कार के मार्केट में Maruti 800 एक जाना माना नाम है, जिसने किफायती वाहनों को पेश करके ऑटोमोटिव बिजनेस में क्रांति ला दी थी और Maruti Suzuki को बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में महत्वपूर्ण मदद मिली। इतना ही नहीं, यह आज भी मार्केट लीडर बनी हुई है। वहीं, FIRST Maruti 800 का उत्पादन 1983 में शुरू हुआ था और लगभग चार दशकों के बाद आज भी यह लोगों के दिलों में एक ख़ास जगह रखती है।
हाल ही में Maruti Suzuki India ने उनके उत्पादन लाइन से बाहर निकलने वाले पहले मॉडल को पुनर्स्थापित और प्रदर्शित करके मॉडल के प्रति अपना आभार प्रकट किया। यह पूरी तरह से बहाल कार दिल्ली में मौजूद Maruti Suzuki के मुख्यालय में रखी गई है, जिसका एक वॉकअराउंड वीडियो भी है, जो इसकी सारी डिटेल बता रहा है।
वीडियो को Baiju N Nair ने अपने YouTube चैनल पर शेयर किया है। इसमें वह हैचबैक की कहानी के बारे में बात कर रहे हैं और यह दिल्ली में Maruti Suzuki के मुख्यालय में खत्म होता है। वीडियो में ऐसा बताया गया है, कि जब Maruti ने भारतीय ग्राहकों के लिए कारों को पेश करने का फैसला किया था तो उन्होंने Volkswagen सहित कई निर्माताओं से बात की थी। यहां तक, कि उन्होंने Jetta को भारतीय बाजार में लाने की भी चर्चा की थी, लेकिन कुछ कारणों से ऐसा मुमकिन नहीं हो सका। इसके बाद, टीम ने जापान का दौरा किया और SS80 को देखा जिसे Suzuki द्वारा निर्मित किया गया था।
गौरतलब है, कि उस वक्त Sanjay Gandhi, Maruti Udyog के प्रबंध निदेशक थे। फिर जब टीम ने SS80 को देखा तो उन्होंने महसूस किया, कि यह भारतीय परिस्थितियों के लिए परफेक्ट कार है और इसे भारत लाने का फैसला किया। तब उनका मकसद एक ऐसी छोटी कार पेश करना था, जिसे आम मध्यम वर्ग के लोग खरीदकर इस्तेमाल कर सकें।
Maruti 800 उससे जुड़ी सभी उम्मीदों पर खरी भी उतरी और आखिरकार इसका उत्पादन 1983 में शुरू हो गया। इस कार को ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और किसी भी भ्रम से बचने के लिए पहले ग्राहक को एक लाटरी के माध्यम चुना गया। वह ग्राहक थे Indian Airlines के कर्मचारी Harpal Singh, जो FIRST Maruti 800 घर ले गए थे और इसकी चाबियां तत्कालीन प्रधानमंत्री Indira Gandhi द्वारा सौंपी गई थीं।

ऐसा बताया जाता है, कि उस समय हैचबैक की मांग इतनी अधिक थी कि लोगों ने Harpal जी को लगभग 1 लाख रूपए की पेशकश की थी, कि वह उन्हें कार बेच दें। यह ध्यान दिया जाना चाहिए, कि उस समय Maruti 800 की कीमत केवल Rs 47,500 थी और DIA 6479 Maruti 800 Harpal Singh के नाम पर रजिस्टर्ड थी और 2010 में उनके निधन होने तक उनके पास ही रही।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि Harpal Singh और उनकी पत्नी के क्रमशः 2010 और 2012 में निधन के बाद कार को छोड़ दिया गया क्योंकि उनके बच्चे अब इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं, इस कार की लावारिस अवस्था में कुछ तस्वीरें भी इंटरनेट पर सामने आने लगीं थीं, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। ऐसे में, Maruti को भी यह तस्वीरें दिखीं और फिर उन्होंने तत्कालीन मालिकों से कार वापस खरीदने का फैसला किया।
Maruti Suzuki ने सभी वास्तविक स्पेयर पार्ट्स और घटकों के साथ कार को अपने मूल रूप में वापस कर दिया और इसको नई जिंदगी मिल गई। हालांकि, कार पुराणी होने की वजह से अब यह सड़कों पर चलने योग्य नहीं रही थी। फिलहाल Maruti Suzuki ने इस कार को अपने मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए रखने का फैसला किया है। वहीं, कार के इंटीरियर को भी पुराना जैसा लुक दिया गया और वीडियो में यह बिलकुल नहीं जैसी लग रही है।