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केरल के बाढ़ में बचाव करने वाली SUVs जल्द पड़ सकती हैं खतरे में!

हाल ही में आए सुप्रीम-कोर्ट के फैसले में भारत में किसी भी दो-पहिया या चार-पहिया वाहन पर किसी भी प्रकार के मॉडिफिकेशन पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले ने केरल हाई-कोर्ट के पिछले वर्ष दिए गए उस फैसले को निरस्त कर दिया है जिसमें वाहनों में ढांचागत बदलावों की इजाज़त दी गई थी. केरल में सैकड़ों मॉडिफाइड वाहन हैं और इस राज्य को कार-प्रेमियों द्वारा ‘मॉडिफिकेशन का स्वर्ग’ कहा जाता है. कोर्ट के इस नए फैसले ने पूरे राज्य में खलबली मचा दी है.

केरल के बाढ़ में बचाव करने वाली SUVs जल्द पड़ सकती हैं खतरे में!

Kerala के ऑफ-रोडिंग समुदाय ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके वाहनों को मॉडिफाइड वाहन की श्रेणी में न रखा जाए. ऑफ-रोडर Tison Tharappel ने राज्य के मुख्यमंत्री Pinarayi Vijayan के नाम एक खुले-खत में उन्हें याद दिलाया है कि किस तरह राज्य के 4X4 समुदाय ने केरल में आई बाढ़ के दौरान दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों के बचाव-कार्य में सहयोग किया था और यह उनके मॉडिफाइड वाहनों कि वजह से ही संभव हो पाया था. इस चिठ्ठी यह भी लिखा है कि राज्य का 4X4 समुदाय यह उम्मीद करता है की राज्य की आम जनता इकठ्ठा हो कर उनके वाहनों को इस विकट परिस्थति से बचाने में सहायता करेगी. इस खत में केरल सरकार से गुज़ारिश की गई है कि सरकार इस परिस्थिति के साथ नरमी से पेश आकर समस्या का समाधान निकाले.

इस चिठ्ठी में Tison और केरल के ऑफ-रोड समुदाय ने सरकार से उनकी SUVS को मॉडिफाइड-वाहनों की श्रेणी में नहीं डाले जाने की गुहार लगाई है. इन लोगों का कहना है कि इनकी SUVs को मॉडिफाइड-वाहन की बजाय एक अपग्रेडेड वाहन माना जाए. अब यह समुदाय अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कोर्ट का सहारा लेने की भी सोच रहा है. इन लोगों ने सरकार को एक ऐसी समीति के गठन के लिए कहा है जो इनके वाहनों की वैज्ञानिक जाँच कर सरकार को इनके बारे में नए नियम सुझाए. उन्होंने ये भी कहा है मेघालय जैसे दुर्गम स्थलों वाले राज्य में भी कई लोग अपनी गाड़ी को हालत के हिसाब से मॉडिफाई करते हैं.

केरल के बाढ़ में बचाव करने वाली SUVs जल्द पड़ सकती हैं खतरे में!
केरल के मुख्य सचिव बचावकर्ताओं का सम्मान करते हुए

यह बात ध्यान देने वाली है कि केरल में पिछले साल आई बाढ़ के दौरान ऐसी तस्वीरें खूब वायरल हुईं थीं जिनमें लोग अपने निजी-वाहनों की मदद से बाढ़ पीड़ितों के बचाव-कार्य में लगे दिख रहे थे. उस वक़्त कई बेहद मॉडिफाइड SUVs को बचाव-कार्य में भाग लेते देखा गया था. इनमें से कई SUVs अधिक ऊँचाई के साथ ही स्नोर्कल से लैस थीं जो केरल की बाढ़ से प्रभावित सडकों को पार करने में सक्षम थीं. बाढ़ के खत्म हो जाने के बाद राज्य के मुख्य सचिव ने 4X4 समुदाय का सम्मान भी किया था और सभी ने इस समुदाय के सराहनीय काम की तारीफ़ भी कि थी. दरअसल, बाढ़ आने के बाद केरल के मुख्यमंत्री ने अपने एक Facebook पोस्ट में 4X4 वाहन मालिकों को राज्य के राहत और बचाव-कार्य में हाथ-बटाने की अपील भी की थी.

ബഹുമാനപ്പെട്ട കേരള മുഖ്യമന്ത്രി ശ്രീ പിണറായി വിജയൻ സാർ ന് ഒരു തുറന്ന കത്ത്……..ഞങ്ങൾ കേരളത്തിലെ "So called"…

Tisson Tharappel ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಸೋಮವಾರ, ಜನವರಿ 21, 2019

4X4 समुदाय ने यह बात भी कही है कि उनके मॉडिफाइड वाहनों का इस्तेमाल सडकों पर तेज़-रफ़्तार रेसिंग या लम्बी-दूरी की ट्रिप्स आदि के लिए नहीं किया जा रहा. ऐसे वाहनों को केवल मनोरंजन के साधन के रूप में ही उपयोग किया जाता है और सरकार को इस नए आदेश पर पुनर्विचार कर 4X4 समुदाय को इस पाबंदी से छूट देनी चाहिए.

इनमें से अधिकांश वाहनों में कठिन रास्तों पर जाने और सुरक्षा के लिहाज़ से कस्टम टायर्स, बेहतर ब्रेक्स, अतिरिक्त लाइट्स, स्नोर्कल, और बम्पर आदि हिस्से लगाए जाते हैं. इस समुदाय का कहना है कि कई लोगों ने इनकी गाड़ियों में लगे स्नोर्कल के लिए इन्हें टोका भी लेकिन बाढ़ के दौरान यह तब काफी काम आए जब गाड़ी को गहरे पानी में उतारने की ज़रूरत थी. उन्होंने यह भी बताया कि केरल में राहत और बचाव-कार्य के दौरान कई लोगों के वाहनों को भारी नुकसान भी पहुंचा था लेकिन किसी भी वाहन-मालिक ने सरकार से इसकी भरपाई नहीं मांगी.

फिलहाल ऐसे वाहनों पर जुर्माने और चालान की कार्यवाही चालू नहीं हुई है लेकिन हमें उम्मीद है कि जल्द ही पुलिस और RTO सुप्रीम-कोर्ट के फैसले को अमल में लाने के लिए मॉडिफाइड वाहनों की धर-पकड़ शुरू कर देंगे.