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Indian Government का दावा, जल्द आएँगी Flexi-Fuel वाली Bikes

इंडिया में बढ़ते प्रदूषण ने कुछ शहरों के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी कड़ी कर दी है. इंडिया में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए और ट्रांसपोर्ट के ज्यादा स्वच्छ ज़रियों को बढ़ावा देने के लिए कुछ कदम उठाये जा रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है की कम से कम दो बड़े बाइक निर्माता फ्लेक्स-फ्यूल या ड्यूल-फ्यूल गाड़ियों पर काम कर रहे हैं और ये जल्द ही लॉन्च होंगी.

Indian Government का दावा, जल्द आएँगी Flexi-Fuel वाली Bikes

ब्राज़ील में बेचीं जाने वाली Honda Biz में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन है

एक फ्लेक्स-फ्यूल इंजन दोनों पेट्रोल और एथेनॉल पर चल सकती है और गडकरी का कहना है की निर्माताओं ने ये वायदा किया है की इस महीने के अंत तक वो इलेक्ट्रिक और फ्लेक्स-इंजन मोटरसाइकिल लेकर आयेंगे. इंडिया इस दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है और हमारा देश दूसरों के उत्पाद पे निर्भर रहता है. शुगर, स्टार्च, या सेल्यूलोस से निकाले गए ग्लूकोज़ को फेर्मेंट कर के बनाया जाने वाला एथेनॉल इंडिया के कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम कर सकता है.

केंद्रीय परिवहन एवं शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी ने PTI से कहा की,

“मंत्री ने कहा की ये 100 प्रतिशत पेट्रोल पर और 100 प्रतिशत एथेनॉल पर चलाये जा सकते हैं”. गडकरी ने एथेनॉल के उत्पाद द्वारा खेती को पॉवर और एनर्जी की तरफ बढाने की बात पर भी ज़ोर दिया. ये देश 7 लाख करोड़ के कच्चे तेल के आयात के बिल का भार संभालता है, और अगर “हम देश में उगाये गए एथेनॉल के ज़रिये 2 लाख करोड़ भी बचा पाते हैं, ये कृषि अर्थव्यवस्था का कायाकल्प कर देगा.”

भारतीय सरकार ऐसे क़दमों पर भी काम कर रही है जो एथेनॉल को बढ़ावा दें. ये फ्यूल पेट्रोल के दाम का आधा होता है और कृषि के अतिरिक्त या साइड उत्पाद से उत्पन्न किया जा सकता है. गडकरी ने उत्तर-पूर्वी राज्यों से बांस के उत्पाद को बढाने की गुजारिश भी की है ताकि एथेनॉल के बनाने में इनका इस्तेमाल कच्चे पदार्थ के रूप में किया जा सके.

बड़े-बड़े कार निर्माता जैसे Mercedes-Benz, Toyota, Ford एवं और भी कई अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में फ्लेक्स-फ्यूल गाड़ियों को बेचते हैं. United States, Brazil, और Canada जैसे अमेरिकन देशों में ऐसी गाड़ियों की भरमार है.

गडकरी ने ये भी कहा की सरकार supercapacitors इस्तेमाल करने वाले इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रही है. ऐसी बस बस 3 मिनट के चार्ज पर 36 किलोमीटर तक चल सकती हैं.