Advertisement

Ford कह सकती है भारत को अलविदा लेकिन पूरी तरह से नहीं, जानिये डिटेल्स…

हो सकता है जल्द ही Ford Motors India भारत में अपने नीतिगत अलविदा के तहत देश में अपना कारोबार समेट ले. Reuters के मुताबिक़, ये कंपनी भारत में Mahindra and Mahindra के साथ संयुक्त पार्टनरशिप में वापसी करेगी. और तो और कुछ रिपोर्ट्स का कहन है की इस पार्टनरशिप में Mahindra का 51% का हिस्सा होगा वहीँ Ford की हिस्सेदारी 49% की होगी. इसलिए कंपनी GM के स्वामित्व वाली Chevrolet की तरह भारत से पूरी तरह नहीं जायेगी. लेकिन, Ford एक स्वतंत्र निर्माता के रूप में ना रहकर Mahindra के साथ पार्टनरशिप में रहेगी.

Ford कह सकती है भारत को अलविदा लेकिन पूरी तरह से नहीं, जानिये डिटेल्स…

यह अमेरिकी निर्माता दुनिया की सबसे मशहूर एवं पुरानी कार निर्माताओं में से एक है. ये कंपनी भारत में लग्बह्ग 25 सालों से मौजूद रही है. रोचक बात है की पहले Ford ने Mahindra के साथ ही पार्टनरशिप में भारत में एंट्री की थी और उसके बाद स्वतंत्र रूप से Ford India Private Limited की स्थापना की.

Escort और Ikon इस कंपनी के पहले मॉडल्स में से एक थे. लेकिन, Ford कभी भी भारतीय मार्केट पर ज्यादा हावी नहीं हो पायी. Ikon, Fiesta (पुराने जनरेशन), EcoSport और Endeavour जैसे कुछ सफल मॉडल्स के अलावे दूसरी Ford कार्स भारत के कस्टमर्स को रिझाने में नाकाम रहीं. अभी तक इस निर्माता ने भारत में लगभग $2 बिलियन का निवेश किया है लेकिन इसका मार्केट शेयर केवल 3% का है.

फिलहाल इस पार्टनरशिप की कुल कीमत सामने नहीं आई है, Ford और Mahindra दोनों मिलकर इस डील पर काम कर रहे हैं और इसे अभी से लगभग 90 दिनों में पूरा हो जाना चाहिए. जहां तक Ford के संपत्ति और कर्मियों का सवाल है तो कंपनी इन्हें इस पार्टनरशिप में ट्रान्सफर कर देगी और कर्मियों के लिए चीज़ें कुछ ख़ास नहीं बदलेंगी.

आपको बता दें की Mahindra और Ford की पार्टनरशिप की घोषणा 2018 में ही हो गयी थी. लेकिन, तब इस प्लान का ध्यान साथ मिलकर पॉवरट्रेन्स और टेक्नोलॉजी विकसित करने पर था. 2020 में Mahindra असल में Ford को नए कम क्षमता वाले BS-VI का पालन करने वाले इंजन देगी और कंपनी इसके मदद से अपने मॉडल लाइन-अप को दुरुस्त करेगी.

Ford कह सकती है भारत को अलविदा लेकिन पूरी तरह से नहीं, जानिये डिटेल्स…

Ford के भारत में अभी के हालत की बात करें तो 2018 में कंपनी ने 92,937 गाड़ियां बेचीं थीं जो Maruti Suzuki जैसी बड़ी कंपनी या Tata, Mahindra जैसी कंपनियों से भी बेहद कम है. पिछले कुछ सालों में Ford की परफॉरमेंस कुछ ख़ास नहीं रही है और अब जब MG Motors, Kia और Citroen जैसी कंपनियां भारत में आने वाली हैं, Ford की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं.

Mahindra के साथ पार्टनरशिप की बात करें तो इससे Ford को फायदा हो सकता है क्योंकि वो Mahindra के बड़े नेटवर्क के ज़रिये अपनी गाड़ियों को ज्यादा लोगों तक पहुंचाते हुए इनकी कीमत भी सही ढंग से तय कर सकती है. भारत का ऑटो मार्केट तेज़ी से बढ़ रहा है और इतना खर्च कर मार्केट छोड़ देना कंपनी के लिए कुछ सही नहीं होगा. पार्टनरशिप के तहत मार्केट में रहना एक अच्छा ऑप्शन है और ये देखना रोचक होगा की Mahindra और Ford दोनों ही आने वाले समय में कैसा प्रदर्शन करते हैं, खासकर तब जब और भी नयी कंपनियां मार्केट में आने वाली हैं.

सोर्स