Ford ऑटोमोबाइल्स की दुनिया में काफी समय से उपस्थित है. इस ब्रांड ने इंडिया में 1996 में एंट्री की थी और उसके बाद आगे चलकर ये इंडिया में छठी सबसे बड़ी सेलर बनी. इंटरनेशनल पोर्टफोलियो वाली निर्माता होने के नाते Ford ने इंडिया के मार्केट में कई गाड़ियाँ लॉन्च कीं. कुछ कार्स ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कुछ भूल दी गयीं. पेश हैं ऐसी 5 Ford कार्स जो इंडिया में भुला दी गयीं.
Ford Escort
Escort वो पहली कार थी जो इंडियन मार्केट में Ford के लोगो के साथ लॉन्च की गयी थी. ये बड़ी सेडान इंडियन मार्केट में Ford और Mahindra के पार्टनरशिप के बाद ब्रांड की पहली कार थी. Escort ढेर सारे फ़ीचर्स के साथ आई थी जिसमें पॉवरड ORVMs, पॉवर स्टीयरिंग, म्यूजिक सिस्टम, एसी, और पॉवर विंडोज़ थे.
ये काफी जगहदार कार थी जिसमें बड़ा बूट स्पेस और रियर में काफी जगह थी. लेकिन Escort मार्केट में चल नहीं पायी. इसमें दो इंजन ऑप्शन थे: 1.3-लीटर पेट्रोल और 1.8-लीटर डीजल.
Ford Fusion
वो Ford EcoSport ही थी जिसने इंडियन मार्केट में सब 4 मीटर कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट को फेमस किया था. कई साल पहले Ford ने Fusion लॉन्च की थी जो इंडियन मार्केट की पहली क्रॉसओवर थी. Fusion शौकीनों के बीच तो फेमस हुई लेकिन ये एक बड़ी हैचबैक जैसी दिखती थी जिसका मतलब था की SUV के कस्टमर्स इससे दूर ही रहे.
Fusion में 1.4 लीटर और 1.6-लीटर पेट्रोल इंजन एवं 1.4 लीटर डीजल इंजन ऑप्शन थे. Fusion को एक बेहद प्रैक्टिकल कार माना जाता था और इंडिया के बड़े परिवार इसे पसंद करते थे. अब ये कार इंडिया के रोड्स पर ज्यादा दिखती नहीं है.
Ford Fiesta S 1.6
पहली जनरेशन वाली Ford Fiesta इंडिया में काफी पॉपुलर हुई थी. बाद में, Ford ने शौकीनों के लिए इस सेडान का स्पेशल S वैरिएंट लॉन्च किया था. Fiesta पहले ही अच्छे हैंडलिंग के लिए जानी जाती थी और S वैरिएंट के साथ Ford इसे एक कदम और आगे ले गयी. Fiesta S में बेहतर सस्पेंशन और बॉडी किट थी और साथ ही एक नया स्पेशल कलर भी था. लेकिन Ford ने इंजन नहीं बदला, और इसमें वही 1.6-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन था जो अधिकतम 100 बीएचपी और 145 एनएम उत्पन्न करता था. ये कार इतनी दुर्लभ हो चुकी है की अब ये बस कुछ ही शौकीनों के पास है.
Ford Fiesta फेसलिफ्ट
Ford की लेटेस्ट फैमिली डिजाईन को इंडिया में 2014 में फेसलिफ्टेड Fiesta के रूप में लॉन्च किया गया था. इस सेडान में Aston-Martin से प्रेरित हेक्सागौन आकार वाली फ्रंट ग्रिल थी. इस गाड़ी का स्लीक डिजाईन रोड पर कई लोगों का ध्यान खींचा करता था. लेकिन, ये कार तगड़े कम्पटीशन — खासकर Honda से — की वजह से मार्केट में उतना चल नहीं पायी.
इस कार में इसके शार्प-स्टीयरिंग सेटअप की वजह से इसकी हैंडलिंग बेहतरीन थी और कार शौक़ीन इससे काफी खुश थे. साथ ही, इसका 1.5 लीटर डीजल इंजन 89 बीएचपी – 205 एनएम उत्पन्न करता था और इसका कम टर्बो लैग कई लोगों को प्रसन्न करता था. लेकिन, अपने समय में मास मार्केट में कार लोगों को कुछ ख़ास पसंद नहीं आई.
Ford Mondeo
Mondeo आज भी इंडिया के शौकीनों के दिल में बसी है. ये पहली बार था जब Ford ने इंडिया के लक्ज़री मार्केट में एंट्री की सोची. Mondeo को 2002 में लॉन्च किया गया था और इसने मार्केट में कई लोगों का ध्यान खींचा. लेकिन इसका बड़ा प्राइस टैग कई लोगों को नहीं भाया. इस कार में एक 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन था जो अधिकतम 142 बीएचपी का पॉवर उत्पन्न करता था वहीँ डीजल वर्शन अधिकतम 128 बीएचपी का पॉवर उत्पन्न करता था.