केरल के Motor Vehicle Department (MVD) ने मॉडिफाइड गाड़ियों के खिलाफ अपनी मुहीम को एक नए कदम के साथ एक नया आयाम दे दिया है. इस नए कदम को लेने से पहले ही केरल पुलिस एवं MVD सड़कों एवं कॉलेज के ऑटो शो तक में लगातार चेकिंग कर रही थी. अब जब मॉडिफाइड गाड़ियों की OLX जैसे वेबसाईट पर बिक्री बढ़ गयी है, MVD ने अपनी मुहीम को ऐसी वेबसाईट की चेकिंग के साथ और भी सख्त कर दिया है.
MVD के ‘Freaken’ मुहीम के तहत सड़कों पर मॉडिफाइड गाड़ियों पर कार्यवाही के बाद, मालिकों को ये नोटिस दिया गया था की उन्हें अपनी गाड़ियों से आफ्टरमार्केट पार्ट्स एवं एक्सेसरीज़ को हटाकर निरिक्षण के लिए RTO पर लाना है. ऐसे मालिकों ने अब अपनी गाड़ियों को दूसरे राज्यों के कस्टमर्स को बेचना शुरू कर दिया है जहां मॉडिफाइड गाड़ियों के खिलाफ मुहीम इतनी तेज़ नहीं है. आफ्टरमार्केट पार्ट्स लगाने एवं मॉडिफिकेशन में काफी ज्यादा खर्च आता है और इसकी भरपाई के लिए मालिकों ने अपनी गाड़ियों को OLX जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्टर करना शुरू कर दिया था.
MVD ने ऐसी गाड़ियों की OLX के ज़रिये आई बिक्री में तेज़ी को देखा एवं Registration Certificate (RC) की मॉनिटरिंग शुरू कर दी. ऐसे लोग जो अपनी मॉडिफाइड गाड़ियों को बेच रहे हैं उन्हें ये नोटिस मिल रहा है की उन्हें अपनी गाड़ी को RTO पर निरिक्षण के लिए लाना है. RTO गाड़ी को No Objection Certificate (NOC) तभी देगी जब उसमें से सारे आफ्टरमार्केट पार्ट्स हटा लिए जायेंगे, और ये NOC गाड़ी बेचने एवं RC पर नए मालिक का नाम ट्रान्सफर करने के लिए ज़रूरी होता है.
अधिकारियों ने New Indian Express से कहा की निर्माता गाड़ी में सबसे अच्छा टर्निंग रेडियस देते हैं और टायर्स बदलने से गाड़ी के गुरुत्वाकर्षण केंद्र में बदलाव आता है एवं उसकी स्थिरता पर भी असर पड़ता है. अधिकारियों ने ये भी कहा की निर्माता द्वारा दिए अगये टर्निंग रेडियस में छेड़खानी से एक्सीडेंट भी हो सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा की साइलेंसर बदलने से प्रदूषण बढ़ता है. Enforcement RTO K Manojkumar ने कहा की मॉडिफिकेशन के खिलाफ मुहीम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जारी रहेगी. कोर्ट ने ये आदेश पिछले साल दिया था एवं इसे इस साल से लागू किया जा रहा है. इस आदेश के तहत गाड़ी में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन गैरकानूनी होता है.
MVD ने ऐसे गाड़ियों पर कार्यवाही के लिए कदम उठाये हैं. अधिकारियों को Lux मीटर जैसे उपकरण भी दिए गए हैं जिससे वो हेडलैंप की रौशनी की तीव्रता परख सकते हैं. मॉडिफाइड गाड़ियों के मालिक को नोटिस दिया जा रहा है की वो अपनी गाड़ी को स्टॉक हालत में ले आयें. फिर गाड़ी को RTO तक निरिक्षण के लिए लाना है. ये मुहीम कार्स एवं बाइक्स दोनों के खिलाफ छेड़ी गयी है. MVD और RTO ने पहले ही कहा था की वो मॉडिफाइड गाड़ियों के पहचान एवं उनके मालिकों को नोटिस देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लेंगे.
केरल में देश में सबसे ज्यादा मॉडिफाइड गाड़ियां देखने को मिलती हैं और स्थानीय लोगों के इस बैन के खिलाफ आवाज़ उठानी शुर कर दी है. भविष्य में इस विरोध के और भी ज्यादा तगड़े होने की उम्मीद है.