भारत का रोड पर सुरक्षा के मामले में रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. हर साल, भारत की सड़कों पर हज़ारों एक्सीडेंट होते हैं जिनके पीछे ड्राइवर्स के ट्रैफिक नियम को नज़रन्दाज़ करना होता है. लेकिन, अब प्रशासन नियम तोड़ने वाले ड्राइवर्स और राइडर्स की और सख्त हो रही है. इसी सख्ती में सबसे ताज़ा मुहीम है अहमदाबाद पुलिस की जिसमें नियम तोड़ने वाले सड़क पर पाबंदी भी झेल सकते हैं.
अहमदाबाद पुलिस के इस नए मुहीम के तहत RTO सड़क पर गलत तरफ चल रहे ड्राइवर्स और राइडर्स को ब्लैकलिस्ट कर देगा. एक नियम तोड़ने वाले को तभी ब्लैकलिस्ट किया जाएगा जब वो दूसरी बार नियम तोड़ते हुए पकड़ा जाएगा, उसके बाद उसपर एक FIR दर्ज किया जाएगा और गाड़ी के कागज़ को RTO में भेज दिया जाएगा. नियम तोड़ने वाले के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा.
जिला ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर (पश्चिम) Sanjay Kharat ने Times of India से बात करते हुए कहा, “इसके पहले अगर नियम तोड़ने वाले को पांचवी बार नियम तोड़ते हुए पकड़ा जाता, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता था. लेकिन, नए ट्रैफिक नियम के साथ, ट्रैफिक पुलिस केवल दूसरी बार की नियम तोड़ने पर पकड़े जाते हुए पुलिस RTO को लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा कर सकती है.”
इसके पहले, RTO लोगों को पांचवी बार नियम तोड़ने पर लोगों को ब्लैकलिस्ट किया करती थी. लेकिन, नए नियम ट्रैफिक पुलिस को ज़्यादा पॉवर देते हैं और उम्मीद है की इससे अहमदाबाद शहर के ड्राईवर और राइडर्स सड़क पर ज़्यादा सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाएंगे. अहमदाबाद पुलिस ने पहले ही कार्यवाही शुरू कर दी है. DCP Sanjay Kharat ने Times of India को बताया की अहमदाबाद RTO ने केवल मंगलवार को 7 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किये हैं और शहर की ट्रैफिक पुलिस इस मुहीम पर और जोर-शोर से कम करने वाली है.
अहमदाबाद पुलिस का ये कदम शहर में सुरक्षित ड्राइविंग की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. नए और सख्त नियम नियम लोगों को गुजरात के सबसे बड़े शहर में सुरक्षित रूप से चलने में मदद करेंगे.
जहां नए सख्त नियम लोगों को सही से ड्राइव करने को मजबूर करेंगे बाकि के देश में अहमदाबाद वाले नियम लागू नहीं होंगे. हम उम्मीद करते हैं की देशभर के कानून निर्माता ऐसे ही सख्त नियम लाना शुरू करें. अगर पुलिस ऐसे नियमों को सख्ती से लागू करना शुरू करती है, तो शायद ड्राइवर्स और राइडर्स अपने लाइसेंस को गंवाने के डर से और ज़िम्मेदारी से गाड़ी चलाएंगे. इससे हमारे सड़कों के ज़्यादा सुरक्षित होने की उम्मीद बढ़ेगी.