भारतीय सरकार ने शराब पी कर गाड़ी चलाने पर जुर्माने को बढ़ा दिया है. अगर आप शराब पी कर गाड़ी चलाते हैं और इससे किसी की मौत होती है, तो आपको 7 साल तक की जेल हो सकती है. पहले, इस नियम को तोड़ने पर सिर्फ 2 साल की जेल होती थी. भारत सरकार ने ये कदम तब उठाया जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा की ‘शराब पी कर गाड़ी चलाने से मौत’ के लिए सज़ा ‘बिल्कुल अपर्याप्त’ है. फिलहाल ऐसे लोग जो शराब पी कर गाड़ी चलाते थे और दूसरों की मौत का कारण बनते थे, उन्हें भारतीय दण्ड सहिंता के अनुच्छेद 304A (लापरवाही के चलते मृत्यु कारित करना) के तहत दो साल की जेल सज़ा और जुर्माना या दोनों की सज़ा होती थी.
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अगुआई में सरकार की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने राजनाथ सिंह की अगुआई वाले गृह मंत्रालय को कुछ और भी सुझाव दिए. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने गृह मंत्रालय से प्रार्थना की है की ऐसे लोग जो शराब पीकर गाड़ी चलाते हों उनपर ‘लापरवाही से गाड़ी चलाने’ के बजाय ‘सदोष मानवहत्या’ के तहत मुकदमा चलाया जाए. ये कारावास की अवधी को 10 साल तक बढ़ा देगा, और उम्मीद है ये शराब पीकर गाड़ी चलाने की रोकथाम में मदद करेगा.
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केंद्रीय सरकार के शराब पी कर गाड़ी चलाने के खिलाफ कदम उठाने के पीछे भारत में लगातार बढ़ रहे ड्रिंक एंड ड्राइव केस हैं. और ये रोड एक्सीडेंट के मुख्या कारण हैं. जब एक इंसान पीकर गाड़ी चलाता है, वो आम रफ़्तार से तेज़ चलता है और तो और उसका रिएक्शन टाइम भी घट जाता है, जिससे उसकी ड्राइविंग रोड को इस्तेमाल कर रहे दूसरे लोगों के लिए सड़क को बहुत खतरनाक बनाती है.
सरकार के द्वारा लिया गया दूसरा फैसला है की रजिस्ट्रेशन के वक़्त सभी नयी कारों के लिए ‘लाइफटाइम थर्ड पार्टी’ बीमा अनिवार्य है. ये अभी के कानों से जुदा है जिसके तहत थर्ड-पार्टी बीमा को साल में एक बार रिन्यू करवाना होता है. ये नया लाइफटाइम थर्ड पार्टी बीमा गाड़ी के ऑन-रोड प्राइस को बढ़ाएगा क्योंकि ऐसे बीमा की अवधि 15 साल की होती है, जिससे ये काफी ज्यादा महंगे होते हैं.