Hyundai Elite i20 और Ford EcoSPort को आप सीधे तौर पर एक दूसरे का प्रतिद्वंदी नहीं कह सकते. ये बात अलग है की भारतीय बाज़ार मूल रूप से प्रतियोगी किस्म का होने वजह से ये दोनों गाड़ियां अपनी कीमतों को लेकर आपस में ज़रूर टकराती हैं. अब आप ही बताइए की क्या होगा अगर ये दोनों गाड़ियां एक ड्रैग रेस के लिए एक दूसरे के सामने खड़ी हो जाएं? यूट्यूब पर Dream Cars के इस विडियो में आप खुद देख सकते हैं की क्या हुआ जब EcoSport और i20 के डीज़ल मॉडल्स ने ड्रैग रेस के लिए एक दूसरे को ललकारा.
इन दोनों गाड़ियों के बीच हुई दो अलग-अलग रेस के नतीजे आश्चर्यचकित कर देने वाले थे क्योंकि पूरी रेस के दौरान EcoSport और i20 एक दूसरे के आगे-पीछे बिल्कुल पास-पास भागती हुईं दिखीं लेकिन रेस के अंत में i20 ने बाज़ी मार ही ली. भले ही पूरी रेस में इन दोनों गाड़ियों के बीच मुक़ाबला कांटे का रहा, जिसके पीछे हम ड्राइवर की महारत को भी एक कारण मान सकते हैं, लेकिन अंत में Hyundai का बाज़ी मार लेना लगभग तय था. अगर आपको हमारी बात पर यकीन नहीं हो रहा, खासकर इस तर्क को सामने रखते हुए की EcoSport के पास इस रेस में ज़्यादा पावर होने के चलते पहले ही से एक बढ़त थी, तो आप पहले इन तथ्यों को पढ़िए जो शायद आपको हमारी बात पर यकीन करने में सहायता करेंगे.
पावर और वज़न का अनुपात
Hyundai Elite i20 में 1.4-लीटर टर्बोचार्जड डीज़ल इंजन लगा है जो 89 बीएचपी पावर और 220 एनएम टॉर्क पैदा करता है. वहीँ Ford Ecosport का 1.5-लीटर टर्बो डीज़ल इंजन लगा 99 बीएचपी पावर और 205 एनएम टॉर्क पैदा करता है. ये बात और है की EcoSport ज़्यादा पॉवर पैदा करती है, लेकिन यहाँ एक बात पर ध्यान देने वाली ये है कि अपने भारी-भरकम 1,320 किलोग्राम के वज़न के साथ ये गाड़ी 1,066 किलोग्राम वज़नी Hyundai के वज़न से 254 किलो ज़्यादा भारी है. Hyundai का पावर और वज़न का अनुपात प्रभावशाली 83.4 बीएचपी/टन है वहीं Ford का पावर टू वेट रेश्यो केवल 75 बीएचपी/टन, जो i20 को EcoSport के सामने एक बड़ी बढ़त देता है, ख़ासकर जब बात ड्रैग रेसिंग की है.
इंजन
भले ही Hyundai और Ford दोनों में ही टर्बोचार्जड फोर-सिलेण्डर डीज़ल इंजन लगे हैं लेकिन दोनों इंजनों के बीच समानता यहीं ख़त्म हो जाती है. Hyundai Elite i20 के इंजन को डबल ओवरहैड कैम्स और एक वेरिएबल ज्योमेट्री टर्बो चार्जर जैसी आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. वहीं दूसरी ओर Ford EcoSport में पुराने ज़माने के सिंगल ओवरहैड कैम्स और फिक्स्ड ज्योमेट्री टर्बो चार्जर लगे हैं. इसका मतलब ये हुआ की Hyundai का इंजन ज़्यादा तेज़ी से रेव करता है और बूस्ट को ज़्यादा फ़ुर्ती से बनाता है जो टर्बो लैग को घटा कर इस इंजन को पावर Ford के मुक़ाबले ज़्यादा आसानी से मुहैया कराता है और ये बात रेसिंग के लिए इसे ज़्यादा बेहतर बनाती है.