भारतीय सेना के पास उनके आधिकारिक बेड़े में कई प्रकार के वाहन मौजूद हैं. कुछ समय पहले सेना की आधिकारिक गाड़ियाँ कुछ अलग तरह के लुक्स वाली होती थीं और उनमें से एक गाड़ी Jonga ने भी भारतीय सेना को सेवा प्रदान की है. Jonga को नागरिकों को भी बेचा गया था और यह भारतीय सड़कों पर आज कल बहुत ही कम दिखती है. नीचे एक Jonga को दिखाया गया है जो बिक्री के लिए तैयार है और इसकी कीमत है 10 लाख रुपये है.
विज्ञापन देने वाले के अनुसार ऊपर दिखाई गई Jonga को सिख रेजिमेंट ने इस्तेमाल किया हुआ है. 1983 के इस मॉडल में 4,000 सीसी टर्बोचार्जड डीजल इंजन है और इसमें 4-स्पीड ट्रांसमिशन दिया गया है. यह गाड़ी काफी सक्षम है और 4×4 सिस्टम भी इसमें प्रदान किया गया है. इस गाड़ी पर WS Design ने काम किया है और इसमें कई तरह के बदलाव भी किए हैं जिसमें इसे आधुनिक फीचर्स के साथ इसे काफी रफ एंड टफ भी बनाया गया है.
इसमें पिंजड़े जैसा भारी फ्रंट गार्ड और इसी के जैसा भारी रियर गार्ड, नए गोल आकार के LED हेडलैम्प, LED टेल लैंप, ऑफ-रोड रैक के साथ पिक-अप बेड कवर, साइड स्टेप, फ्रंट विंडशील्ड बार, हेडलैम्प सुरक्षा ग्रिल और आलीशान इंटीरियर के साथ पॉवर विंडोज प्रदान की गईं हैं. गाड़ी में एक एयर कंडीशनर भी दिया गया है. यह गाड़ी मुंबई में उपलब्ध है और महाराष्ट्र में पंजीकृत है. हालांकि, यह तब तक ज्ञात नहीं है कि यह पंजीकरण कब तक मान्य है. इसके फ्रंट गार्ड को हिंज पर लगाया गया है और इसे खोल बोनट तक पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा गाड़ी पर अच्छा पेंट किया हुआ है जो इसे फ्रेश लुक्स देता है.
यह ध्यान देने योग्य है कि JONGA एक नाम नहीं है बल्कि इसका मतलब है Jabalpur Ordinance and Gun Carriage Assembly. इन गाड़ियों को सेना के लिए भारतीय कारखाने में बनाया गया था. 1960 में Nissan ने पेट्रोल P60 को SUV, पिक-अप ट्रक और कई अन्य बॉडी शैलियों में लॉन्च किया. भारतीय सेना ने 1963 में ऐसे ट्रक बनाने के अधिकार खरीदे और उनको Vehicle Factory Jabalpur में बनाया गया. इसे भारत में आधिकारिक नाम Jonga दिया गया था और इसे पिक-अप ट्रक बॉडी स्टाइल में भी बेचा गया था.
Jonga शुरू में टर्बोचार्जड इंजन के साथ उपलब्ध थी जो अधिकतम 145 बीएचपी और 340 एनएम टॉर्क उत्पन्न करती थी. हालांकि, Jonga ने बिना टर्बोचार्जर इंजन के साथ भी गाड़ियों को लॉन्च किया क्योंकि उच्च टॉर्क के साथ ट्रांसमिशन फिट नहीं बैठ रहा था. इस गाड़ी का नैचुरली एस्पिरेटेड डीजल इंजन 110 बीएचपी और 280 एनएम टॉर्क का उत्पादन करता था. बाजार में कम बिक्री के कारण Nissan ने आखिरकार इस गाड़ी को बाजार में नहीं बेचने का फैसला किया था.