कहते हैं कि आदमी अपना पहला प्यार और पहली कार कभी नहीं भूलता. ख़ैर, आपने कई बार लोगों को कार्स के बारे में कहते सुना होगा कि फ़लाना कार अपने किस्म की पहली कार थी, ढिकाना मॉडल उस कार का पहला मॉडल था. आज हम आपके सामने लाये हैं 12 कार्स की सूचि जिन्होंने भारतीय कार बाज़ार में अपने सेगमेंट को जन्म दिया यानि एक नया सेगमेंट खड़ा किया. इस लेख को ज़रूर पढ़िए ताकि आप अपने दोस्तों में कारों के बारे में अपना ज्ञान बघार सकें.
Affordable Hatchback
Maruti Suzuki 800 (SS80)
Maruti 800
Maruti 800 भारत में 1983 में लॉन्च हुई थी और इसे भारत सरकार और Suzuki के संयुक्त उपक्रम के ज़रिये बाज़ार में उतारा गया था. इस कार ने उस समय ‘किफायती hatchback’ सेगमेंट को जन्म दिया था जो आज की तारीख में देश में कार बाज़ार का सबसे बड़ा सेगमेंट बन कर उभरा है. SS80 के भारत में आने का समय बिल्कुल उपयुक्त था क्योंकि उन दिनों परिवार नियोजन अपने पूरे ज़ोरों पर था और भरतीय परिवार छोटे होने लगे थे. ऐसे में देश में एक छोटी कार की बहुत बड़ी मांग थी.
यह एक ऐसी कार थी जिसकी कीमत भारतीय ग्राहक के बजट के अनुसार थी और आगे चल कर ये भारत की सबसे सफल कार भी बनी. इस कार की सुदृढ़ बनावट और मज़बूत इंजीनियरिंग ने इसे भारतीय कार बाज़ार में एक लम्बी रेस का घोड़ा बनाये रखा. इसके 45 एचपी मॉडल को चलाने का सुख अपने आप में एक अलग ही एहसास हुआ करता था और ये कार लगभग हर पैमाने पर खरी उतरती थी.
Tall Boy hatchback
Hyundai Santro
Hyundai ने भारतीय कार बाज़ार में अपनी पारी की शुरुआत 1998 में की थी. ओरिजिनल Maruti 800 की तरह ही Santro ने भारत में तब कदम रखे जब भारतीय ग्राहक बाज़ार में उपलब्ध Alto और 800 जैसी अन्य छोटी कार्स से उकताने लगे थे और उन्हें कुछ नया चहिये था.
Santro भारत की पहली कार थी जिसने भारतीय ग्राहक को ‘टॉल-बॉय’ डिज़ाईन से रूबरू कराया. यह ही इस कार की लोकप्रियता का कारण भी बना. इस कार के अंदर मिलने वाली खुली खुली जगह, इसके स्टाइलिश लुक्स, और जेब पर भारी न पड़ने वाली कीमत ने इसे ग्राहकों में काफी मशहूर किया. Santro ने Hyundai को भारत में बहुत ही अच्छी शुरुआत दी और यह कार देश में Maruti के एकछत्र राज तोड़ने में एक हद तक सफल भी रही.
3-डोर hatchback
Maruti Suzuki Zen Classic
कार निर्माताओं ने यह बहुत पहले भांप लिया था की ‘दो-दरवाज़े’ वाली hatchback भारतीय बाज़ार के लिए नहीं हैं. पहली कार निर्माता जिसने देश में पहली ‘दो-दरवाज़े’ वाली hatchback उतारी वो थी Maruti Suzuki. इस कार निर्माता ने अपनी चलाने में मज़ेदार और स्टाइलिश hatchback Zen का ‘दो-दरवाज़े’ वाला अवतार भारतीय कार बाज़ार में उतारा.
Zen Classic के नाम से जानी गयी इस कार को रेट्रो फ्रंट स्टाईलिंग दी गई जो भारतीय ग्राहक को बिल्कुल भी रास नहीं आई. इस कार के सामने वाले हिस्से में किये गए कुछ कॉस्मैटिक बदलाव के अलावा Classic में बाकी सब कुछ इसके रेगुलर मॉडल से ही उठाया गया था. स्टैंडर्ड Zen ने सालों से भारतीय ग्राहकों के दिलों में अपनी एक अमिट छाप बनाने में सफलता हासिल की लेकिन Classic ने धीरे-धीरे लोगों के दिमागों से इसे मिटा दिया.
