया के मार्केट में कोई भी बड़ी दिखने वाली चीज़ बिकती है. अगर पूरी तरह नहीं तो ये अर्धसत्य ज़रूर है; कॉम्पैक्ट SUVs को ही देख लीजिये. पिछले कुछ सालों में इन गाड़ियों की पॉपुलैरिटी काफी बढ़ी है और हम इंडिया के लोगों को शायद इस बात से प्यार हो गया है की इनकी स्ट्रीट प्रेसेंस बेहतरीन है, इनका स्टांस SUVs के जैसा है और ये हाई सीटिंग पोजीशन ऑफर करती हैं. लेकिन क्या ये इसके ‘SUV’ बैज सही साबित करती हैं? इसे परखने के लिए हमने गुड़गांव के पास में देश के सबसे बेहतर ऑफ-रोड प्राइवेट ट्रैक ‘Off-Road Adventure Zone’ पर तीन बेहद पॉपुलर कॉम्पैक्ट SUVs को एक दूसरे के खिलाफ उतारा.
दावेदार
Maruti Vitara Brezza: देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट SUV वो सब करती है जो इसके ओनर चाहते हैं. इसमें बेहद भरोसेमंद 1.3 लीटर (असल में 1248 सीसी) डीजल मोटर है जिसका आउटपुट 90 पीएस/ 200 एनएम है. क्या मुश्किल ऑफ-रोड हालात में हल्की Brezza अपने असली रंग दिखा पायेगी?
Tata Nexon: इस कूल दिखने वाली कॉम्पैक्ट SUV ने इंडिया के कस्टमर्स का ध्यान खींचा है. ये अच्छी दिखती है, और इसमें इन दावेदारों में से सबसे पावरफुल इंजन है — एक 1497 सीसी डीजल इंजन जो 110 पीएस और 260 एनएम उत्पन्न करता है और आप 1198 सीसी पेट्रोल इंजन भी चुन सकते हैं जो 110 पीएस/170 एनएम उत्पन्न करता है. बढ़िया कॉम्बिनेशन?
Ford EcoSport: जिस प्रकार से Ford ने अपने अपडेटेड EcoSport को इंडिया के कस्टमर्स के लिए पैकेज किया है, वो हमें काफी पसंद है. और जहां इस कम्पटीशन के लिए Brezza और Nexon के डीजल वर्शन उपलब्ध थे, चीज़ों को थोड़ा रोचक बनाने के लिए EcoSport का 1.5 लीटर पेट्रोल आटोमेटिक वर्शन लिया गया. ऑफ-रोड ट्रैक पर आटोमेटिक? हाँ!
पहला राउंड: तेज़-रफ़्तार रन
शुरुआत हुई Auto Cross के नाम से जानी जाने वाली Oraz (Off-Road Adventure Zone) के हाई स्पीड आउटर ट्रैक पर. ये 550 मीटर का एक नरम बालू वाला ट्रैक है जो लगभग स्क्वायर शेप का है और इसमें कुछ चैलेंजिंग मोड़ भी हैं.
अपने हल्के वज़न के चलते Maruti Brezza यहाँ काफी सहज थी और इसके फ्री रेव वाले DDiS को रेड जोन तक ले जाते हुए इसे चलाना काफी मजेदार था. इसका रेस्पोंसिव डीजल इंजन इस बात को सुनिश्चित करता है की आपको पॉवर की कमी महसूस नहीं होगी लेकिन कभी-कभी टर्बो लैग ज़रूर महसूस हुआ.
फिर Nexon एक बिल्कुल अलग ही अनुभव था. हालांकि इसके 1.5 लीटर डीजल इंजन को रफ़्तार पकड़ने में थोड़ा समय लगता है, एक बार जब ये परफॉर्म करने लगे तब Nexon आपको इम्प्रेस करती है. और हाँ, राउंड वन के बाद Sport मोड का इस्तेमाल किया गया था और कुछ लैप्स के बाद Nexon ने बढ़िया परफॉर्म किया और टाइमिंग के मामले में ये Brezza से कदम से कदम मिला कर चल रही थी.
क्योंकि ये एक आटोमेटिक वर्शन थी, EcoSport को लेकर थोड़ी शंकाएं थीं, लेकिन ये पहले लैप में ही दूर हो गयी. इसके 1.5 लीटर dragon इंजन को रेव्स पसंद हैं और पैडल शिफ्ट के चलते ट्रांसमिशन पर अच्छा कण्ट्रोल मिलता है. ESP / TC के चलते इस Ford की हैंडलिंग और परफॉरमेंस बेहतर होते हैं और अब तो ये डीजल वर्शन में भी मिल रहा है. यहाँ Ford ने बेहतर काम किया है.
