मोटरसाइकिल और कार रखने वालों के बीच अक्सर ये बहस होती है कि दोनों में से कौन बेहतर है. अगर एक ही प्राइस रेंज में तुलना की जाए तो बाइक्स और कार्स में बाइक्स काफी ज़्यादा फुर्तीली होती हैं. पिछले थोड़े समय से भारत में किफ़ायती परफॉरमेंस बाइक्स के चलन में उछाल देखा गया है. इस विडियो में आप BMW Z4 और पुरानी जनरेशन वाली KTM 390 Duke के बीच हुई दिचस्प रोड रेस देख सकते हैं.
https://youtu.be/4HyiyRViY54
अपने सेगमेंट में KTM 390 Duke बिजली-सी फुर्ती और रफ्तार के लिए जानी जाती है. इस मशहूर बाइक में एक सिंगल-सिलेन्डर, लिक्विड कूल्ड इंजन लगा है जो 44 पीएस का पावर और 35 एनएम का अधिकतम टॉर्क पैदा करता है. वहीँ नई Duke 2 एनएम अधिक टॉर्क पैदा करती है. ये बाइक 0 से 100 किमी/घंटे की रफ़्तार मात्र 6 सेकण्ड्स में पकड़ लेती है और इसकी अधिकतम रफ़्तार लगभग 167 किमी/घंटे की है. BMW Z4 एक ग्रैंड टूरिंग कार है जिसकी पावर इस बाइक से कहीं ज़्यादा है.
इस कार में 3.0-लीटर, 6-सिलेंडर इंजन लगा है जो 306 पीएस पावर और 400 एनएम की टॉर्क पैदा करता है. KTM 390 के पास Z4 की पावर का मात्र 15% पावर ही है लेकिन इसका कम वज़न इसे एक बढ़त देता है. Z4 में एक अत्याधुनिक 7-स्पीड ट्रांसमिशन लगा है जो इस कार को 249 किमी/घंटे की सीमित रफ़्तार देता है.
इस विडियो में आप इन दोनों गाड़ियों के बीच एक लगभग खाली पड़े हाईवे पर हुई शोर भरी रेस को देख सकते हैं. इस विडियो में आप KTM 390 Duke को अनेकों बार रोडस्टर को ओवरटेक करते देख सकते हैं. एक बाइक को ट्रैफिक के बीच से निकल जाने के लिए बहुत थोड़ी सी जगह की ज़रूरत होती है और ये बात बाइक्स को ट्रैफिक भरी सड़कों पर कार के मुकाबले बढ़त देती है.
लेकिन सड़क के खाली हिस्सों में आप BMW Z4 को बाइक को पछाड़ते हुए भी देख सकते हैं वो भी तब जब 390 Duke के स्पीडोमीटर को आप 170 किमी/घंटे से अधिक की रफ़्तार दर्शाते देख सकते हैं. ये बात ध्यान देने वाली है कि BMW का ड्राइवर गाड़ी को बहुत सावधानी से चला रहा है, लेकिन सड़क के खाली पड़े हिस्सों पर KTM 390 Duke का Z4 से कोई मुक़ाबला ही नहीं है. यहाँ दिख रही कार Z4 35i वेरिएंट है जो 0 से 100 किमी/घंटे की रफ़्तार मात्र 4.7 सेकंड में छू लेती है.
ये बेहद खतरनाक है!
सार्वजनिक सड़कों पर ऐसी रेसिंग बहुत ही खतरनाक साबित हो सकतीं हैं, ख़ासकर तब जब हम इन दोनों गाड़ियों को इस सड़क की स्पीड-लिमिट को एक बहुत बड़े अंतर् से तोड़ते हुए देख सकते हैं. रेस और तेज़ रफ़्तार ड्राइविंग हमेशा रेसिंग ट्रैक्स या बंद सड़कों जैसी सुरक्षित जगहों पर ही आयोजित करनी चाहिये.
भारत में अब काफी सारे ऐसे आयोजन होने लगे है जहाँ आप अपनी गाड़ी की टॉप स्पीड लिमिट का परीक्षण कर सकते हैं या फिर आप ट्रैक पर होने वाले प्रोग्राम में भी भाग ले कर भी अपनी गाड़ी की सीमाओं को जांच सकते हैं. सार्वजनिक रोड्स पर ऐसे स्टंट्स करना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है और इससे बचना चाहिए.