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मॉडिफाइड हेडलैंप वाली कार्स के मालिकों पर जुर्माना लगाने के लिए पुलिसवालों को दिए गए लाइट मीटर 

भारतीय सड़कों पर चौंधिया देने वाली बड़ी-बड़ी कस्टम हेडलाइट्स काफी लम्बे समय से आतंक मचाये हुए हैं. ट्रैफिक पुलिस ऐसी हेडलाइट्स और हेडलैंप से लैस कार्स को कई बार पकड़ लेने के बावजूद कोई कार्यवाई नहीं कर पाती. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुलिस के पास इन लाइट्स की तीव्रता और आकार मापने का कोई यंत्र नहीं होता. केरल के “मोटर गाड़ी विभाग” ने इस समस्या से पार पाने के लिए “लक्स मीटर” का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है जिससे इन लाइट्स की तीव्रता माप नियम तोड़ने वालों   पर जुर्माना लगाया जा सके.

मॉडिफाइड हेडलैंप वाली कार्स के मालिकों पर जुर्माना लगाने के लिए पुलिसवालों को दिए गए लाइट मीटर 

लक्स मीटर काफी हद तक हेडलैंप से निकलने वाली रौशनी की तीव्रता सही तरह से माप सकते हैं और इससे पुलिस को यह तय करने में सहायता मिलती है की मॉडिफाइड हेडलैंप गैर-कानूनी हैं या नहीं. मोटर गाड़ी विभाग ने राज्य के 14 जिलों में यह मीटर पुलिसवालों को उपलब्ध करवा दिया है. इस बात की अभी जानकारी नहीं है कि इनमें से कितनी मशीनो का फिलहाल उपयोग किया जा रहा है पर हर एक मशीन की कीमत तकरीबन 15,000 रूपए बताई जा रही है. शुरुआत में यह मीटर राज्य के दक्षिणी जिलों में लगाये जायेंगे जिनमें Thiruvananthapuram, Kollam, Pathanamthitta, और Alappuzha जैसी जगहें शामिल हैं. सरकार की योजना के मुताबिक़ कुछ समय बाद यह राज्य के हर कोने में पहुँच जायेंगे.

आने वाले समय में पुलिसवाले अपनी मर्ज़ी के हिसाब से किसी भी गाड़ी को रोक उनकी हेडलाइट्स की तीव्रता नाप सकते हैं. अगर तीव्रता कानूनी तौर पर तय गयी सीमा से ज्यादा है तो पुलिस 1,000 रूपए तक का जुर्माना कार मालिक पर लगा सकती है. इसके साथ ही उन्हें इन हेडलैंप को तुरंत बदलने का भी निर्देश दिया जायेगा. फ़िलहाल केरल के मोटर गाड़ी विभाग से जुड़े अधिकारी इस मशीन को चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अगर जुर्माने और चेतावनी के बाद भी कोई इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो सरकार और भी कड़े कदम उठा सकती है.

अब आपको समझाते हैं कि आखिर लक्स मीटर काम कैसे करता है — हेडलैंप से निकलने वाली लाइट इस मीटर में मौजूद बैटरी पर पड़ती है जो इसे बिजली में तब्दील करता है. केरल सरकार ने यह कदम एक ऐसे मौके पर उठाया है जब जगमगाती हेडलैंप की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में तीव्र इजाफा हुआ है. बताते चलें कि Kerala — जिसे “मॉडिफिकेशन का देश” भी कहा जाता है — में काफी ज्यादा तादात में कस्टम कार्स और बाइक्स मौजूद हैं. इनमें से अधिकतर में काफी उच्च-रोशिनी पैदा करने वाले बल्ब लगे होते हैं जो चलते समय सड़क पर दूसरी ओर से आ रहे लोगों को कुछ समय के लिए अंधा कर देते हैं. इस कारण कई भीषण दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं.

मॉडिफाइड हेडलैंप वाली कार्स के मालिकों पर जुर्माना लगाने के लिए पुलिसवालों को दिए गए लाइट मीटर 

किसी कार में बोनट के ऊपर कस्टम लैंप लगना भी कानूनी तौर पर जुर्म हैं. ढेरों मॉडिफाइड कार्स — खासकर SUVs — में चाट के ऊपर बड़ी लाइट लगी होती हैं जो सामने से आ रहे वाहनों के लिए बड़ा ख़तरा पैदा कर देती हैं. सार्वजानिक सड़कों पर ऐसी लैम्प्स का इस्तेमाल वर्जित हैं. आम लोगों के लिए बनी सड़कों पर कार मालिकों को इन को ढक कर चलना पड़ता है.

ऐसा ना करने पर जुर्माना लगता है और पुलिस आपकी कार जब्त भी कर सकती है. केरल पुलिस पहले भी ऐसी मॉडिफाइड कार्स और बाइक्स को जब्त कर चुकी है. अगर किसी गाड़ी के मॉडिफिकेशन से उसके ढांचे पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उसे सड़क पर चलाना खतरे से भरा हो जाता है तो यह गैर-कानूनी है. लक्स मीटर के इस्तेमाल से सड़क पर मौजूद मॉडिफाइड कार्स की संख्या में कमी आएगी.

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