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ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

आजकल भारतीय बाज़ार में ऑटोमैटिक कार्स का ही जलवा है. अब हर ग्राहक अपनी नयी कार में AMT (ऑटोमेटेड-मैन्युअल ट्रांसमिशन) गियरबॉक्स ही पसंद करता है. इस चलन को इन ट्रांसमिशन के लगातार गिरते दामों की वजह से और भी गति मिली है. अब आप 5 लाख रूपए से कम कीमत में भी आटोमेटिक कार्स खरीद सकते हैं. इन कार्स की सहज हैंडलिंग इन्हें मैन्युअल संस्करणों से ज्यादा लोकप्रिय बनाती है. मगर इन ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के बारे में कुछ ऐसी बाते हैं जो आपको जानना अति आवश्यक है.

कम की ही उम्मीद करें

ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

अगर आप पहले से एक ऑटोमैटिक कार का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसके बाद AMT गियरबॉक्स से लैस कार खरीदी है तो आपको लगेगा जैसे ये दोयम दर्जे का ट्रांसमिशन है. इसका कारण यह है कि AMT गियरबॉक्स अन्य ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की करह काम नहीं करते. उनका काम करने का तरीका काफी अलग होता है और कभी-कभी तो यह बिल्कुल अटपटे लगते हैं. मगर अगर आपकी पहली ही कार AMT गियरबॉक्स से लैस है तो आप को किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं होगी.

यह है क्लच-मुक्त मैन्युअल गियरबॉक्स

ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

AMT का अर्थ होता है ऑटोमेटेड-मैन्युअल ट्रांसमिशन मतलब यह पूर्ण रूप से ऑटोमैटिक गियरबॉक्स नहीं है. इसके बजाय यह एक मैन्युअल गियरबॉक्स है जिसमें बस क्लच पैडल नहीं है. जहाँ आपको मैन्युअल गियरबॉक्स में लगातार क्लच का इस्तेमाल करना पड़ता है वहीँ ऑटोमैटिक कार में आपका यह काम AMT गियरबॉक्स कर देता है.

खरीदने और रख-रखाव में आता है कम खर्च

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अगर आसान शब्दों में कहे तो AMT ट्रांसमिशन असल में मैन्युअल गियरबॉक्स होते हैं जिसमें क्लच पैडल ऑटोमैटिक होते हैं. इसलिए इनमें किसी उन्नत तकनीक का इस्तेमाल नहीं होता और ये काफी सस्ते होते हैं. आज कई एंट्री-लेवल कार्स में भी आपको AMT गियरबॉक्स मिल जायेगा. मैन्युअल गियरबॉक्स के बरक्स इन AMT गियरबॉक्स के रखरखाव में काफी कम खर्चा आता है.

माइलेज में होता है इज़ाफा

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अगर पारंपरिक ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के प्रदर्शन पर गौर करें तो इनसे कार के माइलेज में कमी आती है. कुछ महंगे विकल्पों को छोड़ लगभग सभी ऑटोमैटिक गियरबॉक्स में यह समस्या होती है. मगर आंशिक रूप से मैन्युअल होने के कारण AMT के मामले में ऐसा नहीं है. लगभग सभी AMT गियरबॉक्स मैन्युअल गियरबॉक्स जितना ही माइलेज देते हैं. कई लोगों को इस बारे में ग़लतफहमी होती है पर तथ्य यही है.

मैन्युअल ट्रांसमिशन के कुछ अंश है बाकी

ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

हर चीज़ के कुछ फायदे और कुछ नुक्सान होते हैं और AMT कार्स भी कुछ भिन्न नहीं है. AMT कार्स में पार्किंग मोड, हिल होल्ड, हिल डिसेंट जैसे फीचर्स नहीं मिलेंगे. अगर आप AMT कार के मालिक है या ऐसी कार खरीदने जा रहे हैं तो हैण्डब्रेक इस्तेमाल करने की आदत दाल लें. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी ऊंचे इलाके पर जाते समय या वहां से आते समय आपको ब्रेक्स की काफी ज़रुरत पड़ेगी.

आप गियर बदल कर कार पर बेहतर कण्ट्रोल पा सकते हैं

ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

लगभग सभी AMT कार्स में गियर लेवल मौजूद होता है जिससे आप जब भी चाहें इसे एक मैन्युअल कार बना सकते हैं. इस मामले में Renault Kwid एक अपवाद है जिसमें गियर लीवर की जगह आपको एक नॉब मिलता है. मगर अन्य प्रकार के ऑटोमैटिक गियरबॉक्स में इस तरह के विकल्प आपको नहीं मिलेंगे. इसमें कोई दो राय नहीं की गियर कण्ट्रोल अपने हाथ में होने पर आपको कार चलने में अधिक आनंद आएगा.

नए ज़माने के AMTs है ज्यादा उन्नत

ऑटोमैटिक (AMT) कार्स के बारे में 10 तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा 

आज के ज़माने में तकनीक बहुत तेज़ रफ़्तार से उन्नति कर रही है. और यह तथ्य सिर्फ आपके फ़ोन या कंप्यूटर तक ही सीमित नहीं है. इक्कीसवीं सदी में कार्स भी काफी तेज़ी से उन्नति कर रही हैं. फ़िलहाल बाज़ार में उपलब्ध AMT कार्स में हिल होल्ड जैसे उन्नत फीचर्स मौजूद हैं. Tata Nexon और Renault Duster इसके काफी अच्छे उदाहरण हैं. इससे ना सिर्फ कार चलाना कम थकान भरा होता है बल्कि आप कार चलाते-चलाते आराम भी कर सकते हैं.

नहीं है ट्रैफिक में मदद की ज़रुरत

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AMT गियरबॉक्स उन लोगों के लिए एक वरदान की तरह है जो ट्रैफिक में कार चलाना पसंद नहीं करते. इन गियरबॉक्स से लैस कार्स में एक “क्रीप” फीचर आता है जिनकी मदद से कार भारी ट्रैफिक में धीरे- धीरे चल सकती हैं. मैन्युअल कार्स में यह फीचर नहीं होता और इसलिए गति कम करते है कार बंद पड़ जाती है. “क्रीप” फीचर भारत में हर AMT कार के साथ आता है.

इंजन ब्रेकिंग है गायब!

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इंजन ब्रेकिंग एक अच्छी तकनीक है और इसकी मदद से ब्रेक के गैरज़रूरी इस्तेमाल को कम किया जा सकता है. यह फीचर खासकर तब फायदेमंद होता है जब आप पहाड़ी से नीचे उतर रहे होते हैं. मगर AMT गियरबॉक्स में आप क्लच कण्ट्रोल नहीं कर सकते हैं और इसलिए इंजन ब्रेकिंग नामुमकिन है. इंजन ब्रेकिंग का मतलब है किसी ऊंचाई से नीचे उतारते वक्त गाड़ी को निचले गियर में रखना जिससे कार की गति कम हो जाए. मगर AMT कार्स में यह संभव नहीं है.

ओवरटेक करना नहीं आसान

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अगर आप तेज़ गति और जल्दी-जल्दी गियर बदलने के शौक़ीन हैं तो AMT कार्स आपके लिए नहीं बनी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्नत होने के बावजूद AMT गियरबॉक्स थोड़ा धीरे होते हैं. AMT कार्स में आप गियर तो बदल सकते हैं पर मैन्युअल कार्स की गति की बराबरी नहीं कर सकते. इसलिए ऐसी कार्स में बैठ सड़क पर हर गाड़ी को पछाड़ना आसान नहीं है.