हॉट hatchback
Fiat Palio GTX
भारत की ऑटोमोटिव प्रगति के शुरूआती सालों में छोटी और किफ़ायती कार्स का सेगमेंट ही सबसे अधिक प्रचलित हुआ करता था. कार ग्राहकों का ज़ोर पावर या ड्राइविंग फीचर जैसे पहलुओं की तुलना में स्पेस, कीमत, और साइज़ जैसे पहलुओं पर ज़्यादा हुआ करता था. लेकिन आगे चलकर कुछ कार निर्माताओं ने ग्राहकों की इस प्रवृत्ति को चुनौती देनी शुरू की. इनमें पहली कंपनी थी Fiat जो Palio के रूप में अपनी hatchback का हार्डकोर मॉडल लेकर सामने आई.
Fiat Palio GTX 1.6 भारतीय कार बाज़ार में एक ऐसी कार थी जिसे बिना ग्राहकों की मांग के कम्पनी द्वारा स्वतःस्फूर्त ही 100 बीएचपी की पावर पैदा करने वाले इंजन के साथ उतारा गया और जो चलाने में भी बेहद मज़ेदार थी. आज इस सेगमेंट में चुनने के लिए Baleno RS, Abarth Punto, और Figo S जैसे अनेकों विकल्प मौजूद हैं लेकिन उन दिनों अगर आपको किफायती दामों में एक चलाने में मज़ेदार कार चाहिए होती थी तो आपके पास बस Palio ही एक विकल्प हुआ करती थी.
कॉम्पैक्ट sedan
Tata Indigo CS
भले ही इस कार को टैक्सी चालकों ने ही पहचान दिलाई लेकिन ये बात एक तथ्य है कि Indigo CS पहली सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट sedan थी. Tata द्वारा 2008 में लॉन्च कॉम्पैक्ट sedan के नाम के साथ CS जुड़ा हुआ था. Indigo CS को Indica के आधार पर बनाया गया था जो आकार में Indigo से छोटी कार थी.
आगे चल कर इस कार का 2010 में Indigo e-CS नाम का एक और मॉडल भी उतारा गया जो की BSIV नियमों पर खरा उतरता था. इस sedan को भारत सरकार द्वारा छोटी कार्स को प्रोत्साहन देने हेतु की गयी करों में कटौती के बाद बाज़ार में उतारा गया था. आज भारतीय बाज़ार में ये कार सेगमेंट अपनी बुलंदियों पर है.
परफॉर्मेंस sedan
Skoda Octavia RS
अपने मूल रूप वाली Skoda Octavia अपने आप में एक बेहतरीन कार हुआ करती थी. लेकिन Skoda को भारतीय बाज़ार में एक नई पहचान 2001 में भारत की पहली पर्फोमेंस hatchback Octavia RS ने दिलाई. तब तक Octavia D-सेगमेंट में नयी कार खरीदने की इच्छा रखने वाले ग्राहकों की पहली पसंद बन चुकी थी लेकिन RS मॉडल ने एक नए ग्राहक समूह को अपनी और आकर्षित किया.
2001 में लॉन्च हुई Octavia RS में 1.8-लीटर टर्बोचार्जड इंजन लगा था जो 150 बीएचपी की अधिकतम पावर और 210 एनएम का अधिकतम टॉर्क पैदा करता था. ये उन बहुत कम कार्स में शामिल थी जिन्होंने समय के साथ अपनी साख को ग्राहकों में और बढ़ाया. इसकी साख इतनी अच्छी थी कि आज की तारीख में भी आप इस कार को इसके अनेकों ग्राहकों के पास पाएंगे.
कॉम्पैक्ट SUV
Premier Rio
आप में से कई लोगों को इस कार के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होगी. लेकिन जिस कंपनी ने देश में Padmini ब्रांड को मशहूर किया, उसी कम्पनी ने भारत में कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट को उस समय जन्म दिया जब किसी के भी दिमाग में इस विचार का पैदा होना भी मुमकिन नहीं था. Premier Rio को 2009 में भारत में लॉन्च किया गया जिसमे Peugeot से लिया हुआ 1,489-सीसी इंजन लगा था जो 65 बीएचपी पावर और 152 एनएम टॉर्क पैदा करता था.
कई लोगों की इस धारणा के विपरीत कि Ford EcoSport भारत की पहली कॉम्पैक्ट SUV थी, असल में Premier Rio देश की पहली कॉम्पैक्ट SUV थी. हाँ, ये बात ठीक है कि EcoSport ने ही इस सेगमेंट को ग्राहकों में मशहूर किया लेकिन करों में छूट पाने के लिहाज़ से Rio ने पहली बार छोटी SUV के विचार को मूर्तरूप दिया.
