कुछ ही दिन पहले Tesla के फाउंडर एलोन मस्क ने अनावरण किया अपनी फर्म की लेटेस्ट गाड़ी — Tesla Semi-Truck — का. Tesla की सब चीज़ों की तरह, मस्क द्वारा लॉन्च किया गया Semi-ट्रक भी काफ़ी हद तक भविष्य का ही लगता है. कुछ कल्पनाशील रेडिट यूज़र्स ने फोटोशॉप करके ये दिखाने की कोशिश की है की अगर ये ट्रक भारत की सड़कों पर उतरा, तो कैसी हो सकती है इसकी शक़्ल रंग बिरंगी आकृतियों और चित्रों के साथ. डालिए एक नज़र!
पहले एक रेडिट यूज़र Wazbir ने नीचे दिखाई गयी इमेज पोस्ट की. इस इमेज को तुरंत मिले कई सारे अप-वोट. फिर एक और यूज़र Saitaney ने इसे मॉडिफाइ किया भारतीय परिदृश्य देकर और ज़्यादा सही डेकॅल (ऊपर देखें) लगा कर.
Tesla Semi, फोटोशॉप 1!
पहले Tesla ट्रक्स के 2019 के अंत या 2020 के शुरू में प्रोडक्शन में जाने की उम्मीद है. इनकी क़ीमत कम से कम $100,000 होगी और ये होगी बैटरी पैक के अलावा. ट्रक में होंगे 4 इलेक्ट्रिक मोटर जो होंगे चारों रियर व्हील्स की पीछे.
मस्क ने इशारा किया है की Semi ट्रक बैटरी के चार्ज के मुताबिक हर एक चार्ज में 500 मील या 800 किलोमीटर चल सकता है. बैटरी होंगी कॅबिन के फ्लोर पर. ट्रक में होगा एक 30-मिनट का फास्ट चार्ज ऑप्शन जो ट्रक को देगा 400 मील की रेंज. मस्क का दावा है की Tesla Semi का ओपरेशनल कॉस्ट एक रेग्युलर डीज़ल ट्रक से 20% कम होगा.
ऐसा दिखता है असली Tesla Semi…
मस्क ने पहले ही संकेत किया था की Tesla Semi ट्रक सेमी-ऑटोनोमसली ड्राइव कर सकेगा. ड्राइवर कैब के सेंटर में बैठेगा और उसके दोनों तरफ़ होंगी 2 टचस्क्रीन. जहाँ एक स्क्रीन हैंडल करेगी गाड़ी के फंक्शन सेटिंग जो हैंडल करेंगे लोडिंग एरिया, वहीं दूसरी स्क्रीन के पास होगा नैवीगेशन और इंफोटेनमेंट ऑप्शन.
Tesla Semi का कैबिन. नज़र डालिए ड्राइवर सीट के दोनों तरफ लगी ट्विन स्क्रीन्स पर.
ट्रक में रेग्युलर विंग मिरर नहीं होंगे और ये डिपेंड करेगा कैमरा पर जो कैबिन के अंदर लगी दोनों स्क्रीन पर बीम करेंगे Semi के दोनों तरफ की वीडियो. ये मूल रूप से एक अत्याधुनिक तरीक़ा है सामान को एक से दूसरी जगह ले जाने का. और इसमे टेलपाईप से निकलता काला धुआँ भी नहीं होगा.
इंडिया और Tesla!
क्या ये Tesla Semi truck कभी भारत आएगा? इस सवाल का जवाब तो केवल एलोन मस्क या भारतीय सरकार दे सकते हैं. Tesla भारत में एक फैक्टरी लगाने की बात करता रहा है पर इसे हाइ-इम्पोर्ट ड्यूटी से शिकायत भी है जो ओपेरेशंस को अलाभदायक बनाते हैं. अपनी तरफ से भारतीय सरकार ने एक कन्ड्यूसिव माहौल का वादा किया है अगर Tesla फैक्टरी यहाँ खोलता है तो. लेकिन चीन ने अमेरिका के बाहर Tesla की पहली फैक्टरी लगाने में जीत हासिल की. इसी के साथ, Tesla की भारत में आकांक्षायें कम से कम अभी तो अस्पष्ट ही हैं.