Advertisement

Honda Activa फिर से Hero Splendor को पछाड़ बनी इंडिया की बेस्ट सेलिंग टू-व्हीलर

Honda Activa ऑटोमैटिक स्कूटर इंडिया की बेस्ट सेलिंग ऑटोमैटिक स्कूटर के तौर पर बरकरार है और उसने Hero MotoCorp Splendor को कम्यूटर मोटरसाइकिल रेंज में पीछे छोड़ दिया है. Activa रेंज में ढेर सारे ऑटोमैटिक स्कूटर्स हैं जिनमें Activa-i, Activa 5G और Activa 125 शामिल हैं. अप्रैल 2018 में Honda ने इंडिया में Activa के 3.4 लाख यूनिट्स बेचे. Hero MotoCorp ने इसी समय के दौरान Splendor के 2.66 लाख यूनिट्स बेचे. जहां Activa की साल दर साल सेल्स बढ़त लगभग 9% की दर से बढ़ी, Splendor ने काफी बेहतर बढ़त के साथ सेल्स में 17% की दर से बढ़त हासिल की. Activa ने कम्यूटर मोटरसाइकिल्स से ऑटोमैटिक स्कूटर्स तक इंडिया के कम्यूट करने के तरीके को बदलने में सफलता हासिल की है.

Honda Activa फिर से Hero Splendor को पछाड़ बनी इंडिया की बेस्ट सेलिंग टू-व्हीलर

इंडिया के लोगों के ऑटोमैटिक स्कूटर खरीदने के पीछे कई कारण हैं. देश तेज़ी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है और रोड बेहतर होते जा रहे हैं. इसका मतलब है की ऑटोमैटिक स्कूटर ज्यादा आरामदायक और प्रैक्टिकल ऑप्शन बनते जा रहे हैं क्योंकि उन्हें शहरी इलाकों में खराब सड़कों से नहीं जूझना पड़ रहा है. इसके बाद बात लोगों के बढे हुए आमदनी पर भी आती है.

इंडिया के बड़े शहरों में अधिकांश लोग ऑटोमैटिक स्कूटर्स को छोटे-मोटे काम करने के लिए खरीदते हैं. ऑटोमैटिक स्कूटर्स के जगहदार फ्लोरबोर्ड्स उसे कई परिवारों के लिए अच्छा मालवाहक बनाते हैं. और ट्रैफिक जान के बुरे होने के साथ ही ऑटोमैटिक स्कूटर्स ज्यादा बेहतर चॉइस साबित होते हैं क्योंकि इनमें गियर्स बदलने की ज़रुरत नहीं होती. देशभर में महिलाएं रोज़गार पा रही हैं जिससे Activa जैसी गाड़ियां ज्यादा कम्यूट करने के लिए ज़्यादा किफायती, भरोसेमंद, और असरदार माध्यम बनती जा रही हैं.

Honda Activa फिर से Hero Splendor को पछाड़ बनी इंडिया की बेस्ट सेलिंग टू-व्हीलर

Hero Splendor और Passion जैसी कम्यूटर मोटरसाइकिल्स भी पॉपुलर हैं, और इसके पीछे बड़ा कारण है उनकी बेहतर माइलेज. साथ ही, ऑटोमैटिक स्कूटर्स के मुकाबले 100/110-सीसी कम्यूटर मोटरसाइकिल्स अपने बड़े चक्कों के चलते बुरी सड़कों पर ज्यादा बेहतर ढंग से चल सकते हैं. इसलिए इंडिया में ऐसी जगहों पर जहां रोड उतने अच्छे नहीं हैं, कम्यूटर मोटरसाइकिल्स अभी भी ज़्यादा फेमस हैं. और तो और, जहां सड़कें उतनी अच्छी ना हों, कम्यूटर मोटरसाइकिल्स को चलाने का खर्च ऑटोमैटिक स्कूटर्स के मुकाबले कम होता है. कुल मिलाकर, टू-व्हीलर्स के ये दोनों सेगमेंट इंडिया में ऑटोमोटिव सेक्टर के ग्रोथ को आगे लेकर जा रही हैं.