बच्चे उनके मां बाप के लिए दुनिया की सबसे बड़ी नेमत होते हैं और हर अभिभावक के लिए अपने बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरी होती है. आजकल बच्चों का काफी समय अपने अभिभावकों की कार्स में बीतता है. इस लेख में हम चर्चा करेंगे ऐसे कुछ बिंदुओं पर जो आपके बच्चों को आपकी गाड़ी के अंदर सुरक्षित रखने में सहायक हो सकते हैं.
1. सीटबेल्ट्स हरदम लगी होनीं चाहिएं
सीटबेल्ट्स जीवन रक्षक होती हैं. आपका बच्चा कार के किसी भी हिस्से में क्यों न बैठा हो उसे हमेशा सीट से बंधा रखने के लिए सीटबेल्ट लगाना अत्यंत आवश्यक है.
2. कार में हमेशा छोटे बच्चों को उनके के लिए विशेष तौर पर बनीं सीट्स पर ही बिठाएं
छोटे बच्चे और खास तौर पर दूधमुहें बच्चों को कार में हमेशा उनके लिए विशेष तौर पर बनीं सीट में ही बिठाना चाहिए. इस बात पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है की आप गाड़ी चलाने के पहले यह सुनिश्चित करें कि कार में चाइल्ड सीट सही तरह से फिट की गयी है. आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए की कार में बैठे 2 साल या उससे कम उम्र के बच्चों की सीट का मुंह हमेशा गाड़ी के पाछे वाले हिस्से की ओर रखा जाये क्योंकि छोटे बच्चों के सिर और गले की मांस पेशियां बहुत नाज़ुक होती हैं और यह क्रैश के झटके को झेलने में असमर्थ होती हैं.
3. बच्चों को हमेशा कार की पिछली सीट पर बैठा कर ही सफर करें
12 साल से कम उम्र के बच्चों को हमेशा कार की पिछली सीट्स पर ही बैठना चहिये क्योंकि यह उनकी खुद की सुरक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी है. कार में लगे एयरबैग्स गाड़ी के क्रैश होने पर अचानक लॉन्च हो जाते हैं जो छोटे बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि एयर बैग्स को बड़े शरीर वाले व्यक्ति की सुरक्षा के हिसाब से डिज़ाइन किया जाता है.
4. बच्चों को ड्राइवर सीट या ड्राइविंग सीट पर बैठे इंसान की गोद में कभी ना छोडें
अभिभावक अपने बच्चों को अपने करीब रखने की चेष्टा करते हैं. लेकिन ड्राइविंग करते वक़्त या वैसे ही बच्चों को कार के अंदर गोद में बैठाना बच्चों और उनके अभिभवकों दोनों ही के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. माता-पिता को इन बातों से किसी भी कीमत पर बचना चाहिए.
5. ड्राइविंग के वक़्त अपनी एकाग्रता पर विशेष ध्यान दें
अगर कार में बैठे बच्चे आपके कार चलाते वक़्त किसी बात को लेकर खुश/दुखी/परेशान/उद्वेलित आदि हैं तो कृपा कर गाडी को सड़क किनारे खड़ा कर पहले उस मुद्दे का निराकरण कर लें ताकि ड्राइविंग के प्रति आपकी एकाग्रता बनी रहे. ऐसे माहौल में आपका ध्यान ड्राइविंग से भटक सकता है. मल्टी-टास्किंग वैसे एक अच्छी बात हो सकती है लेकिन ड्राइविंग के समय आपको अपनी इस क्षमता को गाड़ी की स्टेपनी से बोल्ट कर के छोड़ देना चाहिए.
6. गाड़ी में रखी हर चीज़ कहीं न कहीं बंधी होनी चाहिए
इस बात को सुनिश्चित कर लें की गाड़ी में पड़ी कोई भी चीज़ खुली न हो. गाड़ी के डैशबोर्ड पर पड़ी कोई भी खुली वस्तु क्रैश की स्थिति में एक प्रोजेक्टाइल/रॉकेट का रूप ले सकती है. ये ही बात गाड़ी के बूट में खुली पड़ी किसी भारी वस्तु पर भी लागू होती है. अगर अभी आपको आपकी कार में पड़ी कोई ऐसी चीज़ ध्यान आ रही है जो कि खुली रखी है, तो पहला काम उस वस्तु को बांधने का करें क्योंकि ये आपको और आपके बच्चों को सुरक्षित बनाएगा.
7. कभी भी बच्चों को कार में अकेला छोड़ देने की नादानी न करें
अगर आपको किसी काम से कुछ देर के लिए कार से बाहर जाना है तो हमेशा ध्यान रखें कि आपके बच्चों की देखरेख के लिए कोई ज़िम्मेदार व्यक्ति कार में मौजूद है. कभी भूल कर भी बच्चों को कार में अकेला न छोड़ें. बच्चों को हमेशा अपने साथ लेकर जाएं जिससे आप उनको heatstroke जैसी बुरी परिस्थिति से बचा पाएं जो की गर्मियों के मौसम में अक्सर देखने में आती हैं. और वैसे भी बच्चे कुदरती तौर पर जिज्ञासू प्रवृत्ति के होते हैं और कार के अंदर अकेले बैठे बच्चों की जिज्ञासाएं आपकी सारी जिज्ञासाओं पर पानी फेरने के लिए काफी है.