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क़ुतुब मीनार से दोगुने ऊंचे सिग्नेचर पुल का ड्रोन फुटेज आपको चौंका देगा!

दिल्ली सरकार ने यमुना के ऊपर से जाने वाले बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर पुल का उदघाटन 5 नवम्बर को कर दिया. ये विशाल पुल उत्तरपूर्वी दिल्ली को उत्तर दिल्ली से जोड़ता है और इसने इन दोनों के बीच का परिवहन समय 45 मिनट से घटाकर सिर्फ 10 मिनट कर दिया है. इस पुल को पूरा बनाने में 14 लम्बे वर्षों का समय लगा. ये 154 मीटर लम्बा पुल देश के सबसे लम्बे पुल में से एक है और ये क़ुतुब मीनार से दोगुना ऊँचा है! पेश है नए सिग्नेचर पुल का ड्रोन से लिया गया पहला विडियो जिसमें ये लाजवाब दिख रहा है.

ये पुल सैलानी केंद्र का काम करेगा एवं इसमें कई सेल्फी पॉइंट और सीन पॉइंट भी हैं जो राजधानी का नज़ारा प्रस्तुत करते हैं. इसमें 4 लिफ्ट लगे हैं जो सैलानियों को पुल के ऊपर 22 मीटर ऊंचे स्टील-ग्लास बॉक्स में ले जायेंगे जहां से उन्हें नज़ारे दिखेंगे. उच्च क्षमता वाले ये लिफ्ट एक बार में 50 लोगों तक ले जा पायेंगे. ये भारत का पहला गैर-सामान केबल स्टाइल पुल है और इसके बीच के स्तंभ को नमस्ते की आकार में डिजाईन किया गया है. इस पूरे पुल को Delhi Tourism and Transport Development Corporation (DTTDC) के द्वारा 1594 करोड़ की लागत पर बनाया गया है. इस पुल की कल्पना 1997 में की गयी थी और दिल्ली सरकार ने इसे मंज़ूरी 2007 में दी थी. शुरुआत में इसकी कीमत 1,131 करोड़ रूपए आंकी गयी थी.

ये पुल 675 मीटर लम्बा है और इसमें 8-लेन हैं. पूर्वी दिल्ली से NH1 के तरफ जा रहा अधिकाँश ट्रैफिक अब इस नए पुल से होकर गुज़र सकेगा. इसके पहले दो लेन वाले Wazirabad पुल पर काफी जाम लगता था और चूंकि नए पुल पर 8 लेन हैं, यहाँ जाम की दिक्कत नहीं आनी चाहिए. ये पुल दिल्ली के बाहरी रिंग रोड से जुड़ आने-जाने के समय को काफी कम करेगा.

इस पुल में केबल के 127 हिस्से और 17,300 टन की गोलाकार बेअरिंग इस्तेमाल की गयी है. पहले सिग्नेचर पुल की घोषणा 2004 में की गयी थी और इसे 2010 के Commonwealth Games तक पूरा हो जाना था. लेकिन, कई कारणों से इसका निर्माण टलता चला गया.

क़ुतुब मीनार से दोगुने ऊंचे सिग्नेचर पुल का ड्रोन फुटेज आपको चौंका देगा!

आने वाले दिनों में सिग्नेचर पुल के सैलानी केंद्र बनने की उम्मीद है. हालांकि अभी आम जनता के लिए सारी चीज़ें नहीं शुरू की गयी हैं, इस पुल पर से गाड़ियां आने-जाने लगी हैं. साथ ही सरकार ने अभी ये घोषणा नहीं की है की सैलानियों को पुल के ऊपर पहुँचने के लिए क्या कीमत चुकानी होगी. हालांकि दिल्ली में यमुना पार करने के लिए कई पुल हैं लेकिन कोई भी सिग्नेचर पुल की भव्यता के सामने नहीं टिकता.