India में एक्सप्रेसवेज़ की कुल रोड कवरेज में काफी कम साझेदारी है. लेकिन, ऐसे कई यूजर हैं जो नियमित तौर पर एक्सप्रेसवेज़ का इस्तेमाल करते हैं. पेश हैं 10 ऐसे खतरे जो इंडिया में एक्सप्रेसवेज़ इस्तेमाल करने वाले लोग रोज़ झेलते हैं.
तेज़ रफ़्तार पर टायर फटना
इंडिया में लगभग सारे नए एक्सप्रेसवे कंक्रीट के बने होते हैं. चूँकि tarmac के मुकाबले कंक्रीट की लाइफ लम्बी होती है और मेंटेनेंस कम होता है, कई एक्सप्रेसवे इसका इस्तेमाल करते हैं. सूखी हुई हालत में कंक्रीट में tarmac के मुकाबले ज्यादा घर्षण होता है. और ज्यादा घर्षण टायर्स में गर्मी बढाता है जिसके चलते टायर फट जाते हैं. लेकिन अगर टायर अच्छे हालत में हैं ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं.
गाड़ी चलाते वक़्त सोना
आमतौर पर एक्सप्रेसवे बिना ज्यादा टर्न वाले सीधे रोड्स होते हैं. इसे इस्तेमाल करने वाले, ख़ास कर के कार ड्राईवर को कई बार सीधे रोड्स पर चलने में बोरियत होती है. ऐसे रोड्स के चलते उन्हें नींद आ सकती है. इससे छुटकारा पाने के लिए ये ज़रूरी है की वो एक्सप्रेसवे पर समय समय पर ब्रेक लेते रहे.
तेल रिसाव
तेल रिसाव किसी भी सतह पर खतरनाक हो सकते हैं लेकिन वो एक्सप्रेसवे पर ज्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि वहाँ सतह कंक्रीट की होती है और गाड़ियां तेज़ रफ़्तार से चलती हैं. आमतौर पर तेल रिसाव एक्सीडेंट के चलते, या लीक करती हुई गाड़ी के चलते होता है, और इन्हें पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है. एक्सप्रेसवे इस्तेमाल करने वाले, खासकर के बाइक चलाने वालों को रोड के सतह पर और ज्यादा सतर्क और सावधान होना चाहिए, और उनसे बचना चाहिए.
लावारिस जानवर
कई एक्सप्रेसवे खाली जगहों से होकर गुज़रते हैं, जहां जंगली जानवर बहुतायत में होते हैं. हालांकि ऐसे जानवरों को रोड पर आने से रोकने के लिए एक्सप्रेसवे में बैरिकेड लगा होता है, कई घटनाएं हुई हैं जहां गाड़ियों ने जानवरों को टक्कर मार दी है. ये दिक्कत रात को और बढ़ जाती है क्योंकि उस समय विसिबिलिटी काफी कम होती है.
कोहरा
एक्सप्रेसवे पर सबसे बड़े खतरों में से एक है कोहरा. चूँकि बहुत सारे एक्सप्रेसवे खुले मैदानों से होकर गुज़रते हैं, आम रोड के मुकाबले वहां कोहरा ज्यादा होता है. और घना कोहरा अचानक से रोड को ढक लेता है जिससे विसिबिलिटी खतरनाक तरीके से घट जाती है.
बायें लेन में तेज़ रफ़्तार गाड़ियां
लेन डिसिप्लिन कुछ ऐसा है जो इंडिया के हर एक रोड से नदारद है. एक्सप्रेसवे पर ये काफी खतरनाक बन जाता है. बायें लेन में तेज़ रफ़्तार कार्स काफी गंभीर एक्सीडेंट का कारण बन सकती हैं क्योंकि ये ड्राईवर की नज़रों से दूर होती हैं, और कई ड्राईवर लगातार शीशे चेक नहीं करते. गाड़ी के बायीं तरफ से ऐसे हाई-स्पीड ओवरटेक के लिए अपनी नज़रें खुली रखें.
डकैती
लोकल लोगों द्वारा एक्सप्रेसवे ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिसके चलते ये काफी एकांत होते हैं. वहाँ आसपास के लोग इस बात के फायदा उठाते हैं और वहां से गुजरने वाली गाड़ियों को लूटने के लिए जाल बिछाते हैं. आमतौर पर एक्सप्रेसवे पर रात में बत्तियां नहीं जल रही होती हैं और ये डकैत गाड़ियों को रोक कर उन्हें लूटने के लिए नाना तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं. ऐसे हालात से बचने के लिए हमेशा गाड़ियों के एक ग्रुप के साथ रहें.
फ्यूल पम्प की कमी
एक्सप्रेसवे पर ज़्यादा फ्यूल पम्प नहीं होते. Agra-Lucknow एक्सप्रेसवे जैसे नए एक्सप्रेसवे पर तो फ्यूल पम्प है ही नहीं, और सफ़र करने वालों को फ्यूल लेने के लिए एक्सप्रेसवे से उतरना पड़ता है. आगे बढ़ने से पहले हमेशा रास्ते के बारे में पड़ताल कर लें और ऐसे रोड्स में घुसने से पहले अपनी गाड़ी में फ्यूल भरवा लें.
निकास से घुस रहे आसपास के निवासी
आसपास के निवासियों के लिए एक्सप्रेसवे एक बहुत बड़ा रोड़ा होते हैं, और वो इसे पार करने के लिए कई बार शॉर्टकट लेते हैं. ऐसे लोग एंट्री और एग्जिट पॉइंट के बारे में फ़िक्र नहीं करते और वो किसी भी मौजूद रूट से एक्सप्रेसवे में घुसने की कोशिश करते हैं — अब चाहे वो एक एग्जिट हो या बैरिकेड के ऊपर से कूदना. हमेशा इस बात का ध्यान रखिये की जब आप एक्सप्रेसवे पर हों तो आपको अपने आसपास की हरकत का ख्याल हो.
धीरे चलती गाड़ियां
कई एक्सप्रेसवे बाइक की एंट्री पर रोक लगा देते हैं क्योंकि वो धीरे चलती हैं. लेकिन अधिकाँश एक्सप्रेसवे उन्हें चलने की अनुमति दे देते हैं. फिर ऐसे बाइक और धीरे चलने वाली गाड़ियां हाई स्पीड लेन पर चले जाते हैं जिससे काफी बड़े एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है. तेज़ रफ्तारों पर ऐसे गाड़ियों की स्पीड को समझ पाना मुश्किल होता है और अंत में इनके चलते भयावह एक्सीडेंट हो सकते हैं.