MPV
Toyota Innova
हो सकता है की कुछ लोग इस बात से राज़ी ना हों लेकिन Innova ही भारत की पहली MPV थी. Quails और Sumo एक MPV की परिभाषा पर खरी नहीं उतरती. आज की ताज़ा-तरीन Innova Crysta अपनी मूल कार से कोसों दूर आ चुकी है लेकिन आज भी इसकी रगों में पुरानी Innova का ही खून दौड़ता है.
अपनी शुरूआती दौर की कीमतों से काफी अधिक महंगी हो जाने और दूसरी कार-आधरित MPVs द्वारा इसका मार्केट शेयर हथिया लिए जाने के बावजूद Innova आज भी अपनी आरामदायक राइड के लिए जानी जाती है और इसकी ये खासियत इसे औरों से अलग खड़ा करती है. अपनी टैंक की माफिक गुणवत्तापूर्ण बनावट और Toyota की विश्वसनीयता के चलते इस कार ने हमेशा ही सफलता की बुलंदियों को छुआ है.
सॉफ्टरोडर
Honda CR-V
CR-V को पहली बार भारत में 2003 में लाया गया था. Honda क्योंकि इसे CBU (कम्पलीट बिल्ट यूनिट) के ज़रिये भारत में लाई थी इसलिए इसकी कीमतें अपेक्षाकृत महंगीं थीं. CR-V में ग्राहकों को कार जैसे डायनामिक्स के साथ साथ SUV का सा स्टान्स लिए हुए एक कार देखने को मिली जो भारतीय ग्राहक के लिए कुछ नया और आकर्षित करने वाला था.
इस तरह Honda ने भारत में सॉफ्टरोडर सेगमेंट को जन्म दिया जो आज की तारीख में अनेकों विकल्पों में उपलब्ध है. शुरुआत में CBU के चलते ऊंची कीमतों ने ग्राहकों को इस कार से दूर ही रखा लेकिन अब जब 2013 से इस कार को भारत में ही असेम्बल किया जा रहा है, इसकी क़ीमतों में काफी कमी आयी है.
पिक-अप ट्रक
Tata Mobile 206
कंपनी द्वारा 1998 में Tata Mobile 206 के लॉन्च के बाद देश के ऑटो परिदृश्य में पिक-अप ट्रक केटेगरी की शुरुआत हुई. आगे चल कर 2002 में इस इसको Tata 207 DI का नया नाम दिया गया. अपने मूल रूप में इस ट्रक में नैचुरली एस्पिरेटेड 2.0 लीटर डीज़ल Peugeot XD88 इंजन (जिसे Tata के लाइसेंस के अंतर्गत भारत में असेम्बल किया गया था) लगा था जो 63 बीएचपी पावर पैदा करता था. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि Tata के Sierra, Sumo और Safari भी Tata Mobile के प्लैटफॉर्म पर आधरित हैं. ये आज भी भारतीय बाज़ार में Tata Xenon XT के ब्रैंड पर बिक रहा है.
किफ़ायती 7-सीट SUV
Tata Safari
Tata Safari भारत में काफी प्रसिद्ध गाड़ी है. देखने में ये बहुत आक्रामक लुक्स लिए हुए थी जिसकी तीसरी कतार में दो अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराईं गईं थीं. Tata ने इस गाड़ी के प्रचार में भी अच्छी मेहनत की थी. कंपनी द्वारा 1998 में लॉन्च किये जाने के बाद से इस गाड़ी ने बाज़ार पर अपनी पकड़ हमेशा ही बनाए रखी है.
फ़िलहाल बाज़ार में बिक रहा इसका मॉडल Safari Storme के नाम से जाना जाता है. इस सेगमेंट में फिलहाल कई कार्स हैं. अपने लॉन्च के समय इस गाड़ी में 2.0-लीटर Peugeot XD88 टर्बो डीज़ल इंजन लगा था जो 87 PS पावर पैदा करता है.
फुल साइज़ SUV
Mitsubishi Pajero SFX
आज की तारीख में भारत में जिस सेगमेंट पर Toyota Fortuner और Ford Endeavour राज कर रहे हैं, उसकी शरुआत असल में Mitsubishi Pajero SFX ने की थी. Pajero इस सेगमेंट में नई लुक्स और पावर लेकर आयी जिसके चलते ये बेहद मशहूर भी हुई. नब्बे के दशक के इस SUV को कई लोगों ने अपनाया. इस सक्षम SUV में 2.8-लीटर इंजन लगा था जिसे हाईवे या ऑफ-रोडिंग के लिए बेहद रोमाँचकारी और मज़ेदार थी. आज भी ऑफ-रोडिंग के लिए इस SUV को एक बेहतरीन गाड़ी का ओहदा हासिल है.