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पानी से बचाने वाला कोटिंग बढ़ाएगा कार की लाइफ, देखिये कैसे लगाते हैं इसे

आजकल अपने कार को पेंट करवाना या या रैप करवाना बेहद आम हो गया है. अधिकांश कार प्रेमी अपने कार का लुक बदलने के लिए ये तरीके अपनाते हैं. हाल के समय में रैप बेहद मशहूर हो रहे हैं क्योंकि कार को रैप करवाना बेहद आसान होता है. ऐसे में बाहर के पेंट या रैप की परत को बचाना भी बेहद ज़रूरी हो जाता है. इसके कई तरीके मौजूद हैं और इन्हीं में से सबसे प्रसिद्ध है हाइड्रोफोबिक कोटिंग, यानी पानी या तरल को दूर रखने वाली कोटिंग. हाइड्रोफोबिक कोटिंग को लगाना बेहद आसान होता है और इसे कोई खुद से भी कर सकता है. आज हम आपके सामने Modify Car and Bikes का ऐसा ही एक विडियो लेकर आये हैं जो दर्शाता है की अपनी कार पर आसानी से हाइड्रोफोबिक कोटिंग कैसे लगायें.

जैसा की नाम से ही पता चलता है हाइड्रोफोबिक कोटिंग आपकी कार के बाहरी सतह को किसी भी तरल या लिक्विड से बचाता है. हाइड्रोफोबिक कोटिंग वाली सतह पर पानी, या कीचड़ जैसे तरल पदार्थ बिना चिपके, बेहद आसानी से फिसल जाते हैं और ये कोई निशान भी नहीं छोड़ते. ये भारी बारिश वाले इलाकों या ऑफ-रोडिंग शौकीनों के लिए बेहतरीन फीचर है. सबसे अच्छी बात है की इसे कोई भी बिने दिक्कत के अपनी गाड़ी पर लगा सकता है. साथ ही हाइड्रोफोबिक कोटिंग वाली गाड़ी को साफ़ करना बेहद आसान हो जाता है क्योंकि इसपर गन्दगी चिपकती नहीं और सफाई में कम पानी का इस्तेमाल भी होता है.

विडियो की बात करें तो इसमें एक कार दिखाई गयी है जिसपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग को लगाया जाना है. लगान से पहले कार को अच्छे से साफ करना बेहद ज़रूरी होता है. इसीलिए विडियो में हम देख सकते हैं की कार को अच्छे से धोया जा रहा है ताकि इसपर किसी प्रकार की गन्दगी ना रह जाए. फिर पूरी कार को एक कपड़े की मदद से सुखाया जाता है. उसके बाद, उसपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग लगाने का काम शुरू होता है. आपको इस कोट को लगाने के लिए एक फोम का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इससे कोटिंग बराबर रूप से फैलती है.

पानी से बचाने वाला कोटिंग बढ़ाएगा कार की लाइफ, देखिये कैसे लगाते हैं इसे

प्रोडक्ट को टेस्ट करने एवं इसका प्रभाव दर्शाने के लिए पहले कोटिंग को अगले बोनट के आधे हिस्से पर लगाया जाता है वहीँ दूसरे हिस्से पर उसे नहीं लगाया जाता. उसके बाद बोनट पर कीचड़ वाला पानी डाला जाता है, पहले कोटिंग वाले हिस्से पर फिर बिना कोट वाले हिस्से पर. जहां हाइड्रोफोबिक कोटिंग वाले हिस्से पर से पानी बिना धब्बे छोड़े हुए आसानी से निकल जाता है, बिना कोटिंग वाले हिस्से पर थोडा कीचड़ रह जाता है और एक बड़ा धब्बा भी छोड़ जाता है.

इसके बाद, जब हाइड्रोफोबिक कोटिंग वाले इलाके पर साफ़ पानी डाला जाता है तो वो अपने साथ गंदे पानी को लेकर आसानी से सतह से फिसल जाता है. बिना कोटिंग वाले हिस्से के साथ भी ऐसा ही होता है लेकिन अगर साफ़ पानी थोड़ी देर से डाला गया होता तो वो इलाका साफ़ नहीं हो पाता.