लेकिन अंत में Brezza यहाँ सबसे तेज़ थी और इसने 31 सेकेण्ड का टाइम सेट किया. और सिर्फ तुलना के लिए, Oraz के मालिक Vikramjeet का कहना है की यहाँ इस ट्रैक पर सबसे बेहतर टाइम 28 सेकेण्ड का है जो आफ्टरमार्केट टायर्स के साथ एक हेविली मॉडिफाइड Gypsy का है. इसे देखते हुए Brezza का परफॉरमेंस शानदार है.
दूसरा राउंड: चिकन हम्प
जैसा की आप नाम से जान सकते हैं इस ट्रैक पर कार्स एक चिकन जैसा परफॉर्म करती हैं, ये वर्टिकली चलती हैं और कभी-कभी इनके एक या दो चक्के हवा में रहते हैं. व्हील आरटीक्यूलेशन और थ्रोटल रिस्पांस यहाँ सबसे महत्वपूर्ण हैं और व्हील-स्पिन से बचने के लिए आपको कार को आराम से चलाना होगा.
Brezza ने शुरुआत की और ऐसा अंदेशा था की टर्बो लैग एक दिक्कत बनेगी लेकिन इसने बेहतर परफॉर्म किया. यहाँ सिर्फ एक ही दिक्कत थी की यहाँ ग्राउंड क्लीयरेंस थोड़ा कम था जिसका मतलब था की Brezza ने आखिरी बड़े हम्प पर ग्राउंड को छुआ लेकिन चूँकि यहाँ बालू था इसलिए कोई डैमेज नहीं हुआ.
Nexon का ग्राउंड क्लीयरेंस बेस्ट इन क्लास है और यहाँ हर मिलीमीटर काम आता है. सिटी मोड में आने से यहाँ थ्रोटल रिस्पांस कम हुआ और Nexon यहाँ फोटो में देखे जा सकने वाले एक चक्के के हवा में होते हुए भी इन हम्प्स को आसानी से पार कर गयी.
EcoSport का आटोमेटिक यहाँ सबसे बेहतर टूल है. थ्रोटल के दखलंदाज़ी की कोई ज़रुरत नहीं क्योंकि क्रीप फंक्शन ने काम करना शुरू कर दिया और EcoSport इनके पार आराम से निकल गयी. लेकिन एक जगह पर फोटो के लिए रुकने पर वापस शुरू करना मुश्किल हो गया क्योंकि ज़रूरी टॉर्क उत्पन्न करने के लिए पेट्रोल मोटर को रेव करने की ज़रुरत पड़ी और इसके चलते अवांछित व्हील स्पिन हुआ.
ये सेक्शन इन बात को साबित करता है की आपकी कॉम्पैक्ट SUV आपके एडवेंचर ट्रिप्स के दौरान आम बाधाओं को बिना किसी दिक्कत के पार कर जाएगी. क्या आपने भी अक्सर ट्रैफिक से बचने के लिए डिवाइडर को पार करने का सोचा है?
तीसरा राउंड: एक्सल-तोड़
नाम ही काफी है. इस सेक्शन में गहरे गड्ढे हैं जिनमें एक बड़ा टायर रखा है. ये इलास्टिक रबर आपके टायर को फंसा सकता है और आसानी से आपका इंजन स्टॉल कर सकता है. अगर आप ज्यादा रेव करें तो मैकेनिकल पार्ट्स पर ज्यादा प्रेशर चीज़ों को डैमेज कर सकता है.
सबसे पहले Maruti की ऑफरिंग. यहाँ हाफ क्लच से कम स्पीड पर ड्राइव करना होता है ताकि चक्के में इतना टॉर्क हो की वो टायर ट्रैप के ग्रिप से पार पा ले. लेकिन, कभी-कभी गड्ढे की गहराई आपको अचंभित कर देती है. ऐसे हालत में Brezza का स्टिफ सस्पेंशन आपको असहज महसूस कराता है, लेकिन हल्के होने के चलते इसका 190 एनएम का टॉर्क इसे आसानी से खींच ले जाता है. लेकिन यहाँ पर Brezza का क्लीयरेंस सबसे कम है और ये आपको दिखता है.
