इन दिनों सनरूफ बाज़ार का एक नवीनतम चलन बन कर उभरा है. भारत में कई वाहन निर्माताओं ने फैक्ट्री से ही सनरूफ मुहैय्या करवाना शुरू कर दिया है. सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट SUV श्रेणी में केवल Ford EcoSport और Honda WR-V ही दो गाड़ियाँ हैं जिनके साथ फैक्ट्री सनरूफ उपलब्ध कराई जा रही हैं. यहां तक की Tata Nexon में भी डीलर द्वारा फिट की गई सनरूफ का विकल्प मौजूद है. इस सेगमेंट में जल्द ही आने वाली Mahindra XUV300 के साथ भी सनरूफ दी जाएगी.
हालांकि भारतीय बाज़ार में सबसे अधिक बिकने वाली यूटिलिटी व्हीकल (UV) Maruti Suzuki Vitara Brezza के साथ सनरूफ का विकल्प मौजूद नही है. एक कस्टम सनरूफ बनाने वाले ब्रैंड Webasto ने Vitara Brezza पर एक पूरे-आकार की सनरूफ फिट की है. देखने में यह बहुत बढ़िया है और इसमें एल स्लाइडिंग पर्दा भी लगा है. यह एक मैन्युअल सनरूफ है जिसका मतलब इसे बटन दबाते ही खोला या बंद नहीं किया जा सकता. इस SUV पर यह सनरूफ बहुत अच्छी दिख रही है.
Webasto एक लम्बे समय से विभिन्न कार्स के लिए सनरूफ उपलब्ध करवा रही है और बाज़ार में यह एक विश्वसनीय नाम है. इस मैन्युअल सनरूफ की कुल कीमत लगभग 15,000 रूपए से 20,000 रूपए के बीच की है जो इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस किस्म की और किस आकार की सनरूफ पसंद की है. कस्टम सनरूफ को लगाने के लिए गाड़ी की छत में एक खांचा काटा जाता है और उसके बाद इसे उस जगह फिट किया जाता है. ऐसा करने से गाड़ी के किसी भी बिजली के सर्किट पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि मैन्युअल सनरूफ को संचालन के लिए बिजली की आवश्यकता ही नहीं पड़ती.
Webasto का यह भी दावा है कि उनके द्वारा उत्पादित सनरूफ्स की श्रृखला सूरज से निकलने वाली किरणों से सुरक्षा प्रदान करती हैं और सामान्य सनरूफ्स की तुलना में कार को अधिक ठंडा रखती है. साथ ही यह हमेशा के लिए फिट होने वाली एक्सेसरी नहीं है और गाड़ी के मालिक जब चाहें इसे निकलवा सकते हैं. हालांकि इस काम के लिए गाड़ी की छत को फिर से लगवाने की ज़रुरत होगी.
सनरूफ का इस्तेमाल बिना हवा के तेज़ थपेड़े खाए हुए ही गाड़ी के अंदर ताज़ी हवा के संचार के लिए किया जा सकता है. हालांकि अधिकांश भारतीय शहरों में वायु-प्रदूषण से बचने के लिए कार में सवारी के दौरान लोगों को अपनी कार की खिडकियों को हमेशा बंद ही रखना पड़ता है. सनरूफ्स कार्स को बेहद स्पोर्टी लुक के साथ-साथ एक प्रीमियम एहसास भी देती हैं. यह बात अलग है कि सनरूफ की वजह से कार की ढांचागत मजबूती पर प्रतिकूल असर पड़ता है. सनरूफ लगाने के लिए छत के एक हिस्से को काट कर निकालना पड़ता है जो छत की मज़बूती में कमी लाता है. ऐसी दुर्घटना जिसमें कार पलट कर सर के बल उलटी हो जाये, ऐसे में कार की छत के धसने से इसमें बैठी सवारी के दबने की भी आशंका बढ़ जाती है. हालांकि अभी तक किसी ने भी कस्टमाइज़्ड सनरूफ लगाए जाने के बाद गाड़ी की छत की मजबूती में आई गिरावट की मात्रा को नापने की कोशिश नहीं की है.
फैक्ट्री सनरूफ्स को पहले छत को मजबूती दिए जाने के बाद फिट किया जाता है ताकि छत के एक नियत हिस्से के अभाव में गाड़ी की सम्पूर्ण ढांचागत मजबूती प्रभावित न हो. यही कारण है कि कस्टमाइज़्ड सनरूफ की जगह फैक्ट्री सनरूफ्स को ही अधिक तरजीह दी जाती है.