कुछ साल पहले KTM और Bajan ने मास मार्केट बाइक्स में इंट्रोड्यूस किए थे अन्डरबेली एग़्ज़्हॉस्ट सिस्टम और ये दिए गये थे Duke, RC, और Pulsar 200NS जैसी बाइक्स को. ज़ाहिर है अन्डरबेली एग़्ज़्हॉस्ट देखने में काफ़ी कूल हैं लेकिन कई लोगों को मोटरसाइकल की वॉटर-वेडिंग क्षमता पर शक है. हम पेश कर रहे हैं एक वीडियो KTM RC390 के बिना किसी दिक्कत एक वॉटर केनाल में चलाए जाते हुए. क्या बात है!!! क्या ये सचमुच संभव है? हम समझाएँगे कैसे!
ऐसा कैसे हो सकता है?
मानसून के दौरान भारत के ज़्यादातर शहर और कस्बाई इलाक़ों में पानी जम जाता है. प्रॉडक्ट डिज़ाइन करते समय KTM और Bajaj के इंजीनियरों को ये बात पता थी और इसका नतीजा वीडियो में देखा जा सकता है.
KTM और Bajaj ने KTM 200 Duke और Bajaj 200NS का वॉटर-वेडिंग टेस्ट अपलोड कर दिया है. दोनों वीडियोज़ में मोटरसाइकल्स को 4 अलग-अलग स्थितियों में 16.5 इंच पानी में टेस्ट किया गया है. वीडियो में बाइक्स को पानी में 15किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चलते, पानी से गुज़रते हुए पूरी तरह रुकते और फिर से चलना शुरू करते, इंजन को पानी में बंद करके रीस्टार्ट करते, और मोटरसाइकल को पानी में 30 मिनट तक बंद रख कर फिर स्टार्ट करते दिखाया गया है.
KTM और Bajaj द्वारा किए गये चारों टेस्ट दिखाते हैं कैसे मोटरसाइकल्स को घुटनों तक पानी में चलने में कोई दिक्कत नहीं होती.
ऐसा कैसे संभव है?
इसका राज़ छुपा है एग़्ज़्हॉस्ट सिस्टम के डिज़ाइन और एयर-इनटेक की पोज़िशन में. एग़्ज़्हॉस्ट सिस्टम को ऐसे डिज़ाइन किया गया है की पानी सिर्फ़ मफ्लर में घुस सकता है लेकिन मेनिफोल्ड मैं नहीं. इससे पानी इंजन में नहीं घुसता. जब मोटरसाइकल रीस्टार्ट की जाती है, पानी एग़्ज़्हॉस्ट गैसों की वजह से बाहर निकल जाता है और मोटरसाइकल बिल्कुल ठीक तरह से काम करती है.
दोनों मॉडेल्स और RS series में एयर-इनटेक की पोज़िशन राइडर की सीट के नीचे है. ये पानी को एयर-इनटेक के ज़रिए इंजन में चैम्बर में घुसने से बचाता है. पानी के इंजन चैम्बर में घुसने पर इंजन सीज़ हो जाता है. KTM और Bajaj के इंजीनियरों ने चतुर डिज़ाइनिंग कर के मोटरसाइकल्स को गहरे पानी में चलने लायक बना दिया है. वैसे फिलहाल मोटरसाइकल्स की वॉटर-वेडिंग डेप्थ पर कोई आधिकारिक आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
क्या ये सुरक्षित है?
मोटरसाइकल को जेट-स्की बना देना सुनने में मज़ेदार लग सकता है लेकिन ये कोई बहुत अच्छा आइडिया नहीं है. गहरे पानी में गाड़ी चलाने से गाड़ी को नुकसान होने का ख़तरा हमेशा मौजूद होता है. इसीयू सबसे पहले खराब होने वाले कॉम्पोनेंट्स में से है. और बिना इसीयू की बाइक एक ब्रेन-डेड बाइक होती है जो स्टार्ट भी नहीं होगी.
इसके अलावा, गहरे पानी में गड्ढे और खराब सड़कें ढक जाते हैं जो राइडिंग के वक़्त काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं. सड़क का पानी गंदा होता है और मोटरसाइकल के मेटल पार्ट्स को जल्दी खराब कर सकता है. तो हाँ, देखने में तो ये मज़ेदार है लेकिन जितना संभव हो इससे बचना चाहिए. सीधे शब्दों में कहें तो, ऐसे स्टंट्स मत ट्राइ करिए. ये आपकी बाइक की और आपकी भी जान ले सकते हैं.