भारत का मार्केट काफी तेज़ी से बढ़ रहा है जहां कई सारे निर्माता कस्टमर्स को रिझाने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन अगर आपको कुछ नायाब चाहिए, तब क्या? मॉडिफिकेशन एक अच्छा सुझाव है, लेकिन वो कहते हैं ना की “अपना हाथ जगन्नाथ”, उसी के तर्ज पर आप अपने कार खुद से बना भी सकते हैं. इसी बात पर पेश हैं ऐसे 10 लोग जिन्होंने अपनी कार खुद बनायी है.
Jayaram GT
ये एक कस्टम कार है जिसे Jayaram ने खुद बनाया है. इस गाड़ी में एक 1360 सीसी इंजन लगा है जिसका साथ एक 4 स्पीड गियरबॉक्स निभाता है. इसमें आगे में इंडिपेंडेंट सस्पेंशन है और पीछे में Sachs एडजस्टेबल शॉकर्स हैं. इसमें कस्टम बिल्ट इंटीरियर्स, Motec स्टीयरिंग व्हील, और SMITHS इन्त्रुमेंट क्लस्टर है. इस गाड़ी को हाथ से बनाया गया है और इसपर पेंट की 10 परतें चढ़ाई गयी हैं. इसे 1975 में पूरा किया गया था और इसे Jayaram GT के नाम से रजिस्टर किया गया है.
छोटी Jeep
आप यहाँ जिस छोटी Jeep को देख रहे हैं उसे इस 60 वर्षीय मैकेनिक Mr Bawa Singh ने बनाया है. उन्हें इसका आईडिया 1977 में तब आया जब उन्होंने एक कस्टमर के लिए स्कूटर में तीसरा पहिया लगाया था. उनकी ये Jeep केवल 3 फुट लम्बी है और इसमें एक स्कूटर का इंजन है जो इस गाड़ी को 60 किमी/घंटे तक की रफ़्तार तक ले जाता है. उन्होंने ये गाड़ी 2 साल की मेहनत से बनाई है.
Fame
ये Fame कार है जिसमें एक 150 सीसी इंजन लगा है. इसे बनाने में बिल्डर को केवल 25,000 रूपए का खर्च आया और इसमें केवल 2 लोग बैठ सकते हैं. इसे असल में ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है जो बजट के चलते कार खरीद नहीं सकते.
लकड़ी
पेश है एक कार जिसे एक बाप-बेटे के जोड़े ने बनाया है. इसका आईडिया बेटे का था जो लकड़ी से कुछ नायाब बनाना चाहता था, वहीँ उसके पिता लकड़ी कारीगर थे. इस गाड़ी को बनाने में ढाई महीने का समय लगा और इसे उनके घर के पास के एक अस्थाई वर्कशॉप में बनाया गया था. इसमें Maruti 800 का ड्राइवट्रेन है और हाँ, ये कार स्ट्रीट लीगल है.
कस्टम
पेश है एक गाड़ी जिसे कोलकाता के Supercar Festival 2016 में प्रदर्शित किया गया था. इसे पूरी तरह से कस्टम तरीके से बनाया गया है, फ्रेम से लेकर पूरे डिजाईन तक. चूंकि विदेश में अक्सर चलाने में मज़ेदार गाड़ियाँ बेहद आम ढंग से बनी किट कार्स होती हैं, ये भी कुछ ऐसी ही गाड़ी नज़र आती है.
बग्गी
पेश है एक कार जिसे विंटेज क्लासिक दिखने के लिए बनाया गया है. जहां इसके मालिक और कीमत की खबर नहीं है, हमें ये पता है की इसका ड्राइवट्रेन और बाकी पार्ट्स 118 NE से लिए हुए हैं. ये गाड़ी निश्चित रूप से ही कूल और नायाब दिखती है.
सोलर कार
इस सोलर गाड़ी को Manipal University के बच्चों ने Tata Power Solar के सोलर पैनल्स की मदद से खुद बनाया था. इसका वज़न 590 किलो है और इसकी सोलर पॉवर पर टॉप स्पीड 60 किमी/घंटे है. इस पूरे कार को बनाने में 20 लाख रूपए का खर्चा आया.
कस्टम बग्गी
इस गाड़ी को एक 19 साल के कॉलेज छात्र में बनाया था. चूंकि वो कार शौक़ीन थे, उन्हें खुद से एक कार बनाने का मन था और उन्होंने ये कर दिखाया. इस कार में Hyundai Accent को बेस के तौर पर इस्तेमाल किया गया है और इसका इंजन और गियरबॉक्स भी उसी कार के लिया गया है. बाकी की गाड़ी को Prem ने खुद बनाया है. इस गाड़ी को बनाने में उन्हें 4 महीने का समय लगा.
स्पोर्टी
पेश है एक 2 सीटर स्पोर्टी दिखने वाली गाड़ी जिसे Ghaziabad के एक जवान लड़के ने बनाया है. रोचक रूप से ये उनके द्वारा बनायी गयी पहली गाड़ी नहीं है. उन्होंने Cielo पर आधारित एक लिमो भी बनायी थी लेकिन ये वो पहली गाड़ी है जो उन्होंने नए सिरे से बनायी है.
पेडल
ये एक 98 सीसी 1937 कस्टम कार है जिसे नवानगर के महाराजा इस्तेमाल करते थे. इस गाड़ी को उनकी बेटी के लिए बनाया गया था. ये निश्चित ही काफी क्लासी और रेट्रो लगती है. ये 20वीं शताबादी के शुरूआती सालों की क्लासिक कार्स से प्रेरित है. इसके घुमाव वाले व्हील आर्च, लम्बा बोनट, और हेडलैंप डिजाईन हमें पुराने ज़माने के क्लासिक की याद दिलाते हैं.