Nexon भारी है लेकिन इसका टॉर्क सबसे ज्यादा है. इसमें आप बिल्कुल समान रफ़्तार पर जा सकते हैं और यहाँ आप आत्मविश्वास से भरे रहते हैं. इतना की ये राउंड City और Sport दोनों मोड्स में 5 बार किया गया. अब Tata के एक 4×4 वर्शन के बारे में आपका क्या ख्याल है?
यहाँ टॉप-ऑफ़-रेंज Titanium+ EcoSport थी जिसका मतलब था की इसमें 17-इंच व्हील्स पर लो-प्रोफाइल 50 सेक्शन टायर्स थे. हमारे मत में ऑफ-रोडिंग के लिए ये सबसे अच्छा ऑप्शन नहीं है. टायर ट्रैप ने थोड़ी दिक्कतें पैदा की लेकिन आटोमेटिक बॉक्स को मैन्युअल मोड में पहले गियर में डालने से से चीज़ें संभल गयीं. लगता है यहाँ ज्यादा टॉर्क वाला डीजल वर्शन बेहतर परफॉर्म करता.
चौथा राउंड: स्ल्श पिट
हमने सबसे अच्छे को सबसे आखिर के लिए बचा के रखा था. स्ल्श पिट एक बड़ा गोल-सा पार्क है जो 15-20 इंच तक स्ल्श वाटर से भरा है और इसे आमतौर पर 4×4 या AWD गाड़ियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस बात की निश्चितता था की ये आधी SUVs आराम से फँस जायेंगी और इन्हें खींच कर बहार निकालना पड़ेगा. लेकिन जैसा की आप फोटोज़ में देख सकते हैं ये गाड़ियां फँसी नहीं और टीम मेम्बेर्स को इन फ़ोटोज़ को लेने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
अगर मोमेंटम बरकरार रखा जाए ये कॉम्पैक्ट SUVs आपको एक मुस्कान और नए पेंट की ज़रुरत के साथ छोड़ जाएँगी. सही टॉर्क रखना, और ज्यादा रेव नहीं करना यहाँ ज़रूरी है. जैसे ही लगे की कार धीरे हो रही है और चक्के स्पिन करने लगे हैं दायें-बायें स्टीयर करना शुरू कर दीजिये, टायर्स को ग्रिप मिलने लगेगी और इन्हें फिर से मोमेंटम मिलने लगेगा.
तीनों दावेदारों ने सामान प्रदर्शन किया लेकिन EcoSport के बेहतर वाटर वेडिंग क्षमता ने थोड़ा इम्प्रेस किया. अगर ये एरिया थोड़ा और चौड़ा होता, हल्की Brezza काफी मजेदार साबित होती क्योंकि इसका रियर आराम से बाहर निकल आता है.
मत
जैसा आप देख सकते हैं, इन कॉम्पैक्ट SUVs को अच्छे से सॉफ्ट-रोडिंग में परखा गया. 4×4 या AWD ना होने के चलते ये हार्डकोर यूटिलिटी गाड़ियां नहीं हैं लेकिन बेहतर ग्राउंड क्लीयरेंस और बड़े टायर्स के चलते ये सभी दावेदार मुश्किल पड़ावों से आसानी से पार पा लेते हैं. इसके आसान रिपेयर और भरोसेमंद मैकेनिक्स के चलते Brezza से आपको मन की शान्ति मिलती है, Nexon में सर्वाधिक ग्राउंड क्लीयरेंस और टॉर्क है और Ford EcoSport ये दिखाती है की आटोमेटिक भी इन बाधाओं को अच्छे से संभाल लेती है.
अगर आपके पास इनमें से कोई भी एक है तो याद रखिये मोमेंटम और संयम सबसे बड़ी चीज़ें हैं. इन्हें आराम से चलाइये, गाड़ी की आदत डालिए, और इस बात को सुनिश्चित कीजिये की आपके पास एक बेहतर स्पॉटर है — एक ऐसा इंसान जो गाड़ी के बाहर से आपको बाधाओं के बारे में जानकारी देगा.
लेकिन आप इस बात को लेकर निश्चिन्त हो सकते हैं की ये बदतर रोड्स पर भी चलने में सक्षम हैं और कभी-कभार ये थोड़े ऐसे पहाड़ी इलाके में भी जा सकती हैं जहां रोड्स हैं ही नहीं. इनके दायरों में रहिये और ये आपको खुश रखेंगी.